अमरीका के लिए भारत की भागीदारी सबसे अहम – बायडेन प्रशासन का दावा

वॉशिंग्टन – अमरीका ने भारत के साथ की हुई भागीदारी सबसे अहम होने का दावा व्हाईट हाऊस के माध्यम उप-सचिव वेदांत पटेल ने किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले महीने अमरीका की यात्रा करेंगे। उनकी यह यात्रा दोनों देशों के सहयोग के लिए बड़ा सहायक साबित होगा, ऐसा पटेल ने कहा। साथ ही इस दौरे में इंडो-पैसिफिक क्षेत्र एवं दोनों देशों के व्यापार और निवेश एवं रक्षा संबंधित व्यापक और गहरी चर्चा होगी, ऐसे संकेत पटेल ने दिए हैं। लेकिन, प्रधानमंत्री मोदी की अमरीका यात्रा से पहले जापान में आयोजित हो रही ‘जी ७’ की बैठक में ही राष्ट्राध्यक्ष बायडेन से उनकी मुलाकात हो सकती है। विदेश मंत्रालय ने ऐसे संकेत दिए हैं। 

भारत की भागीदारीप्रधानमंत्री मोदी १९ से २४ मई के दौरान जापान, पाऊआ न्यू गिनिया और ऑस्ट्रेलिया का दौरा करेंगे। जापान में आयोजित ‘जी ७’ परिषद के लिए भारत के प्रधानमंत्री को आमंत्रित करना ध्यान आकर्षित कर रहा है। ‘जी ७’ का आयोजन कर रहे देश लगातार इस बैठक के लिए भारत को आमंत्रित करते रहे हैं। इस वजह से भारत अब ‘जी ७’ का अघोषित सदस्य होने के आसार दिख रहे हैं, ऐसा दावा पाकिस्तान के कुछ विश्लेषकों ने किया था। इससे भारत की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ रही अहमियत रेखांकित हो रही हैं, ऐसा इन पाकिस्तानी विश्लेषकों का कहना हैं।

जापान में आयोजित ‘जी ७’ की बैठक में अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष बायडेन भी शामिल हो रहे हैं। इसके बाद ऑस्ट्रेलिया में आयोजित ‘क्वाड’ की बैठक में प्रधानमंत्री मोदी उपस्थित रहेंगे। वहां भी प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्राध्यक्ष बायडेन की द्विपक्षीय चर्चा होने की संभावना है। प्रधानमंत्री के इस जापान, ऑस्ट्रेलिया दौरे में अहम देशों के नेताओं से उनकी इंडो-पैसिफिक एवं अन्य अहम मुद्दों पर गहरी चर्चा होने की उम्मीद भारत के विदेश मंत्रालय ने जताई है।

इसी बीच प्रधानमंत्री मोदी अगले महीने अमरीका की यात्रा कर रहे हैं इसकी तैयारी शुरू होने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं। अमरीका के व्हाईट हाऊस के माध्यम संबंधित उप-सचिव वेदांत पटेल ने अमरीका के लिए भारत का सहयोग काफी अहम होने की बात रेखांकित की। खुले और मुक्त इंडो-पैसिफिक क्षेत्र एवं दोनों देशों के व्यापार और रक्षा क्षेत्र की भागीदारी अधिक मज़बूत करने पर प्रधानमंत्री मोदी के इस दौरे में चर्चा होगी, ऐसा पटेल ने कहा।

बायडेन प्रशासन लगातार भारत से अमरीका के जारी सहयोग की अहमियत विश्व में बयान कर रहा हैं। लेकिन, राष्ट्राध्यक्ष बायेडन की सरकार स्थापित होने के बाद दोनों देशों के सहयोग में ज्यादा प्रगति नहीं हुई है। यूक्रेन युद्ध में भारत ने अमरीका की मांग पर रशिया विरोधी भूमिका अपनाने से इन्कार किया था। इस युद्ध में भारत किसी के भी पक्ष में खड़े हुए बिना तटस्थ रहा और यह तटस्थता यानी हमें किया गया विरोध होने का विचार अमरीका रखती है। इसी बीच रशिया ने किफायती कीमत पर मुहैया किए ईंधन की भारत ने प्रचंड़ खरीद शुरू की थी। इसपर भी अमरीका नाराज़ होने की चर्चा है। लेकिन, यह नाराज़गी स्पष्ट बयान करके भारत को चोट पहुंचाने का खतरा बायडेन प्रशासन ने उठाया नहीं है। उल्टा भारत के साथ सहयोग बढ़ाने के लिए हम उत्सूक है, यही संदेश बायडेन प्रशासन लगातार दे रहा हैं। 

मराठी

Leave a Reply

Your email address will not be published.