दुनियाभर के प्रमुख देशों द्वारा भारत को सहायता प्रदान करने की तैयारी

नई दिल्ली – कोरोना की दूसरी लहर का फैलाव भारत में भयावह रूप में बढ़ रहा है, ऐसे में दुनियाभर के प्रमुख देशों की सहायता भारत तक पहुँचने लगी है। जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा ने फोन करके भारत के प्रधानमंत्री मोदी के साथ चर्चा की और संपूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया। भारत पर मँडरा रहे ऑक्सीजन की कमी के संकट को मद्देनजर रखकर, ब्रिटेन ने ऑक्सीजन के संयंत्र और अन्य सहायता प्रदान करने की तैयारी की है। फ्रान्स तथा ऑस्ट्रेलिया इन देशों ने ऑक्सीजन वेंटिलेटर भेजने की घोषणा की है। प्रमुख देश भारत से यह सहयोग कर रहे हैं, लेकिन चीन ने भारत को दी जानेवाली सहायता रोकने का फैसला किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा इनकी फोन पर चर्चा संपन्न हुई। भारत में कोरोना की महामारी फैल रही है, ऐसे में इस महामारी का एक रुप से मुकाबला करने का निर्धारण दोनों नेताओं ने इस समय व्यक्त किया। इसके लिए विश्‍वासार्ह सप्लाई चैन, अत्याधुनिक सामग्री और तंत्रज्ञान की आपूर्ति यह मुद्दे इस चर्चा में अग्रस्थान पर थे। उसी के साथ, अत्याधुनिक तंत्रज्ञान के निर्माण के लिए दोनों देशों के संयुक्त प्रयासों का निर्धार भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा ने इस चर्चा में व्यक्त किया। इसी बीच, भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने ब्रिटेन के विदेश मंत्री डॉमनिक राब के साथ भी फोन पर चर्चा की होने की खबर है।

एक ही दिन पहले भारत में कोरोना की महामारी रोकने के लिए आवश्यक सामग्री की सप्लाई करने की घोषणा ब्रिटेन ने की थी। उसके बाद दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच चर्चा हुई है। विदेश मंत्री जयशंकर ने सोशल मीडिया में इसकी जानकारी दी। इसीके साथ, जयशंकर की संयुक्त अरब अमिरात के विदेश मंत्री शेख अब्दुल्ला बिन झायेद अल नह्यान के साथ भी फोन पर चर्चा हुई। भारत के सामने कोरोना का संकट खड़ा है, ऐसे में संयुक्त अरब अमिरात दे रहा सहयोग और समर्थन इसके लिए विदेश मंत्री जयशंकर ने शुक्रिया अदा किया है।

ऑस्ट्रेलिया ने भी, भारत को कोरोना की महामारी का सामना करते समय आवश्यक होनेवाले ऑक्सिजन, व्हेंटिलेटर्स, पीपीई किट्स इस सामग्री की सप्लाई की घोषणा की है। भारत को ऑक्सीजन की कमी महसूस हो रही है और ऑस्ट्रेलियन सरकार इसकी सप्लाई के लिए आवश्यक गतिविधियाँ कर रही है, ऐसा ऑस्ट्रेलिया के स्वास्थ्य मंत्री आरोग्यमंत्री ग्रेग हंट ने कहा है। दुनियाभर के प्रमुख देश भारत को इस मोरचे पर आवश्यक होनेवाली सहायता प्रदान करने की घोषणा कर रहे थे, ऐसे में चीन ने भी भारत को सहायता का प्रस्ताव दिया था।

चीन की सरकारी विमानसेवा कंपनी होनेवाली सिचुआन एअरलाईन्स ने, भारत ने माँग की हुई सामग्री रोककर रखी है। सिचुआन एअरलाईन्स ने ऐन वक्त पर भारत के साथ अपनी कार्गो सर्व्हिस यानी मालढुलाई बंद की। इस कारण चीन से माँगी हुई सामग्री भारत नहीं पहुँच सकी है। दरअसल यह सहायता ना होकर आर्थिक व्यवहार था, लेकिन उसे भी चीन ने पूरा नहीं होने दिया। इससे यही साबित हुआ है कि चीन द्वारा भारत को दिया जानेवाला सहायता का प्रस्ताव खोखला था। फिलहाल भारत और चीन के बीच का तनाव मद्देनज़र रखते हुए, चीन की सरकारी कंपनी द्वारा किया गया यह फैसला राजनीतिक स्वरूप का होने के आसार दिख रहे हैं।

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