ईरान परमाणु अस्त्र के निर्माण के करीब होते हुए फ्रान्स ने की परमाणु समझौते पर पुनर्विचार करने की माँग

पैरिस/तेहरान – बीते कुछ हफ्तों से परमाणु कार्यक्रम की गती बढ़ा रहा ईरान परमाणु अस्त्र के निर्माण के करीब पहुँच रहा है। इस वजह से वर्ष २०१५ में किए परमाणु समझौते पर तुरंत ही पुनर्विचार करके यह समझौता दुबारा कार्यान्वित करने के लिए अमरीका और ईरान शीघ्रता से कोशिश करें, ऐसी माँग फ्रान्स के विदेशमंत्री जीन य्वेस ले द्रियान ने की है। फ्रान्स के बाद ब्रिटेन और जर्मनी ने भी सख्त भूमिका अपनाकर परमाणु समझौते को बचाना हो तो ईरान इस समझौता का उल्लंघन करना बंद करे, यह इशारा दिया है। फ्रान्स के विदेशमंत्री ने किए इस बयान पर ईरान ने आपत्ति जताई है और इस पर तीखी आलोचना भी की है।

iran-franceईरान ने इसी महीने अपने परमाणु केंद्र में युरेनियम का संवर्धन २० प्रतिशत तक बढ़ाने की प्रक्रिया शुरू की है। ईरान ने फोर्दो परमाणु केंद्र पूरी क्षमता से कार्यान्वित करके वर्ष २०१५ में किए गए परमाणु समझौते का फिर एक बार उल्लंघन किया है। यूरेनियम के संवर्धन के साथ ही ईरान ने परमाणु केंद्र में सेंट्रीफ्यूजेस की संख्या बढ़ाने का भी ऐलान किया था। ऐसे में कुछ दिन पहले ईरान ने परमाणु केंद्र में इस्तेमाल हो रहे युरेनियम मेटल का निर्माण करने की तैयारी शुरू करने की बात अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा आयोग से साझा की थी।

ईरान की इन गतिविधियों पर परमाणु ऊर्जा आयोग के अध्यक्ष राफेल ग्रॉसी ने चिंता जताकर ईरान के साथ परमाणु समझौता करनेवाले अंतरराष्ट्रीय समुदाय को सावधान किया था। ईरान ने काफी तेज़ी से युरेनियम संवर्धन शुरू किया है। इसे देखकर ईरान के साथ किये गए परमाणु समझौते को बचाने के लिए अपने हाथों में महीने नहीं बल्कि कुछ ही हफ्ते बचे हैं, यह बयान ग्रॉसी ने किया था। ईरान के परमाणु कार्यक्रम की गति और ईरान ने प्राप्त की हुई यंत्रणा का दाखिला भी उन्होंने दिया था। इन दोनों के आधार पर ईरान महीने भर में १० किलो या इससे थोड़े अधिक युरेनियम का संवर्धन कर सकेगा, यह इशारा भी ग्रॉसी ने दिया था।

iran-franceअंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा आयोग ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम की गतिविधियों को लेकर दिए इस इशारे पर फ्रान्स के विदेशमंत्री द्रियान ने एक साप्ताहिक को दिए साक्षात्कार में चिंता जताई। साथ ही ‘परमाणु कार्यक्रम की गती बढ़ानेवाले ईरान को रोकना ही होगा। क्योंकि, ईरान परमाणु अस्त्र के निर्माण के काफी करीब पहुँच रहा है, यह हम बड़ी स्पष्टता से कह रहे हैं’, यह बयान फ्रेंच विदेशमंत्री ने किया है।

साथ ही वर्ष २०१५ में हुए परमाणु समझौते पर सिर्फ पुनर्विचार करना काफी नहीं होगा। बल्कि, ईरान के मिसाईल निर्माण पर और ईरान की वजह से पड़ोसी खाड़ी देशों में बढ़ रही अस्थिरता पर भी चर्चा करनी होगी, यह बयान विदेशमंत्री द्रियान ने किया है। इसके अलावा, अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने डाले हुए दबाव की वजह से ईरान के परमाणु कार्यक्रम से बने खतरे और संकट में बढ़ोतरी हुई है, ऐसी आलोचना भी फ्रेंच विदेशमंत्री ने की। फ्रान्स, ब्रिटेन और जर्मनी इन देशों ने फिर एक बार संयुक्त निवेदन जारी करके ईरान को परमाणु समझौते में निर्धारित किए नियमों के दायरे में रहने की सूचना दी है।

iran-franceपरमाणु केंद्र में युरेनिय मेटल का इस्तेमाल नागरी इस्तेमाल के लिए नहीं होता। इस वजह से ईरान अपने उठाए इस कदम का किसी भी तरह से समर्थन नहीं कर सकता, इस बात का अहसास यूरोपियन देशों ने कराया है। साथ ही युरेनियम मेटल का इस्तेमाल लष्करी कारणों के लिए किया जा रहा है तो इसके परिणाम भी गंभीर होंगे, यह इशारा यूरोपिय देशों ने दिया है।

फ्रान्स के विदेशमंत्री का बयान पूरी तरह से मूर्खता है, ऐसी तीखी आलोचना ईरान के विदेशमंत्री जावेद ज़रिफ ने की है। ‘अपने विदेश मंत्रालय के पहले दिन येमन में जारी संघर्ष के लिए सौदी अरब को हथियार प्रदान करनेवाला नेता ऐसे मूर्खता से भरे बयान ना करें’, यह बात भी ज़रिफ ने सुनाई है। इसके साथ ही ईरान के विदेश मंत्री ने यह आरोप भी किए हैं कि, ‘खाड़ी क्षेत्र की अस्थिरता के लिए ईरान नहीं बल्कि आप ही ज़िम्मेदार हैं। आपकी आलोचना करनेवालों के हाथ तोड़नेवालों का आपने ही समर्थन किया। आपने प्रदान किए हथियार ही सौदी अब येमन में बच्चों पर तान रहा है।’

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