‘बालाकोट’ हमले का उद्देश्य सफल हुआ – वायुसेनाप्रमुख बी.एस.धनोआ

ग्वाल्हेर – ‘‘बालाकोट’ में भारत ने किए हवाई हमले के बाद पाकिस्तान के लडाकू विमानों ने भारत की सीमा में प्रवेश करने का धाडस किया नही था’, यह दावा वायुसेनाप्रमुख बी.एस.धनोआ इन्होंने किया है| वही, ‘बालाकोट’ का हमला करते समय भारत ने जो लक्ष्य सामने रखा था, वह पूरी तरह से प्राप्त हुआ है, यह भी वायुसेनाप्रमुख ने आगे कहा| कारगिल युद्ध को २० वर्ष पूरे हुए है| इस अवसर पर ग्वाल्हेर में वायुसेना के अड्डे पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन हुआ| इस दौरान वार्ता परिषद में वायुसेनाप्रमुख बोल रहे थे|

पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकियों को लक्ष्य करना, यही हमारा उद्देश्य था| उसे पूरा करने में वायुसेना को सफलता प्राप्त हुई है, यह कहकर वायुसेनाप्रमुख धनोआ ने संतोष जताया| इस हमले के दुसरे दिन ही पाकिस्तान के लडाकू विमानों ने भारतीय हवाई क्षेत्र में प्रवेश करके हमलें किए| भारत के लष्करी ठिकानों को लक्ष्य करने का उद्देश्य पाकिस्तान ने रखा था| लेकिन, यह उद्देश प्राप्त करना पाकिस्तान को मुमकिन नही हुआ| साथ ही पाकिस्तान के लडाकू विमानों ने भारत की हवाई सीमा लांघी भी नही थी, यह भी वायुसेनाप्रमुख ने आगे कहा|

पत्रकारों ने पुछे सवालों पर जवाब देते समय वायुसेनाप्रमुख ने यह जानकारी दी| अभी भी पाकिस्तान को भारत के हवाई हमलों का डर है| इसी कारण अभी भी पाकिस्तान ने अपना हवाई क्षेत्र भारत के लिए खुला किया नही है| यदि भारत पाकिस्तान पर हमला नही करेगा, इसकी गारंटी देता है तो ही अपना हवाई क्षेत्र खुला करेंगे, यह पाकिस्तान ने कहा है| लेकिन, यह डर यानी पाकिस्तान का सवाल है और इस देश ने भारत के लिए हवाई सीमा खुली की तो भी इससे विशेष फरक नही होगा, क्यों की पाकिस्तान की तुलना में भारत की अर्थव्यवस्था काफी मजबूत है और भारत पाकिस्तान की हवाई सीमा खुली ना भी हो, पर इससे होनेवाले परिणामों भार उठाने में भारत सक्षम है, इस ओर वायुसेनाप्रमुख ने ध्यान आकर्षित किया|

कारगिर युद्ध और बालाकोट के हवाई हमलों में भी ‘मिराज २०००’ ने काफी बडा योगदान दिया है, इसकी याद वायुसेनाप्रमुख ने दिलाई|

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