चीन के साथ बने तनाव की पृष्ठभूमि पर तैवान ने शुरू किया स्वदेशी पनडुब्बी का निर्माण

तैपेई/बीजिंग – ‘अपनी संप्रभुता की रक्षा करने की प्रबल इच्छाशक्ति तैवान रखता है। स्वदेशी पनडुब्बी का निर्माण करना, इसमें एक अहम चरण है। तैवानी नौसेना की युद्धक्षमता बढ़ाने के लिए यह बात बड़ी अहम साबित होती है। तैवान को घिरने की कोशिश कर रहें शत्रु के युद्धपोतों को रोकने में पनडुब्बियाँ सफल होंगी’, इन शब्दों में तैवान की राष्ट्राध्यक्षा त्साई इंग वेन ने, तैवान निर्माण कर रहीं पनडुब्बियों की अहमियत रेखांकित की। तैवान आठ पनडुब्बियों का निर्माण करने में जुटा हैं और इसके लिए अमरीका और दक्षिण कोरिया की सहायता प्राप्त की जाने की बात कही जा रही है।

china-taiwanमंगलवार के दिन दक्षिणी तैवान में स्थित काओसिउंग बंदरगाह में आयोजित समारोह में, स्वदेशी पनडुब्बी के निर्माण की शुरूआत होने की जानकारी तैवान की राष्ट्राध्यक्षा ने दी। इस समय, तैवान में नियुक्त अमरीका के राजदूत ब्रेंट क्रिस्टन्सन भी उपस्थित थे। अमरीका ने दो वर्ष पहले अपनी कंपनियों को, तैवान के पनडुब्बी-निर्माण के कार्यक्रम में शामिल होने की अनुमति प्रदान की थी। इस वजह से राजदूत ब्रेंट क्रिस्टन्सन की इस कार्यक्रम मे रहीं मौजूदगी अहम समझी जाती है।

अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने, तैवान के साथ सहयोग बढ़ाने के लिए अधिक सक्रिय भूमिका अपनाई है। अमरीका ने तैवान में शुरू किया हुआ राजनीतिक दफ्तर, अमरीकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने तैवान के नेताओं से की हुई भेंट, अमरिकी नेताओं के तैवान दौरें एवं बढ़ रहें सहयोग में ट्रम्प ने अपनाई भूमिका, इनका हिस्सा समझा जा रहा है। राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने, तीन दशकों के बाद तैवान को लड़ाकू विमानों की आपूर्ति करने का ऐतिहासिक निर्णय किया था। इसके बाद तैवान को प्रगत मिसाइल, टोर्पेडो और प्रगत रक्षायंत्रणा भी प्रदान की जा रही है।

china-taiwanतैवान को हथियारों की आपूर्ति करने के साथ ही, यह देश अपनी रक्षाक्षमता बढ़ाने के लिए अधिक प्रावधान और कोशिश करें, यह भूमिका भी अमरीका ने रखी है। इसके अनुसार, तैवान ने स्वदेशी रक्षा यंत्रणा विकसित करने पर भी जोर दिया है। तैवान ने अब तक स्वदेशी विमान एवं मिसाइल निर्माण करने में सफलता प्राप्त की है और देश के अलग अलग रक्षा अड्डों पर इसकी तैनाती भी की गई है। स्वदेशी पनडुब्बियों का निर्माण इसका अगला चरण समझा जा रहा है। तैवान की ‘सीएसबीसी कॉर्पोरेशन’ इन पनडुब्बियों का निर्माण करेगी और वर्ष २०२५ में पहली स्वदेशी पनडुब्बी तैवान की नौसेना में शामिल होगी, ऐसा कहा गया है। इसी बीच अमरीका के वरिष्ठ नौसेना अधिकारी ने रविवार के दिन तैवान का दौरा करने से, चीन की बड़ी बौखलाहट होने की बात सामने आयी है।

china-taiwanअमरीका की ‘इंडो-पैसिफिक कमांड’ के ‘मिलिटरी इंटेलिजन्स’ के प्रमुख रिअर एडमिरल मायकल स्टडमॅन ने तैवान का दौरा किया था। अमरीका और तैवान के बीच किसी भी तरह का रक्षा सहयोग चीन बर्दाश्‍त नहीं करेगा, यह चेतावनी चीन के विदेश विभाग के प्रवक्ता झाओ लिजिअन ने दी है। तैवान के साथ अमरीका के बढ़ रहें सहयोग पर उचित प्रत्युत्तर प्राप्त होगा, ऐसा भी लिजिअन ने जताया है। इससे पहले, स्वास्थ्यमंत्री अलेक्स अज़ार एवं विदेश विभाग के वरिष्ठ अधिकारी केथ क्रॅक ने तैवान का दौरा करने के बाद भी चीन ने अमरीका और तैवान को धमकाया था।

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