चीन और पाकिस्तान के बिच व्यापार में ‘युआन’ का इस्तेमाल होगा- ‘सीपीईसी लॉन्ग टर्म प्लान’ की घोषणा

इस्लामाबाद: पाकिस्तान संकट में फंस गया है ऐसे में चीन ने पाकिस्तान के सामने मदद का हाथ बढाया है, इन शब्दों में प्रशंसा करते हुए पाकिस्तान के अंतर्गत रक्षा और नियोजन व विकास मंत्री अहसान इक्बाल ने आने वाले समय में पाकिस्तान की ओर से चीन की ‘युआन’ मुद्रा इस्तेमाल होगा, ऐसे संकेत दिए हैं। सोमवार को इस्लामाबाद में पूरे हुए एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम में ‘चाइना-पाकिस्तान इकॉनॉमिक कॉरिडॉर’ (सीपीईसी) लॉन्ग टर्म प्लान की भी घोषणा की गई है। इस योजना के अनुसार, सन २०३० तक चीन पाकिस्तान में विकास परियोजनाएं पूरा करने वाला है और सामरिक आर्थिक हिस्सेदारी पर जोर देने वाला है।

पिछले दो महीनों में ‘सीपीईसी’ के मुद्दे को लेकर चीन और पाकिस्तान के बिच जबरदस्त तनाव निर्माण हुआ था। दो हफ़्तों पहले ‘चाइना-पाकिस्तान इकॉनॉमिक कॉरिडॉर’ (सीपीईसी) के अंतर्गत पाकिस्तान में चल रही तीन परियोजनाओं को, दी जा रही वित्तीय सहायता को रोकने का फैसला चीन ने लिया था। पाकिस्तान की राजनीतिक और सामाजिक अस्थिरता, निवेश के धन वापसी में आने वाली रुकावटें और भ्रष्टाचार इन कारणों की वजह से चीन ने इस सहायता को रोका था, ऐसा कहा जा रहा है।

उसके पहले पाकिस्तान ने ‘सीपीईसी’ की महत्वाकांक्षी परियोजना माने जाने वाले ‘ग्वादर’ बंदरगाह में चीन की ‘युआन’ मुद्रा का इस्तेमाल करने से इन्कार किया था। उसके बाद पाकिस्तान की एक बांध परियोजना में चीन की सहायता अस्वीकार करने की बात कही थी। यह घटनाएँ चीन और पाकिस्तान के बिच के ‘सर्वकालिक मैत्रीपूर्ण संबंधों’ में तनाव निर्माण करने वाली साबित हुईं थी। इस पृष्ठभूमि पर सोमवार को इस्लामाबाद में हुई बैठक यह तनाव कम होने के संकेत देने वाली है।

चीन के साथ बिगड़ने वाले संबंध सुधारने के लिए पाकिस्तान ने ‘युआन’ मुद्रा में व्यापार का विकल्प स्वीकार किया है, ऐसा इन घटनाक्रमों से दिखाई दे रहा है। सोमवार को घोषित हुए ‘सीपीईसी लॉन्ग टर्म प्लान २०१७-२०३०’ में भी इसका उल्लेख किया गया है। ‘दोनों देश मुक्त व्यापार क्षेत्र के माध्यम से आर्थिक सहकार्य को मजबूत करने पर जोर देंगे। उसी समय युआन मुद्रा का इस्तेमाल शुरू करने के लिए चौखट बनाने की कोशिश भी की जाएगी’, ऐसा ‘लॉन्ग टर्म प्लान’ में दर्ज किया गया है। पाकिस्तान के मंत्री अहसान इक्बाल ने भी इस की पुष्टि की है।

‘चीन और पाकिस्तान दोनों देशों के विशेषज्ञ द्विपक्षीय व्यापार में चीन की युआन मुद्रा का इस्तेमाल शुरू करने के बारे में चर्चा करेंगे। इस वजह से पाकिस्तान की ओर से अमरिकी डॉलर पर निर्भर रहने का प्रमाण कम होगा’, ऐसा इक्बाल ने कहा है। ‘युआन’ के इस्तेमाल का खुलकर संकेत देने वाले इक्बाल ने ‘ग्वादर’ और वर्तमान में ‘सीपीईसी’ अंतर्गत चल रही परियोजनाओं में सिर्फ पाकिस्तानी रुपी का ही इस्तेमाल होगा, इस बात को स्पष्ट किया है। युआन का इस्तेमाल पाकिस्तान के हितासंबंधों को धक्का पहुँचाने वाला नहीं है, उल्टा उस से देश को लाभ ही होगा, ऐसा दावा भी इक्बाल ने किया है।

पिछले दशक में पाकिस्तान के साथ मुक्त व्यापार अनुबंध करने वाले चीन ने ‘सीपीईसी’ अंतर्गत पाकिस्तान में करीब ६० अरब डॉलर्स का निवेश किया है। सन २०१६ में दोनों देशों के बिच व्यापार करीब १३.८ अरब डॉलर्स तक पहुंचा था, ऐसा कहा जाता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.