‘बालाकोट’ जैसा हवाई हमला होने के डर से पाकिस्तान ने आतंकी अड्डे बंद किए

नई दिल्ली/इस्लामाबाद: भारत फिर से ‘बालाकोट’ जैसे हवाई हमला करेगा, इस डर से पाकिस्तान ने आतंकियों के ठिकाने बंद करने का निर्णय किया है| इस संबंधी समाचार प्रसिद्ध हो रहे है, फिर भी भारत के सेनाप्रमुख पाकिस्तान पर भरोसा रखने के लिए तैयार नही है| पाकिस्तान ने सच में आतंकियों के अड्डे बंद किए है या नही, यह कैसे समझ आएगा? यह सवाल लष्करप्रमुख जनरल बिपीन रावत इन्होंने किया| इसी लिए भारतीय सेना सीमा पर सतर्कता बरतेगी, ऐसा जनरल रावत ने कहा|

पाकिस्तान की सेना, कुख्यात गुप्तचर यंत्रणा ‘आईएसआई’ आतंकवाद के कडे समर्थक है, यह आरोप भारत कर रहा है| भारत में घुसपैठ करके हमलें करनेवालें दहशतगर्दों को पाकिस्तानी सेना का ही प्रशिक्षण और सहायता प्राप्त होी है, यह आरोप भारत ने रखा है| पाकिस्तान के बालाकोट में हुए हवाई हमले के बाद आतंकवाद समर्थक पाकिस्तान का पर्दाफाश करने के लिए भारत ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर राजनयिक गतिविधियां बढाई है|

पाकिस्तानी सेना की निगरानी में पीओके में ११ आतंकी अड्डे शुरू होने के सबुत भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने रखने के लिए कदम उठाए है| इसमें मुजफ्फराबाद, कोटली और बर्नाला के हिस्सों में बने अड्डों का समावेश है| अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने इससे जुडी सभी सबुत रखकर भारत फिर से बालाकोट जैसा हमला करेगा, यह डर पाकिस्तान को सता रहा है| इसी लिए पाकिस्तान ने शीघ्रता से यह अड्डे बंद करने का निर्णय करने की चर्चा है|

भारत के हवाई हमले के डर के साथ ही ‘फायनान्शिअल एक्शन टास्क फोर्स’ (एफएटीएफ) की कार्रवाई होने का खतरा पाकिस्तान पर है| आतंकियों के आर्थिक स्रोत तोडने के लिए सही कार्रवाई करने से दूर रहनेवाला पाकिस्तान एफटीएफ’ की ब्लैक सुचि में शामिल हो सकता है| इस बारे में जल्द ही निर्णय होगा| इस डर से भी पाकिस्तान ने आतंकियों के ठिकाने रद्द होने की आशंका दिख रही है|

जमात उल दवा का नेता हफीज सईद को सार्वजनिक कार्यक्रम में शामिल होने की अनुमति देने से पाकिस्तान सरकार ने इन्कार किया था| साथ ही पहले के दौर में खुले आम पाकिस्तान में घुमनेवाले आतंकी नेता फिलहाल कडी सुरक्षा के में बंद है| अंतरराष्ट्रीय दबाव बढने सेपाकिस्तान की सरकार यह एहतियात बरतती दिखाई देती है|

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