भारत को एस-400 की आपूर्ति करके रशिया अस्थिरता मचा रही है

– रशिया पर आरोप लगाकर अमेरिका की भारत पर दबाव डालने की कोशिश

india-s400-russia-us-2वॉशिंग्टन –  भारत जि ’एस-400′ हवाई सुरक्षा प्रणाली की आपूर्ति करके रशिया अस्थिरता मचा रही है ऐसा आरोप अमेरिका ने लगाया। इसी के साथ रशिया से यह प्रणाली खरीदने वाले भारत पर निर्बंध लगाने का विचार अमेरिका ने नहीं त्यागा है, ऐसे संकेत अमेरिका के परराष्ट्र मंत्रालय की प्रवक्ता ने दिए हैं। इसलिए अमेरिका के बायडेन प्रशासन की भारत विरोधि भूमिका अधिक स्पष्टरूप से सामने आई है। पर भारत अपने स्वतंत्र परराष्ट्र धारणाओं से समझौता नहीं करेगा, ऐसा कहकर भारत के परराष्ट्र मंत्रालय ने अमेरिका के दबाव का असर भारत पर नहीं पडेगा, ऐसा संदेश दिया है।

माध्यमों के साथ बोलते हुए अमेरिका के परराष्ट्र मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राईस ने भारत को एस-400 की आपूर्ति करके रशिया ने अपने क्षेत्र के बाहर भी अस्थिर्ता मचा रही है यह कलंक लगाया। भारत जैसे जिम्मेदार राष्ट्र को मिली हुई इस हवाई सुरक्षा प्रणाली की वजह से अस्थिर्ता कैसे मच सकती है, यह बात नेड प्राईस ने स्पष्ट नहीं की। कुछ पत्रकारों ने प्राईस से पूछा कि, रशिया के साथ यह व्यवहार करनेवाले भारत पर क्या ‘काऊंटरिंग अमेरिकाज् ऐडवर्सरिज् थ्रू सैंक्शन्स ऐक्ट-सीएएटीएसए-काट्सा’ के निर्बंध लगाए जाएंगे?

फिलहाल इस सवाल का जवाब ’ना’ है फि भी अमेरिका इस बात पर भारत चर्चा कर रही है, ऐसा प्राईस ने कहा। तो भारत पर निर्बंध लगाए जा सकते हैं, अमेरिका इसका अहसास दिला रही है, ऐसा कहकर निर्बंधों की संभावना होने की बात ध्यान में लाई गई। बायडेब प्राशासन ने भारत पर काट्सा के निर्बंध लगाने की गलती नहीं करनी चाहिए, ऐसा इशारा अमेरिकन लोकप्रतिनिधि एवं अमेरिकी संरक्षणदलों के वर्तमान और भूतपूर्व अधिकारी दे रहे हैं। इन निर्बंधों की वजह से भारत की तुलना में अमेरिका का ही अधिक नुकसान होगा, ऐसा इशारा इन सबने दिया था। मगर बायडेन प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं देने संकेत मिल रहे हैं। सन २०१८ में भारत ने रशिया से ’एस-400′ ट्राइम्फ’ यह अत्याधुनिक हवाई सुरक्षा प्रणाली खरीदने के लिए करार किया था। इस पर धमकी देते हुए अमेरिका ने भारत को यह करार रद्द करने की सूचना दी थी, मगर भारत ने संरक्षणसामग्री की खरीदारी देश के हित के मद्देनजर की जाएगी, ऐसा अमेरिका को झिडका था। मगर पिछले वर्ष अमेरिका में सत्ता परिवर्तन के बाद बायडेन प्रशासन ने भारत पर निर्बंध लगाने की गतिविधियां शुरु की थीं।

अमेरिकन उद्योगक्षेत्र का हित और अमेरिका पर भारतियों का प्रभाव के मद्देनजर भारत पर यह निर्बंध लगाना उतना आसान नहीं रहा, इसका अहसास बायडेन प्रशासन को है। परंतु बायडेन प्रशासन इन निर्बंधों के दबाव का इस्तेमाल करके भारत तथा रशिया के बीच सहकार्य रोकने की कोशिश कर रहा है। इन दिनों युक्रेन के मुद्दे पर अमेरिका और रशिया के बीच तनाव चरम सीमा पर पहुंच रहा है तभी बायडेन प्रशासन भारत को एस-400 की बात पर इशारा दे रहा है, यह संजोग की बात नहीं है, बल्कि भारत पर दबाव डालने की कोशिश बायडेन प्रशासन द्वारा की जा रही है।

india-s400-russia-us-1आनेवाले समय में भी रशिया के साथ सहकार्य कायम रखे गए तो भारत पर निर्बंध लगाए जा सकते हैं, ऐसा बायडेन प्रशासन द्वारा आगाह किया जा रहा है। पर भारत द्वारा इस इशारे की ज्यादा परवाह करने की संभवता नहीं है। विशेषरूप से बायडेन प्रशासन की भारतविरोधि भूकिमा इससे पहले भी स्पष्ट होने की वजह से रशिया जैसे पारंपारिक मित्रराष्ट्र से सहकार्य ना करने की बात भारत सोचेगा भी नहीं। बल्कि, चीन के लिए अनुकूल गुप्त निर्णय लेनेवाले बायडेन प्रशान से संभावित धोखे के मद्देनजर भारत रशिया के साथ अधिक मात्रा में बढाएगा, यह संभावना दृढ हुई है। 

तो, युक्रेन के मुद्दे पर जारी गतिविधियों पर भारत की नजर है, ऐसा परराष्ट्र मंत्रालय ने कहा है। इस संदर्भ में अमेरिका एवं रशिया के बीच जारी उच्चस्तरीय चर्चा पर भी भारत का ध्यान है। युक्रेन की राजधानी किव में भारत का दूतावास स्थानिक स्तर के मामलों पर ध्यान रखे हुए है। यह मुद्दा समझा बुझाकर हल किया जाए और यह क्षेत्र तथा इस क्षेत्र के पार शांति बनी रहे, भारत की यह अपेक्षा होने की बात परराष्ट्र मंत्रालय ने कही है। तो अमेरिका के साथ भारत की धारणात्मक भागीदारी होने का अहसास परराष्ट्र मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने दिलाया। तो, रशिया भारत का विशेष भागीदार राष्ट्र है, ऐसा बागची ने आगे कहा। अमेरिका के इशारे पर भारत रशिया के खिलाफ निर्णय नहीं लेगा, यह बात बागची ने सटीक शब्दों में रखी। अपना राष्ट्रीय हित ध्यान में रखते हुए भारत शास्त्रास्त्र और संरक्षण सामग्री खरीदने और बेचने का निर्णय लेता है, ऐसा बागची ने कहा है।

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