प्रधानमंत्री के हाथों किशनगंगा जलविद्युत परियोजना का लोकार्पण – जोजीला सुरंग मार्ग की नींव रखी

लेह: पाकिस्तान का आक्षेप होनेवाले जम्मू कश्मीर के किशनगंगा जल विद्युत परियोजना का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों हुआ है। तथा कारगिल और लेह में अंतर कम करनेवाले व्यूहरचनात्मक रुप से अत्यंत महत्वपूर्ण जोजिला सुरंग मार्ग की आधारशिला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथ रखी गई है। प्रधानमंत्री शनिवार को जम्मू कश्मीर के दौरे पर आए थे। उस समय जम्मू कश्मीर के लिए २५ हजार करोड़ रुपयों के विकास परियोजना का लोकार्पण प्रधानमंत्री ने किया है।

नरेंद्र मोदी, लोकार्पण, किशनगंगा जलविद्युत परियोजना, जोजीला सुरंग मार्ग, नींव रखी, लेह, पाकिस्तान, जम्मू-कश्मीरझेलम की उपनदी होनेवाले किशनगंगा नदी पर बनाये जल विद्युत परियोजना का लोकार्पण करते हुए प्रधानमंत्री ने उस समय जम्मू कश्मीर को अधिक तादाद में बिजली उपलब्ध होगी, ऐसा कहकर उसपर समाधान व्यक्त किया है। इस परियोजना का उद्घाटन ना हो इसके लिए पाकिस्तान ने जागतिक बैंक की तरफ दौड़ की थी। भारत और पाकिस्तान में हुए सिंधु जल वितरण करार का उल्लंघन करके भारत में किशनगंगा नदी पर इस परियोजना का निर्माण किया है, ऐसा पाकिस्तान का आरोप है, इस द्वारा भारत ने अपने हिस्से का पानी छीनने का पाकिस्तान ने आरोप किया है।

इस बारे में पाकिस्तान ने भारत पर जडे आक्षेप जागतिक बैंक ने पहले ही ठुकराए थे और इस नदी पर परियोजना निर्माण करने का भारत का अधिकार मंजूर किया था। सन २०१३ में अंतर्राष्ट्रीय लवादा ने भी यही निर्णय दिया था, फिर भी पाकिस्तान इस बारे में शिकायत कर रहा है और भारत के ऐसे परियोजनाओं की वजह से अपना देश बंजर रेगिस्तान बनेगा, ऐसे विधान पाकिस्तान से हो रहे हैं। दौरान प्रधानमंत्री के हाथ जोजीला सुरंग मार्ग की नींव रखी गई है।

जम्मू कश्मीर के जोजिला पास में निर्माण होनेवाला यह सुरंग मार्ग व्यूहरचनात्मक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण होने वाला है। ११ हजार ५७८ फीट ऊंचाई पर होनेवाले जोजिला पास यह कारगिल और लेह को एक दूसरों से जोड़ेगा। फिलहाल यह अंतर काटने के लिए लगभग साढ़े तीन घंटे लगते हैं। पर यह सुरंग मार्ग तैयार होने पर यह अंतर केवल १५ मिनट तक होने वाला है।

ठंड के मौसम में बड़ी तादाद में बर्फबारी होने के बाद जोजिला महामार्ग पर परिवहन बंद होता है। इसकी वजह से लेह कारगिल जैसे भाग देश के अन्य भागों से टूट जाते हैं। पर १४.१५ किलोमीटर का नया सुरंग मार्ग पूर्ण होने के बाद वर्ष के १२ महीने इस मार्ग से परिवहन किया जा सकता है। ६८०० करोड रुपए खर्च करके निर्माण होनेवाला यह सुरंग मार्ग देश का सबसे बड़ा सुरंग मार्ग माना जाएगा।

लेह लद्दाख की सीमा चीन से जुड़ी हुई है, तथा कारगिल की सीमा पाक व्याप्त कश्मीर से जुड़ी हुई है। पाकिस्तान ने सन १९९९ में कारगिल का युद्ध किया था। इस पृष्ठभूमि पर इस सुरंग मार्ग का महत्व बड़ा है। पाकिस्तान एवं चीन के सीमा पर मिलनेवाले चुनौतियों की पृष्ठभूमि पर इस सुरुंग का उपयोग करके भारतीय लष्कर को वहां के सैनिक तथा रक्षा साहित्य के परिवहन जलद गति से करना संभव होने वाला है।

५ वर्षों में इस सुरंग मार्ग का काम पूर्ण करने का लक्ष्य सामने रखा गया है। पर फिरभी कम समय में यह काम पूर्ण करने के लिए प्रयत्न किए जाएंगे, ऐसा प्रधानमंत्री ने उस समय कहा है। समुद्र स्तर से इतनी ऊंचाई पर निर्माण होने वाला जोजिला सुरंग मार्ग एक आश्चर्य माना जाएगा, ऐसा विश्वास उस समय प्रधानमंत्री मोदी ने व्यक्त किया है।

इस योजनाओं की वजह से जम्मू कश्मीर के विकास को गति मिलेगी ऐसा विश्वास व्यक्त करते हुए मार्ग से भटके हुए कश्मीरी नौजवानों को हिंसा का मार्ग छोड़कर और जम्मू कश्मीर के विकास को योगदान दें ऐसा आवाहन प्रधानमंत्री ने किया है।

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