भारत के साथ बढ़े तनाव की पृष्ठभूमि पर चीन पाकिस्तान को चार प्रगत विध्वंसक प्रदान करेगा – पहली विध्वंसक पाकिस्तान की दिशा में रवाना

बीजिंग/इस्लामाबाद – भारत के साथ नियंत्रण रेखा पर बना तनाव अभी कायम है और तभी चीन ने पाकिस्तान को चार प्रगत विध्वंसक प्रदान करने का निर्णय किया है। इनमें से पहली विध्वंसक रविवार के दिन चीन के शांघाय बंदरगाह से पाकिस्तान की दिशा में रवाना हुई है। कुछ दिन पहले ही पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इम्रान खान ने पाकिस्तान का भविष्य चीन के साथ है और इसके आगे भी पाकिस्तान चीन के साथ ही जाएगा, यह बयान किया था। इस पृष्ठभूमि पर पाकिस्तान को प्रगत विध्वंसक प्रदान करके चीन ने भारत पर दबाव बढ़ाने की गतिविधियां शुरू की हुई दिखाई दे रही हैं।

भारत के साथ बढ़े तनाव की पृष्ठभूमि पर चीन पाकिस्तान को चार प्रगत विध्वंसक प्रदान करेगा - पहली विध्वंसक पाकिस्तान की दिशा में रवानारविवार के दिन शांघाय के हुडोंग ज़ोन्गहुआ शिपयार्ड में आयोजित किए कार्यक्रम के दौरान ‘टाईप-०५४ए/पी’ विध्वंसक पाकिस्तान की दिशा में रवाना करने का ऐलान किया गया। इस दौरान चीन के साथ पाकिस्तानी नौसेना के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। पाकिस्तानी नौसेना ने इससे संबंधित निवेदन जारी करके फोटो भी प्रसिद्ध किए हैं। चीन ने प्रदान की हुई प्रगत विध्वंसक की वजह से पाकिस्तानी नौसेना की ताकत कई गुना बढ़ेगी, यह दावा इस निवेदन में किया गया है।

‘टाईप-०५४ए’ यह चीन की नौसेना में फिलहाल सक्रिय विध्वंसक है और यह सबसे अधिक प्रगत विध्वंसक के तौर पर भी जानी जाती है। चीनी नौसेना के बेड़े में वर्तमान में ऐसे ३० विध्वंसक हैं और यह सभी ‘ऐंटी शिप मिसाइल्स’, ‘सरफेस टू एअर मिसाइल्स’, टोर्पेडो और प्रगत राड़ार यंत्रणा से सज्जित हैं। अपनी नौसेना में कार्यरत प्रगत विध्वंसक दूसरे देश को देने का काम चीन पहली बार कर रहा है। चीन ने पाकिस्तान को ऐसे चार विध्वंसक देने की ठानी है और वर्ष २०२१ के अन्त तक यह सभी विध्वंसक पाकिस्तानी नौसेना में शामिल होंगे। दोनों देशों ने इन विध्वंसकों की कीमत घोषित नहीं की है, फिर भी सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस प्रत्येक विध्वंसक की किमत ३५ करोड़ डॉलर्स से अधिक है।

भारत के साथ बढ़े तनाव की पृष्ठभूमि पर चीन पाकिस्तान को चार प्रगत विध्वंसक प्रदान करेगा - पहली विध्वंसक पाकिस्तान की दिशा में रवानाबीते कुछ महीनों से भारत और चीन के बीच तनाव लगातार बढ रहा है। तभी चीन ने पाकिस्तान को प्रगत विध्वंसक प्रदान करना ध्यान आकर्षित कर रहा है। कुछ वर्ष पहले ‘बेल्ट ऐण्ड रोड़ इनिशिएटिव’ के तहत चायना-पाकिस्तान इकॉनॉमिक कॉरिडोर का ऐलान करके चीन ने पाकिस्तान में अपना प्रभाव बढ़ाना शुरू किया था। इसके बाद दोनों देशों ने सामरिक एवं राजनीतिक स्तर पर सहयोग बढ़ाना भी शुरू किया है और भारत का विरोध ही इसका प्रमुख सूत्र रहा है। पाकिस्तान ने अपना ग्वादर बंदरगाह चीन के हवाले किया है और बीते कुछ वर्षों में चीन से लड़ाकू विमान और पनडुब्बियों की खरीद भी की है। चीन से यह प्रगत विध्वंसक प्राप्त करना इसी खरीद का अगला चरण बनता है।

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