चायना-पाकिस्तान इकॉनोमिक कोरिडोर के लिए चीन से अफगानिस्तान पर दबाव लाने के संकेत

बीजिंग: चीन की महत्वाकांक्षी ‘वन बेल्ट वन रोड’ योजना का भाग होनेवाले ‘चायना पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर’ (सीपीईसी) में अब अफ़ग़ानिस्तान का समावेश करने के प्रयास शुरू हुए हैं। चीन की राजधानी बीजिंग में हुए चीन-पाकिस्तान-अफ़ग़ानिस्तान बैठक में चीन द्वारा सीपीईसी में समाविष्टित होने के लिए अफ़ग़ानिस्तान पर दबाव लाने की बात सामने आ रही है। यह बैठक अफ़ग़ानिस्तान एवं पाकिस्तान के बीच संघर्ष तथा तनाव कम करने के लिए एवं तालिबान के साथ शांति स्थापित करने का भाग होने के लिए आयोजित की गई थी।

‘वन बेल्ट वन रोड’ योजना

अफ़ग़ानिस्तान को तत्काल विकास तथा जनता के जीवनमान को सुधारने की आवश्यकता है। इसकी वजह से विभिन्न देशों को जोड़नेवाली योजना में अफ़ग़ानिस्तान शामिल होगा, ऐसी आशा है। ‘चायना पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर’ यह योजना आगे अफ़ग़ानिस्तान तक बढ़ाने से सभी को लाभ होगा, ऐसे प्रावधान के साथ योग्य मार्ग से इसे कार्यान्वित किया जाएगा। इसे सभी को फायदा होने की वजह से अफ़ग़ानिस्तान भी इसमें शामिल हो, ऐसे चीन एवं पाकिस्तान की इच्छा है। इन शब्दों में पाकिस्तान के विदेश मंत्री वांग यी ने अफ़ग़ानिस्तान को सीपीईसी में शामिल होने के लिए आवाहन किया है।

सीपीईसी का अफ़ग़ानिस्तान तक विस्तार करने के लिए चीन, पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान इन तीनो देशो में एकमत होना होना आवश्यक है। उसके लिए पहले तो सरल और छोटे प्रकल्पों पर जोर दिया जाएगा, ऐसा चीन के विदेशमंत्री ने आगे कहा है। ‘चायना पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर’ यह महत्वाकांक्षी योजना संपूर्ण प्रदेश के लिए लाभदायक होने वाली है। जिससे विकास को बड़ी चालना मिलेगी ऐसा दावा भी किया जा रहा है।

सीपीईसी के विस्तार के लिए आग्रही होनेवाले बैंक ने बीजिंग में हुए बैठक के दौरान अफ़ग़ानिस्तान एवं पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण संबंध पूर्ववत करने पर एकमत दर्शाकर घोषणा की है। पिछले कई वर्षों से अफगानिस्तान एवं पाकिस्तान के संबंध लगातार बिगड़े हैं। जिससे दोनों देशों में तनाव निर्माण हुआ है। अफगानिस्तान में होने वाले आतंकवादी हमलों के लिए पाकिस्तान जिम्मेदार होने का दावा अफ़ग़ानिस्तान से लगातार किया जा रहा है। आतंकवादी हमले करनेवाले तालिबान एवं अन्य आतंकी संगठन को पाकिस्तान द्वारा स्पष्ट तौर पर सहायता मिलने का आरोप भी अफ़ग़ानिस्तान ने किया है।

पाकिस्तान ने ही देश में होनेवाले हिंसक घटनाओं के लिए अफ़ग़ानिस्तान को जिम्मेदार ठहराया है और अफगानी शरणार्थियों को वापस भेजने का निर्णय लिया है। उस समय दोनो देशों की सीमा पर बाड़ निर्माण किया जा रहा है। जिसका अफ़ग़ानिस्तान ने जोरदार विरोध किया था। इस पृष्ठभूमि पर चीन ने किए मध्यस्थी एवं वन बेल्ट वन रोड का भाग होनेवाले सीपीईसी के अफ़ग़ानिस्तान तक विस्तार के लिए हो रहे प्रयत्न ध्यान केंद्रित करने वाले हैं। चीन ने ‘चायना पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर’ के लिए लगभग ६ हजार करोड़ डॉलर के निवेश किया है।

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