महात्मा गाँधीजी की ऐतिहासिक यात्रा की स्मृती से दक्षिण अफ्रीका की यात्रा तीर्थयात्रा बनी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

पीटरमेरित्झबर्ग, दि. ९ (पीटीआय)- ‘फर्स्ट क्लास का टिकट होने के बावजूद भी वंशीय भेदभाव के कारण गाँधीजी को दक्षिण अफ्रीका के पीटरमेरित्झबर्ग रेल स्थानक पर उतार दिया गया था| आगे चलकर यही रेल स्थानक  तीर्थक्षेत्र बना| इस तीर्थक्षेत्र को भेट देने का अवसर मुझे मिला यह मेरा सौभाग्य है, इन शब्दों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी भावना प्रकट की| दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्राध्यक्ष जेकब झुमा के साथ प्रधानमंत्री मोदी ने पीटरमेरित्झबर्ग तक रेल यात्रा करते हुए महात्मा गाँधीजी की ऐतिहासिक यात्रा की स्मृतियाँ जागृत कीं| इस समय प्रधानमंत्री मोदी ने – ‘द बर्थ प्लेस ऑफ सत्याग्रह’ इस महात्मा गाँधीजी के जीवन से संबंधित म्युझियम का अनावरण किया|

SA-visit1 - महात्मा गाँधीजीदक्षिण अफ्रीका की यात्रा पर आये प्रधानमंत्री मोदी ने ‘महात्मा गाँधीजी यह दोनों देशों को जोड़नेवाले नेता थे’ ऐसा कहा| जोहान्सबर्ग में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए, ‘महात्मा गाँधीजी जितने भारत के थे, उतने ही वे दक्षिण अफ्रीका के भी हैं| साथ ही, दक्षिण अफ्रीका गाँधीजी की कर्मभूमी थी, यह भी प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया| इधर ही मोहनदास करमचंद गाँधी ‘महात्मा गाँधी’ बने, ऐसा प्रधानमंत्री ने कहा| शनिवार को  प्रधानमंत्री ने पीटरमेरीत्झबर्ग की रेलयात्रा करते हुए महात्मा गाँधीजी की ऐतिहासिक स्मृति को जागृत किया|

पीटरमेरीत्झबर्ग रेल स्थानक में उतारे जाने के बाद गाँधीजी ने वेटिंग रूम में रात बितायी थी| वहीं पर ‘द बर्थ प्लेस ऑफ सत्याग्रह’ म्युझियम की स्थापना की गई है| म्युझियम का उद्घाटन प्रधानमंत्री मोदी द्वारा किया गया| गाँधीजी से जुडी हुई हर वस्तु इस म्युझियम में है|

इसी दौरान, प्रधानमंत्री मोदी का दक्षिण अफ्रीका दौरा काफी सफल हुआ, ऐसा स्पष्ट हो रहा है| इस दौरे में दोनों देशों में कुल चार समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए| रक्षाविषयक सहयोग से लेकर रक्षासामग्री निर्माण और उत्पादन क्षेत्रों में सहयोग बढाने पर दोनों देशों में सहमति हुई| साथ ही, भारत के ‘एनएसजी’ सदस्यता को समर्थन देने की तैयारी दक्षिण अफ्रीका ने दिखाई है|

शनिवार को दक्षिण अफ्रीका की यात्रा संपन्न करके प्रधानमंत्री मोदी टांझानिया के लिए रवाना हुए| उसके बाद अफ्रीका यात्रा का आखिरी चरण रहनेवाले सुदान को प्रधानमंत्री मोदी भेट देंगे| मोझांबिक, दक्षिण अफ्रीका, टांझानिया, सुदान इन अफ़्रीकी देशों की यात्रा के पीछे भारत की सुनियोजित नीति मानी जाती है| पिछले दशक के दौरान, चीन का अफ्रीकी देशों पर प्रभाव काफ़ी बढ़ा है| लेकिन भारत इस दौड़ में पिछड़ गया था| अब भारत ने अफ्रीका संदर्भ की नीति में आक्रामक बदलाव किये हैं| पिछले साल भारत में संपन्न हुई अफ्रीका समिट को अफ्रीकी देशों द्वारा दिए गए प्रतिसाद को देखते हुए, भारत के प्रयासों को सफलता मिल रही है, ऐसा माना गया| इस पृष्ठभूमिपर, प्रधानमंत्री की इस यात्रा की ओर बड़ी उम्मीदों से देखा जा रहा है|

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