देशभर में ‘जीएसटी’ लागू

नवी दिल्ली, दि. १ : संसद के सेंट्रल हॉल में शुक्रवार देर रात संपन्न हुए कार्यक्रम में राष्ट्रपती प्रणव मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बटन दबाकर ‘जीएसटी’ की नयी करप्रणाली लागू की है| यह ऐतिहासिक घटना है और यह दिन देश के भविष्य को नया मोड़े देनेवाला है, ऐसा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है| साथ ही, ‘जीएसटी’ को ‘गुड ऍण्ड सिम्पल टॅक्स’, ऐसा कहा जा सकता है, ऐसा क्हते हुए प्रधानमंत्री ने, इस आसान कररचना का जनता को लाभ होगा, ऐसा भरोसा दिलाया|

देशभर में ‘जीएसटी’‘गुड्स एंड सर्विस टैक्स’ (जीएसटी) यह कर प्रणाली शुक्रवार से पूरे देशभर में लागू हुई है| देश की अबतक ही सबसे बड़े कर सुधार के तौर पर ‘जीएसटी’ की ओर देखा जाता है| इसके लिए सेंट्रल हॉल में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया था| इस अवसर पर संसद की इस ईमारत को सजाया गया था| इस कार्यक्रम के लिए राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी, उपराष्ट्रपति हमीद अन्सारी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौडा, लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन के साथ ही विभिन्न पक्षों के मान्यवर नेता और संसद सदस्य भी उपस्थित थे|

‘जीएसटी’ लागू होना यह देश के लिए गर्व की बात है, ऐसा इस समय राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने कहा| सन २०११ में जब मैं बतुर केंद्रीय अर्थमंत्री कार्यरत था, तभी हमने यह विधेयक पेश किया था| इस विधेयक की रचना में मेरा भी सहभाग था| इस काम की संवैधानिक, कानूनी,  आर्थिक और प्रशासकीय व्याप्ति को देखते हुए इस में कुछ विवादित मुद्दे भी थे| अलग-अलग राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने अहम मुद्दे रखे| लेकिन इन सभी मुद्दो में से रास्ता निकालकर एक दिन ‘जीएसटी’ लागू होगा, इस पर मेरा विश्‍वास था, इसकी याद प्रणव मुखर्जी ने दिलाई|

संसद के दोनों सभागृह में ‘जीएसटी’ विधेयक मंज़ूर होने के बाद इस कानून को मान्यता देने का भाग्य ‘राष्ट्रपति’ के तौर पर मुझे मिला, ऐसा इस समय प्रणव मुखर्जी के कहा| प्रधानमंत्री मोदी ने कई उदाहरण देकर इस कानून की अहमियत को स्पष्ट किया। गंगानगर से इटानगर तक, लेह से लेकर लक्षद्वीप तक विभिन्न राज्यों में मिलाकर तकरिबन पाँचसौ कर थे| दुनिया में यदि समझने में अगर कोई मुश्किल बात थी, तो वह ‘आयकर’ है, ऐसा महान शास्त्रज्ञ आईनस्टाईन ने कहा था| उन्होंने भारत के पाँचसौ कर देखे होते, तो वे क्या कहते पता नहीं, ऐसा कहते हुए उन्होंने इस जटील कररचना से जनता को होनेवाली मुश्किलों को अधोरेखित किया|

‘जीएसटी’ की वजह से समय की बचत होगी| राज्यों के और शहरों की सीमा पर मालवाहक गाड़ियों को रुकना नहीं पड़ेगा| सरल कररचना की वजह से पारदर्शकता बढ़ेगी और भ्रष्टाचार पर लगाम कसा जायेगा और ‘एक देश-एक कर’ यह बात प्रत्यक्ष में उतरेगी, ऐसा विश्‍वास प्रधानमंत्री ने इस समय जताया|

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