घर में भी मास्क पहने रहने का समय आया है – नीति आयोग का आवाहन

नई दिल्ली – देश में प्रतिदिन सामने आ रहे कोरोना के नए मामलों की संख्या बढ़कर ३.५ लाख तक जा पहुँची है। साथ ही २४ घंटों के दौरान देश में लगभग २.५ हज़ार संक्रमितों की मौत हो रही है। लेकिन, ऐसी स्थिति होते हुए भी कई स्थानों पर मास्क पहनने के साथ-साथ सुरक्षित दूरी बनाए रखने जैसे नियमों का पालन होता हुआ नहीं दिख रहा है। लेकिन, मौजूदा समय में घर में होते हुए भी मास्क पहने रहना है, ऐसा इशारा नीति आयोग के सदस्य डॉ.वी.के.पॉल ने दिया है। साथ ही ड़रना नहीं है। अनावश्‍यक ड़र फैलने से विपरित असर हो रहा है और इस वजह से अस्पतालों पर भार बढ़ रहा है, ऐसा बयान एम्स के संचालक डॉ.रणदीप गुलेरिया ने किया है।

india-corona-masksदेश में रविवार के दिन कोरोना के ३.५२ लाख नए मामले पाए गए थे और २८१२ संक्रमित मृत हुए। सोमवार के दिन अलग अलग राज्यों की सार्वजनिक की हुई जानकारी पर गौर करें तो सोमवार के एक दिन में देश में कोरोना के सामने आए नए मामलों की संख्या ३ लाख के करीब होगी, ऐसे आसार दिख रहे हैं। महाराष्ट्र में चौबीस घंटों के दौरान रविवार की तुलना में पाए गए नए मामलों की संख्या १८ हज़ार से कम रही और इस दौरान राज्य में ५२४ संक्रमितों की मौत हुई। इसके अलावा राज्य में एक दिन में तकरीबन ७१ हज़ार संक्रमित स्वस्थ हुए। उत्तर प्रदेश में इन चौबीस घंटों के दौरान २४९ संक्रमित मृत हुए और ३३ हज़ार से अधिक मामले दर्ज़ हुए। कर्नाटक में २९,७४४ नए मामले सामने आए और २०१ संक्रमितों की मृत्यू हुई। इसी बीच केरल में कोरोना के २८ हज़ार नए मामलें दर्ज़ हुए।

देश में कोरोना की दूसरी लहर चोटी पर जाने के लिए अभी अवसर होने की बात विशेषज्ञ कह रहे हैं। ऐसी स्थिति में देश में रोज़ाना सामने आ रहे कोरोना के नए मामलों की संख्या बढ़कर पांच लाख तक जा सकती है, ऐसी आशंका विशेषज्ञ जता रहे हैं। इस पृष्ठभूमि पर नीति आयोग के सदस्य डॉ.वी.के.पॉल ने अब घरों में भी मास्क पहने रहने का समय आया होने का इशारा दिया है। मास्क पहनने और सुरक्षित दूरी बनाए रखने के नियमों का पालन किया जाए तो कोरोना संक्रमण को रोकना मुमकिन होगा, ऐसा भी डॉ.पॉल ने कहा।

कोई व्यक्ति कोरोना संक्रमित होता है और वो मास्क पहनने और सुरक्षित दूरी बनाए रखने के नियमों का पालन नहीं करता है तो ऐसे व्यक्ति के कारण एक महीने में लगभग ४०० से अधिक लोग संक्रमित हो सकते हैं। यदि वो संक्रमित नियमों का ५० प्रतिशत पालन भी करता है तो उससे १५ लोग संक्रमित हो सकते हैं। यदि उसने ७५ प्रतिशत नियमों का पालन किया तो उससे मात्र २ या ३ लोग संक्रमित होने का खतरा रहता है, ऐसा डॉ.पॉल ने कहा। इसे ध्यान में रखकर डॉ.पॉल ने अब घरों में भी मास्क पहने रहने का समय आया होने का इशारा दिया।

साथ ही कोरोना से ड़रने की आवश्‍यकता नहीं है और अधिकांश संक्रमित घरों में रहकर ही डॉक्टर की सलाह से इलाज़ करके स्वस्थ हो सकते हैं। सभी संक्रमितों को अस्पतालों में दाखिल होने की आवश्‍यकता नहीं होती है। कई कोरोना संक्रमित उन्हें अस्पताल में भरती होना पड़ा या ऑक्सिजन लगाने की आवश्‍यकता पड़े जाए तो? इस ड़र के मारे वे पहले ही अस्पताल में दाखिल हो जाते हैं। इस वजह से अस्पतालों में भीड़ हो रही है। लेकिन, इस वजह से ज़रूरतमंद संक्रमितों का इलाज़ हो मिल पाता, ऐसा बयान ‘एम्स’ के संचालक डॉ.रणदीप गुलेरिया ने किया है। साथ ही कुछ लोग इस तरह से ड़रकर घरों में ही दवाईयों का भंड़ारण कर रहे हैं और इस वजह से बाज़ारों में किल्लत निर्माण होने की बात गुलेरिया ने कही।

इसी बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को गंभीरता से स्थानीय और छोटे आकार के कन्टेन्मेंट ज़ोन तैयार करने पर ध्यान देने को फिर से कहा है। जिस क्षेत्र में संक्रमित पाए जाते हैं वहीं पर कन्टेन्मेंट ज़ोन तैयार करने पर जोर देने की कार्यपद्धती स्वीकारें, ऐसा सुझाव केंद्रीय गृहमंत्रालय ने राज्यों को दिया है।

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