परमाणु समझौते पर ईरान से होनेवाली बातचीत में सौदी का समावेश होना चाहिये – फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष इमैन्युएल मैक्रॉन

पैरिस/जेद्दाह – ‘वर्ष २०१५ में ईरान के साथ परमाणु समझौता करते समय की गई गलती इसके आगे नहीं होनी चाहिये। ईरान के साथ परमाणु समझौते के मुद्दे पर बातचीत करते समय सौदी अरब और इस क्षेत्र के अपने मित्रदेशों को भी शामिल करना होगा’, ऐसा इशारा फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष इमैन्युएल मैक्रॉन ने दिया है। इसके साथ ही ईरान को परमाणु हथियारों से सज्जित होने से रोकने के लिए अपने हाथों में काफी कम समय शेष होने का इशारा भी फ्रेंच राष्ट्राध्यक्ष ने दिया है।

iran-saudiफ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष मैक्रॉन ने माध्यमों के साथ बातचीत करते समय बायडेन प्रशासन और पश्‍चिमी देशों पर दबाव बढ़ा रहे ईरान पर अपनी प्रतिक्रिया दर्ज़ की। ईरान का परमाणु कार्यक्रम काफी खतरनाक मार्ग से आगे बढ़ रहा है। इसे समय पर रोका नहीं गया तो ईरान परमाणु हथियारों से सज्जित होने से काफी नज़दिक पहुँचेगा, इस बात का अहसास मैक्रॉन ने कराया है।

वर्ष २०१५ में हुए परमाणु समझौते का उल्लंघन कर रहे ईरान के साथ इसके आगे चर्चा करते समय अधिक सख्त भूमिका अपनानी होगी। साथ ही इस चर्चा में खाड़ी क्षेत्र के सौदी अरब एवं अन्य अरब मित्रदेशों को भी शामिल करना आवश्‍यक रहेगा, यह इशारा मैक्रॉन ने दिया है, ऐसी जानकारी सौदी के अग्रीम समाचार चैनल ने साझा की है। पांच वर्ष पहले हुए परमाणु समझौते से सौदी अरब और अन्य देशों को अलग रखकर अमरीका और यूरोपिय देशों ने बड़ी गलती की थी, ऐसी फटकार फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष ने लगाई है।

iran-saudiईरान के परमाणु समझौते के लिए अमरीका ने नियुक्त किए हुए विशेषदूत रॉबर्ट मैले ने दो दिन पहले ही फ्रान्स, ब्रिटेन और जर्मनी के अधिकारियों से चर्चा की थी। इसके बाद फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर बायडेन प्रशासन को इशारा दिया हुआ दिख रहा है। परमाणु समझौते पर चर्चा के लिए अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने मैले की नियुक्ती की है। बायडेन के इस निर्णय पर इस्रायल और अरब माध्यमों ने कड़ी आलोचना की है।

वर्ष २०१५ में अमरीका ने ईरान के साथ किए परमाणु समझौते में मैले ने बड़ी अहम भूमिका निभाई थी। इस वजह से मैले ईरान समर्थक होने का आरोप इस्रायली माध्यम लगा रहे हैं। इसी कारण ईरान से दुबारा बातचीत करने के लिए मैले को नियुक्त करके बायडेन प्रशासन ईरान को लेकर फिरसे नरमाई की नीति अपनाएगा, ऐसी आशंका इस्रायली माध्यम व्यक्त कर रहे हैं। लेकिन, फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष ने इस मुद्दे पर दिया इशारा बायडेन प्रशासन की चिंता बढ़ानेवाला है। इससे पहले ब्रिटेन और जर्मनी ने भी यह आरोप किया था कि, ईरान परमाणु समझौते की शर्तों का उल्लंघन कर रहा है।

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