भारत-यूरोपिय महासंघ की हुई रणनीतिक चर्चा

ब्रुसेल्स – विदेश मंत्री एस.जयशंकर, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी विभाग के मंत्री राजीव चंद्रशेखर एवं व्यापार मंत्री पियूष गोयल बेल्जियम के ब्रुसेल्स में मौजूद हैं और उनकी यूरोपिय महासंघ से अहम चर्चा हुई। ‘इंडिया ईयू ट्रेड ॲण्ड टेक्नॉलॉजी काउन्सिल’ (टीटीसी) की बैठक में भारत के मंत्री शामिल हुए थे। भारत और यूरोपिय महासंघ की इस तरह की हुई मंत्री स्तर की यह पहली चर्चा होने की बात कही जा रही है। इस बीच बोलते समय भारत और यूरोपिय महासंघ के मुक्त व्यापारी समझौते की चर्चा को गतिमान करने पर सहमति होने का बयान व्यापार मंत्री पियूष गोयल ने किया।  

भारत-यूरोपिय महासंघपिछले वर्ष अप्रैल महीने में यूरोपिय महासंघ की अध्यक्षा उर्सूला वॉन डेर लेयन भारत पहुंची थी। प्रधानमंत्री मोदी और लेयन की मौजुदगी में टीटीसी का गठन किया गया था। इसके तहत भारत और महासंघ के सहयोग के लिए तीन गुट गठित किए गए। रणनीतिक नज़रिये से अहम प्रौद्योगिकी यानी डिजिटल गवर्नन्स और डिजिटल कनेक्टिवीटी क्षेत्र में भारत और महासंघ के सहयोग पर इनमेंसे एक गुट काम करेगा, यह तय हुआ था। दूसरा गुट स्वच्छ उर्जा एवं ग्रीन टेक्नॉलॉजी का सहयोग बढ़ाने के लिए और तीसरा गुट व्यापार, निवेश एवं सप्लाइ चेन संबंधित भारत-यूरोपिय महासंघ का सहयोग बढ़ाने का ज़िम्मा उठाने के लिए गठित किया गया था। 

इन सभी गुटों की ब्रुसेल्स में बैठक हुई। इसमें विदेश मंत्री एस.जयशंकर इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी विभाग के मंत्री राजीव चंद्रशेखर और व्यापार मंत्री पियूष गोयल शामिल हुए। नव-वैश्वीकरण की विश्वासार्ह प्रक्रिया को टीटीसी गतिमान करेगी, यह विश्वास जयशंकर ने इस दौरान व्यक्त किया। साथ ही यूरोपिय महासंघ के साथ टीटीसी, जी २० एवं ग्लोबल साउथ, यूक्रेन और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र पर चर्चा भी इस दौरान हुई, ऐसा जयशंकर ने कहा। 

इसी बीच, यूरोपिय महासंघ के साथ भारत के मुक्त व्यापार समझौते की बातचीत गतिमान करने पर यहां सहमति हुई, ऐसा व्यापार मंत्री पियूष गोयल ने कहा। यूरोपिय महासंघ और चीन के मतभेद तीव्र होने के बाद महासंघ ने भारत से अपना व्यापारी सहयोग बढ़ाने के लिए कदम बढ़ाएं हैं। साथ ही यूरोपिय महासंघ वैश्विक व्यापारी यातायात और सामरिक नज़रिये से बड़े अहम इंडो-पैसिपिक क्षेत्र में अपना निवेश और प्रभाव बढ़ाने के लिए उत्सूक हैं। इसके लिए महासंघ को भारत का सहयोग काफी अहम महसूस होने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं।

लेकिन, इसके बावजूद भारत और यूरोपिय महासंघ के सहयोग में बाधा बनने वाले मुद्दे लगातार सामने आ रहे हैं। भारत-रशिया सहयोग यूरोपिय देशों को चुभ रहा हैं। यूरोपिय महासंघ की विदेश नीति के प्रमुख जोसेफ बोरेल ने भारतीय विदेश मंत्री से बैठक करने से पहले किया बयान ध्यान आकर्षित कर रहा हैं। रशिया से भारत ने खरीदे ईंधन से तैयार किए उत्पादों को यूरोपिय देशों में प्रवेश नहीं मिलना चाहिए, ऐसा बोरेल ने कहा हैं। 

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