लद्दाख की एलएसी का विवाद सुलझाने के लिए भारत-चीन में चर्चा का नौंवा सत्र

नई दिल्ली – लद्दाख की एलएसी का विवाद सुलझाने के लिए भारत और चीन में चर्चा का नौंवा सत्र शुरू हो रहा है। रविवार सुबह ९.३० बजे दोनों देशों के वरिष्ठ लष्करी अधिकारी इस चर्चा में सहभागी होंगे। इस बारे में ख़बरें प्रकाशित हो रहीं हैं कि तभी एलएसी पर चीन के जासूस सक्रिय होने की बात सामने आयी है। इससे भारतीय सेना अधिक सतर्क बनी है। चीन ने लद्दाख की एलएसी से अपने जवान हटाये बिना भारत यहाँ से सेनावापसी नहीं करेगा, ऐसी चेतावनी रक्षामंत्री राजनाथ सिंग ने दी है।

पिछले कुछ हफ़्तों से लद्दाख की एलएसी पर तथा सिक्कीम और अरुणाचल प्रदेश की एलएसी पर चीन की गतिविधियाँ बढ़ीं दिख रहीं हैं। वायुसेना का ‘दौलत बेग ओल्डी’ (डीबीओ) अड्डा चीन के निशाने पर होने की बात इससे पहले ही सामने आयी है। भारतीय वायुसेना ने इस अड्डे पर तैनाती बढ़ायी है। लद्दाख में यदि संघर्ष भड़क ही उठा, तो ‘डीबीओ’ के कारण भारत को चीन को मात देना आसानी से मुमक़िन होगा, ऐसा सामरिक विश्‍लेषक बता रहे हैं। साथ ही, चीन और पाकिस्तान को जोड़नेवाले काराकोरम महामार्ग को भी ‘डीबीओ’ द्वारा आसानी से लक्ष्य किया जा सकता है, इसका डर चीन को लग रहा है।

इस कारण चीन डीबीओ पर कब्ज़ा करने की हरक़तें कर सकता है, ऐसी चेतावनी कुछ विश्‍लेषकों ने इससे पहले दी थी। लेकिन इस क्षेत्र के पास चीन के जासूसों की आवाजाही होने की जानकारी माध्यमों में उजागर होने के कारण, चीन डीबीओ के संदर्भ में इस साज़िश को सच बनाने की तैयारी कर रहा है, ऐसी गहरी संभावना सामने आ रही है। इसी बीच, रविवार को होनेवाले चर्चासत्र से पहले चीन इस तरह की हरक़तें करके, वह लद्दाख की एलएसी पर का विवाद सुलझाने को लेकर गंभीर नहीं है, यह दिखा रहा है।

एक ओर चर्चा शुरू रखकर, दूसरी ओर आक्रामक लष्करी गतिविधियों द्वारा भारत को झटका देने की साज़िश चीन ने रची होने की संभावना है। इस कारण, चर्चा और बातचीत करते समय, लद्दाख की एलएसी से सेना हटाने की ग़लती भारत ना करें। चीन का भरोसा करना महँगा पड़ेगा, ऐसी चेतावनी पूर्व लष्करी अधिकारियों द्वारा दी जा रही है। वर्तमान समय में लद्दाख की एलएसी पर लष्करी दृष्टि से भारत चीन पर वर्चस्व जता रहा है। ऐसी स्थिति में यदि यहाँ से सेना हटाने की ग़लती करके भारत ने चीन को सहूलियत दी ही, तो चीन फिर से भारत के विरोध में उक़साऊ हरक़तें किये बग़ैर नहीं रहेगा, ऐसा भी पूर्व लष्करी अधिकारी जता रहे हैं।

इस पृष्ठभूमि पर, रक्षामंत्री राजनाथ सिंग ने महत्त्वपूर्ण ऐलान किया है। एलएसी से चीन ने अपना लष्कर हटाये बिना भारतीय सेना यहाँ से पीछे नहीं हटेगी, ऐसा रक्षामंत्री राजनाथ सिंग ने स्पष्ट किया। रविवार को होनेवाली चर्चा से पहले इस संदर्भ की भूमिका स्पष्ट रूप में रखकर भारत ने चीन को सुयोग्य चेतावनी दी हुई दिख रही है। भारत ने लद्दाख की एलएसी पर पँगॉंग सरोवर की दक्षिणी ओर की अहम पहाड़ियों का कब्ज़ा छोड़ दें और यहाँ से सेना पीछे हटायें, ऐसी माँग चीन कर रहा है। भारत से ऐसी उम्मीद जतानेवाला चीन, इस स्थान से उसका लष्कर पीछे हटाने की भारत की माँग मानने के लिए तैयार नहीं है। इससे चीन की कुटिल साज़िश सामने आयी होने का आरोप भारतीय विश्‍लेषकों द्वारा किया जा रहा है।

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