रशिया ने ईंधन कारोबार में डॉलर और यूरो का इस्तेमाल पूरी तरह से बंद किया है – उप-प्रधानमंत्री अलेक्झांडर नोवाक का दावा

मास्को – रशिया ने ईंधन कारोबार में अमरिकी डॉलर और यूरो का इस्तेमाल पूरी तरह से बंद किया है और इनके बजाय राष्ट्रीय मुद्राओं का इस्तेमाल करने पर जोर दे रही है, यह दावा उप-प्रधानमंत्री अलेक्झांडर नोवाक ने किया। उप-प्रधानमंत्री नोवाक ने इस बार चीन के ईंधन कारोबार का ज़िक्र करके इस देश के साथ युआन और रुबल से कारोबार होने की जानकारी साझा की। कुछ दिन पहले ही अंतरराष्ट्रीय गुट ‘इंटरनैशनल एनर्जी एजेन्सी’ (आईईए) ने रशिया की ईंधन निर्यात तीन सालों में सर्वोच्च स्तर पर होने का ऐलान किया था।

ईंधन कारोबाररशिया-यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि पर पश्चिमी देशों ने रशिया पर भारी मात्रा में प्रतिबंध लगाए थे। इसमें ईंधन की कीमत पर मर्यादा लगाने के साथ ही विदेशी मुद्रा भंड़ार कुर्क करने का प्रावधान था। रशिया के साथ ईंधन कारोबार जारी रखने वाले देशों पर विभिन्न तरह से दबाव बनाकर उन्हें ईंधन कारोबार बंद करने या कम करने के लिए मज़बूर किया था। लेकिन, इस कार्रवाई का रशिया के ईंधन क्षेत्र पर ज्यादा असर नहीं हुआ हैं, यह जानकारी पिछले कुछ दिनों में लगातार सामने आ रही हैं।

ईंधन कारोबारपिछले महीने में ही रशिया के ऊर्जा मंत्री निकोलाय शुल्गिनोव ने यह गवाही दी थी कि, रशिया ने सभी प्रतिबंध सफलता के साथ ठुकराए हैं और ईंधन निर्यात जारी रखी हैं। ‘पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों से बाधित हुआ ईंधन मित्र देशों को निर्यात किया गया है। रशिया की ईंधन बिक्री कम नहीं हुई हैं’, यह ऊर्जा मंत्री निकोलाय शुल्गिनोव ने कहा था।

इसके बाद ‘इंटरनैशनल एनर्जी एजेन्सी’ ने पिछले हफ्ते नई रपट जारी की थी। इसमें मार्च महीने में रशिया से हो रही कच्चे तेल की निर्यात प्रतिदिन ८१ लाख बैरल्स तक पहुंची होने की बात कही गई। यह पिछले तीन सालों का सर्वोच्च स्तर होने की बात कही गई थी। साथ ही मार्च महीने में रशिया ने ईंधन निर्यात से १२.७ अरब डॉलर्स प्राप्त किए हैं और फ़रवरी महीने की तुलना में इसमें एर अरब डॉलर्स वृद्धि होने की जानकारी ‘इंटरनैशनल एनर्जी एजेन्सी’ साझा की थी।

इससे बाद अब रशिया उप-प्रधानमंत्री ने यह दावा किया कि, रशिया ने ईंधन कारोबार से डॉलर और यूरोप को हटाया। इसके पीछे चीन और भारत ने भारी मात्रा में की हुई खरीद कारण होने की बात समझी जा रही है। साथ ही ‘प्राईस कैप’ लगाने वाले ‘जी ७’ देशों में से जापान ने भी रशिया से ईंधन आयात जारी रखने की बात सामने आयी है। 

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