‘‘लश्कर’ और ‘जैश’ ये ‘आयएस’ जितने ही खतरनाक संगठन’ : प्रधानमंत्री मोदी की आंतर्राष्ट्रीय समुदाय को चेतावनी

हॅम्बर्ग, दि. ७ : ‘ ‘लश्कर-ए-तोयबा’, ‘जैश-ए-मोहम्मद’ ये पाकिस्तानस्थित आतंकवादी संगठन ‘आयएस’ और ‘अल कायदा’ जैसे ही खतरनाक हैं| इन संगठनों की विचारधाराएँ एक जैसी हैं| लेकिन इन आतंकवादी संगठनों के विरोध में आंतर्राष्ट्रीय समुदाय द्वारा मिलने वाला प्रतिसाद बहुत कमज़ोर है| वहीं, दूसरी तरफ इन आतंकवादी संगठनों का एकदूसरे के साथ का नेटवर्क अधिक मज़बूत है’ ऐसे कड़े शब्दों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘जी-२०’ परिषद में आतंकवाद के खिलाफ सख़्त भूमिका अपनायी|

‘आयएस’जर्मनी के हॅम्बर्ग में ‘जी-२०’देशों की बैठक शुरु हो रही है| इस बैठक से पहले सदस्य देशों के राष्ट्रप्रमुखों की चर्चा संपन्न हुई| इस चर्चा में प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवाद का मसला उठाकर, पाकिस्तान का सीधा जिक्र ना करते हुए ज़ोरदार आलोचना की| कुछ देश आतंकवाद का इस्तेमाल एक हत्यार जैसा, राजनयिक हेतू पूरा करने के लिये कर रहे हैं| आतंकवादियों की मदद करने वाले ऐसे देशों के खिलाफ आंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने सख्त कार्रवाई करनी चाहिए, ऐसी माँग प्रधानमंत्री मोदी ने की| ‘लश्कर’, ‘जैश’ जैसे, भारत में आतंकवादी कारनामे करने वाले संगठन ‘आयएस’ और ‘अल कायदा’ जितने ही खतरनाक हैं| इन आतंकवादी संगठनों की विचारधारा एक जैसी है| ऐसा होकर भी उनके खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय समुदाय द्वारा दिया जानेवाला रिस्पाँज़ कमज़ोर है, ऐसी व्यथा इस समय प्रधानमंत्री ने ज़ाहिर की|

आतंकवादी संगठनाओं का एकदूसरे के साथ होनेवाला नेटवर्क मजबूत है| वहीं, दूसरी तरफ आतंकवाद के विरोध में आंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नेतृत्व उतना मजबूत नहीं, इस विरोधाभास पर प्रधानमंत्री ने ऊँगली रखी| साथ ही, इस समय प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवादविरोधी कार्रवाई के लिए ११ कलमी कार्ययोजना भी प्रस्तुत की| इसमें आतंकवादियों को मदद और पैसा देनेवाले देशों पर सख़्त कार्रवाई करने के मुद्दे का भी समावेश है| साथ ही, आतंकवादियों का प्रत्यार्पण और आतंकवादियों के मामले में जानकारी का आदानप्रदान और आतंकवादियों के आर्थिक स्रोत एवं हथियारों की आपूर्ति खंडित करने की उपाययोजना भी इसमें शामिल है|

‘जी-२०’ में शामिल होने वाले ‘ब्रिक्स’ देशों के राष्ट्रप्रमुखों की इस समय अनौपचारिक चर्चा संपन्न हुई| इस समय बात करते वक्त प्रधानमंत्री मोदी ने, भारत में लागू किये ‘जीएसटी’ का जिक्र किया| इससे भारत में आर्थिक सुधारों के कार्यक्रम ने रफ्तार पकड़ी है, ऐसा कहकर उन्होंने, उद्योगक्षेत्र के लिए अनुकूल वातावरण निर्माण हुआ है, दावा किया|

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