भारत रणनीतिक संयम बरतकर ‘एलएसी’ पर चर्चा कर रहा है – लेफ्टनंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी

उधमपूर – चीन के साथ एलएसी पर परिस्थिति स्थिर है। लेकिन हाई अलर्ट कायम होकर, किसी भी प्रकार के हिंसक हालात ना बनें इसके लिए दोनों तरफ से विभिन्न माध्यमों से संवाद जारी है, ऐसा सेना के नॉर्दर्न कमांड के प्रमुख लेफ्टनंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा। साथ ही, अब भारत के पास रणनीतिक संयम है और मज़बूत स्थिति में भारत की ओर से चर्चा जारी है, ऐसा लेफ्टनंट जनरल द्विवेदी ने स्पष्ट किया।

जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में सेना के नॉर्दर्न कमांड के मुख्यालय में ‘नॉर्थ टेक सिम्पोसिअम’ का आयोजन किया गया था। उसमें लेफ्टनंट जनरल द्विवेदी बात कर रहे थे। सेना का नॉर्दर्न कमांड कार्रवाई की दृष्टि से बहुत ही संवेदनशील होने के कारण, यहाँ हमेशा युद्ध के लिए सिद्ध रहना पड़ता है। इस कारण यहाँ पर सेना को आधुनिक तकनीक की आवश्यकता है। लद्दाख में चीन की घुसपैंठ के बाद, सामरिक दृष्टि से अहम होनेवाले अति ऊंचाई पर के इलाके में भारतीय सेना ने तैनाती बढ़ाने की शुरुआत की। इसे ‘ऑपरेशन स्नो लेपर्ड’ यह नाम दिया गया। इस ऑपरेशन से रक्षा बलों ने महत्वपूर्ण सबक सीखे, ऐसा लेफ्टनंट जनरल द्विवेदी ने कहा।

जवानों की तेज़ी से सीमा पर तैनाती करने पर और बुनियादी सुविधाओं के विकास पर बड़े पैमाने पर ज़ोर दिया जा रहा है। साथ ही, सीमा की सुरक्षा तथा अंतर्गत सुरक्षा इन दोनों चुनौतियों के लिए सेना हल ढूँढ रही है। इससे इस इलाके में लष्करी सिद्धता रखना आसान होगा, यह बात लेफ्टनंट जनरल द्विवेदी ने अधोरेखांकित की। सीमा पर भारत की हाल की स्थिति मज़बूत है। भारत के दुश्मन फिर से दुस्साहस नहीं करेंगे, इसके एहतियात बरते जा रहे हैं, यह भी उन्होंने स्पष्ट किया।

साथ ही, एलएसी पर विचार किया, तो चर्चा प्रदीर्घ समय तक चल सकती है, ऐसे संकेत लेफ्टनंट जनरल द्विवेदी ने दिए हैं। ‘चीन के पास रणनीतिक संयम है और जब तक उन्हें अपेक्षित नतीज़ा नहीं मिलता, तब तक प्रतीक्षा करने के लिए वे तैयार रहते हैं, ऐसा इससे पहले कहा जाता था। अब भारत के पास भी रणनीतिक संयम है और हम भी प्रतीक्षा करने के लिए तैयार हैं। इसका अर्थ, भारत की स्थिति मज़बूत है’, ऐसा लेफ्टनंट जनरल द्विवेदी ने अधोरेखांकित किया। साथ ही, भारत की तैयारी में किसी भी प्रकार की खामी नहीं रहेगी, इसका यकीन लेफ्टनंट जनरल द्विवेदी ने दिलाया।

शुक्रवार को एलएसी पर लद्दाख में चीन ने की घुसपैठ के दो साल पूरे हुए। सन 2020 में 5 मई को लद्दाख में पँगाँग-त्सो के पास चीन की घुसपैंठ के बाद भारतीय सैनिक और चीन के जवान एक दूसरे से भिड़ गए थे। दरअसल घुसपैंठ को अप्रैल महीने में ही शुरुआत हुई थी। उसके बाद एलएसी पर अन्य कुछ भागों से चिनी सैनिकों की घुसपैंठ की खबरें आई। इससे भारत और चीन के बीच तनाव बढ़ा। वहीं, 16 जून को गलवान में हुए हिंसक संघर्ष के बाद दोनों देशों के बीच का यह तनाव चरम सीमा तक पहुँच गया और युद्ध की स्थिति बनी थी। दोनों देशों के बीच, पिछले डेढ़ साल में तनाव कम करने के लिए विभिन्न स्तरों पर चर्चा हुई है। साथ ही, कमांड स्तर पर चर्चा के 15 सत्र पूरे हुए हैं। गलवान, पँगाँग-त्सो समेत कुछ इलाकों से चिनी सेना हटाई भी है। लेकिन कुछ इलाकों से चीन के सैनिक अभी भी पीछे नहीं हटे हैं। साथ ही, एलएसी पर चीन ने अपने जवानों की बड़े पैमाने पर तैनाती की है। इस पृष्ठभूमि पर, लेफ्टनंट जनरल द्विवेदी ने दिलाया यकीन और भारत की स्थिति के बारे में साझा की जानकारी अहम साबित होती है।

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