’पीओके’ में चीन की परियोजनाओं के खिलाफ़ स्थानीय नागरिकों ने किए जोरदार प्रदर्शन

मुज़फ्फराबाद – ‘नीलम-झेलम बहने दो, हमें ज़िंदा रहने दो’, ‘दर्या बचाओ मुज़फ्फराबाद बचाओ’ ऐसे नारे देकर पीओके के मुज़फ्फराबाद में हज़ारों की संख्या में उपस्थित स्थानीय नागरिकों ने चीन से निर्माण हो रही परियोजनाओं के खिलाफ़ जोरदार प्रदर्शन किए। नीलम-झेलम नदियों पर पाकिस्तान चीन की सहायता से अवैध निर्माण कार्य कर रहा है। इन परियोजनाओं के खिलाफ़ स्था्नीय नागरिकों ने रात को ‘मशाल रैली’ निकाली। इन परियोजनाओं का काम जब तक बंद नहीं किया जाता तब तक यह विरोध जारी रहेगा, ऐसा बयान इन स्थानीय नागरिकों ने बड़े गुस्से में किया है। पीओके के स्थानीय नागरिकों ने इससे पहले भी चीन और पाकिस्तान के खिलाफ़ आवाज़ उठाई थी। लेकिन, पाकिस्तान दबावतंत्र का इस्तेमाल करके स्थानीय नागरिकों की आवाज़ दबाने की कोशिश कर रहा है। लेकिन, उतना ही पीओके की जनता पाकिस्तान के खिलाफ़ तीव्रता से आवाज़ उठा रही है।

’पीओके’ में चीन की परियोजनाओं के खिलाफ़ स्थानीय नागरिकों ने किए जोरदार प्रदर्शनपाकिस्तान और चीन के बीच हाल ही में ‘पीओके’ के आज़ाद पटन और कोहला जल बिजली परियोजना का निर्माण करने से संबंधित समझौता हुआ है। इसके तहत नीलम और झेलम नदीयों पर इन परियोजनाओं का निर्माण होगा। इसमें से ७०७.७ मेगावॉट का आज़ाद पटन जल बिजली परियोजना चीन की ‘चायना पाकिस्तान इकॉनॉमिक कॉरिडोर’ (सीपीईसी) का हिस्सा है। इसके लिए चीन की कंपनी ने अरबों डॉलर्स का निवेश किया है। कोहला जल बिजली परियोजना का निर्माण झेलम नदी पर होगा। चीन की तीन कंपनियों ने इन परियोजनाओं में निवेश किया है। वर्ष २०२६ तक इस परियोजना का काम पूरा होगा, यह दावा चीन और पाकिस्तान कर रहे हैं।

लेकिन, चीन इन परियोजनाओं के माध्यम से नीलम-झेलम नदियों का पानी रोक रहा है, यह आरोप स्थानीय लोग कर रहे हैं। इसके कारण पर्यावरण के लिए खतरा बन रहा है, यह दावा भी स्थानीय नागरिक कर रहे हैं। पाकिस्तान के राजनीतिक नेताओं की सहायता से चीन हमारा शोषण कर रहा है, यह आरोप करके स्थानीय नागरिकों ने सोमवार की रात को इन परियोजनाओं के खिलाफ़ प्रदर्शन किए। मुज़फ्फराबाद शहर की जनता के साथ ही पीओके के अन्य हिस्से से बड़ी संख्या में पहुँची जनता इन प्रदर्शनों में शामिल हुई थी। पाकिस्तान की हुकूमत जब तक चीन की इन परियोजनाओं को रद नहीं करती तब तक यह प्रदर्शन जारी रहेंगे, यह इशारा स्थानीय लोगों ने इस दौरान दिया।

चीन के अरबों डॉलर्स की ‘सीपीईसी’ परियोजना के खिलाफ़ पीओके की जनता के मन में असंतोष बढ़ रहा है। इन परियोजनाओं की आड़ में चीन ने मुज़फ्फराबाद के साथ पीओके के अन्य हिस्सों के साथ गिलगित-बाल्टिस्तान में भी ड़ेरा जमाना शुरू किया है, ऐसे आरोप स्थानीय जनता कर रही हैं। साथ ही पीओके की इन परियोजनाओं की आड़ चीन इन नदियों का प्रवाह खतरनाक तरीके से मोड़ रहा है, इस ओर भी यह प्रदर्शनकारी ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। चीन की इन हरकतों की वजह से स्थानीय लोगों की जान के लिए खतरा निर्माण होने का आरोप यह नागरीक कर रहे हैं। साथ ही इन परियोजनाओं का बहाना बनाके चीन और पाकिस्तान गिलगित-बाल्टिस्तान की खनिज संपत्ति को लूट रहे हैं, यह आरोप भी स्थानीय लोगों ने लगाया हैं।

’पीओके’ में चीन की परियोजनाओं के खिलाफ़ स्थानीय नागरिकों ने किए जोरदार प्रदर्शनपीओके की जनता की तरह ही पाकिस्तान के बलोचिस्तान, सिंध और पंजाब प्रांत की जनता ने भी इस सीपीईसी परियोजना के खिलाफ़ प्रदर्शन शुरू किए हैं। सीपीईसी की आड़ में चीन अब पाकिस्तान का शोषण कर रहा है, यह आरोप पाकिस्तान के पूर्व राजदूत हुसेन हक्कानी ने लगाया था। तभी पीओके अपना क्षेत्र हैं यह बात स्पष्ट करके भारत ने वहां पर चीन की सीपीईसी परीयोजना का निर्माण कार्य करने के लिए कड़ा विरोध किया हैं। पीओके के साथ ही पंजाब, सिंध और बलोचिस्तान से सीपीईसी को बड़ रहे विरोध पर चीन ने पहले ही नाराज़गी व्यक्त की है। साथ ही पाकिस्तान ने इस परियोजना की सुरक्षा के लिए अधिक सेना तैनात करे, यह सूचना भी चीन ने पाकिस्तान को की थी। साथ ही इन परियोजनाओं पर हमले करनेवाले गुटों को आतंकी संगठन घोषित करने की सूचना भी चीन ने दी थी।

इसी बीच, सोमवार के दिन पीओके के डयाल शहर के निवासियों ने बिजली की कमी और पाकिस्तान कर रहे मानव अधिकारों के उल्लंघन के खिलाफ़ प्रदर्शन किए। पाकिस्तान वॉटर ऐण्ड पॉवर डेवलपमेंट ऑथॉरिटी (डब्ल्यूएपीडीए) प्रति दिन पीओके में बिजली की सप्लाई काटती रहती है। बीते ७० वर्षों से डब्ल्यूएपीडीए जनता को लूट रही है। भ्रष्टाचार में भी काफी बढ़ोतरी होने की बात यह निवासी कह रहे हैं। इसके खिलाफ़ पीओके की जनता रास्तों पर उतरी है। दो सप्ताह पहले इसी कारण से पीओके के स्थानीय लोगों ने प्रदर्शन किए थे। तभी बीते सप्ताह में पीओके में एक प्रदर्शनकारी ने पाकिस्तान का झंड़ा उतारा था। पाकिस्तानी यंत्रणा ने उसे गिरफ्तार भी किया था। उसकी रिहाई की माँग भी इस दौरान स्थानीय लोगों ने की है।

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