नए प्रकार के कोरोना से घबराने की आवश्‍यकता नहीं है – नीति आयोग के सदस्यों का दावा

नई दिल्ली – ब्रिटेन में देखे गए कोरोना के नए प्रकार का एक भी संक्रमित भारत में दूर-दूर तक देखा नहीं गया है। इस वजह से कोरोना विषाणु के इस नए प्रकार से घबराने की आवश्‍यकता नहीं है बल्कि, सिर्फ सावधानी बरतने की एवं ध्यान रखने की आवश्‍यकता है। ऐसा बयान नीति आयोग (स्वास्थ्य) के सदस्य डॉ.वी.के.पॉल ने किया है। साथ ही कोरोना के नए प्रकार का तैयार हो रहे टीकों पर बिल्कुल असर नहीं होगा बल्कि, कोरोना के विषाणु में हुए बदलाव के बाद भी यह टीके प्रभावी साबित होंगे, यह दावा भी पॉल ने किया है।

new-virus-coronaब्रिटेन में देखे गए कोरोना के नए प्रकार की वजह से विश्‍वभर में आतंक का माहौल है। कोरोना के विषाणु में हुए अनुवांशिक बदलाव की वजह से इस विषाणु के संक्रमण की गति बढ़ी है। ब्रिटेन में यह विषाणु देखे जाने के बाद लॉकडाउन सख्त किया गया है। कई देशों ने बदलाव हुआ कोरोना का यह विषाणु अपने देश में आने से रोकने के लिए ब्रिटेन से आनेवाले विमानों के प्रवेश पर पाबंदी लगाई है। भारत ने भी सोमवार के दिन इसी तरह का निर्णय किया था। लेकिन, इससे पहले से ही भारत में पहुँचे यात्रियों का हवाईअड्डों पर परीक्षण किया जा रहा है और उन्हें क्वारंटाईन भी किया जा रहा है। यूरोप से आनेवाले यात्रियों के साथ ही अन्य देशों से आनेवाले यात्रियों को लेकर भी सावधानी बरती जा रही है। इन सभी यात्रियों की ट्रैवल हिस्ट्री की जाँच की जा रही है।

ब्रिटेन से भारत के अलग अलग हवाई अड्डों पर उतरे यात्रियों का कोरोना परीक्षण किया गया है। अमृतसर हवाई अड्डे पर उतरे सात यात्री कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। अहमदाबाद हवाई अड्डे पर पांच यात्रियों की रपट ‘पॉजिटिव’ देखी गई है। इनमें से एक ब्रि्टिश नागरिक है। दिल्ली हवाई अड्डे पर भी ब्रिटेन से पहुँचे पांच यात्री कोरोना संक्रमित होने की बात सामने आयी है। रविवार की रात को ब्रिटेन से कोलकाता पहुँचे दो यात्री कोरोना संक्रमित पाए गए थे।

लेकिन, इनमें से कोई भी कोरोना के नए विषाणु से संक्रमित ना होने की बात स्पष्ट की गई है। कोरोना का नया प्रकार खतरनाक है क्योंकि, इसका संक्रमण अधिक गति से होता है। लेकिन, इस वायरस की वजह से किसी की भी स्थिति गंभीर होने की या मौत होने की बात सामने नहीं आयी है। सिर्फ इस विषाणु के संक्रमण की रफ्तार काफी ज्यादा है। इस वजह से घबराने की या बदलाव के साथ सामने आये इस कोरोना के विषाणु से आतंक में रहने की आवश्‍यकता नहीं है। केवल सतर्कता की आवश्‍यकता है, ऐसा बयान नीति आयोग के सदस्य डॉ.पॉल ने किया। किसी विषाणु में बदलाव देखा जाना आम बात है। कई विषाणुओं में ऐसे बदलाव देखे जाते हैं, यह बात पॉल ने रेखांकित की।

साथ ही कोरोना का टीका छोटे बच्चों को नहीं लगाया जाएगा, यह बात भी डॉ.पॉल ने स्पष्ट की। टीका लगाने से संबंधित गाईडलाईन्स अंतरराष्ट्रीय ‘स्टैण्डर्ड’ के अनुसार तय की गई हैं। बड़े लोगों को कोरोना का संक्रमण होने का खतरा अधिक देखा गया है। साथ ही अब तक कोरोना के टीके का परीक्षण १८ वर्ष से अधिक उम्र के लोगों पर किया गया है, इस ओर भी डॉ.पॉल ने ध्यान आकर्षित किया।

इसी बीच, भारत में बीते सात दिनों में दस लाख नागरिकों में १२४ कोरोना संक्रमित देखे जा रहे हैं। जागतिक स्तर पर यही दर ५८८ पाया गया है। इसके साथ ही भारत में हर दस लाख लोगों में से कोरोना के कारण दो लोगों की मृत्यु हो रही है। तो, जागतिक स्तर पर कोरोना से १० की मौत हो रही है। इस वजह से भारत में कोरोना संक्रमण कम होने का बयान स्वा्स्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने कि्या है। साथ ही देश के २६ राज्यों में इलाज़ करवा रहे कोरोना संक्रमितों की संख्या फिलहाल १० हज़ार से भी कम होने की बात भूषण ने रेखांकित करके साझा की।

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