अंड़मान-निकोबार में ‘पी-८’ विमान उतारकर अमरीका ने दिया चीन को इशारा

पोर्ट ब्लेअर – लद्दाख में भारत और चीन के बीच तनाव की स्थिति में ही अमरीका ने पनडुब्बी शोधक ‘पी-८ पोसायडन’ गश्‍त विमान अंड़मान-निकोबार द्विप पर उतारा है। विमान में इंधन भरने के लिए यह अमरिकी विमान पोर्ट ब्लेअर के हवाई अड्डे पर उतारा गया था, ऐसा कहा गया है। लेकिन, यह विमान उतारकर अमरीका ने चीन को कड़ी चेतावनी दी है, यह बात विश्‍लेषक कह रहे हैं।

andaman-nicobar-p8२५ सितंबर के दिन अमरिकी नौसेना का ‘पी-८ पोसायडन’ गश्‍त विमान इंधन भरने के लिए पोर्ट ब्लेअर के वीर सावरकर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरने का समाचार है। वर्ष २०१६ में भारत और अमरीका ने ‘लॉजिस्टिक एक्सचेंज मेमोरंडम ऑफ ऐग्रीमेंट’ (एलईएमओई) समझौता किया था। इसके अनुसार दोनों देश एक-दूसरे के लष्करी अड्डों का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसी ‘लॉजिस्टिक्स’ समझौते के तहत अमरीका का ‘पी-८ पोसायडन’ गश्‍त विमान यहां पर इंधन भरने के लिए उतारा गया था।

कुछ दिन पहले इसी समझौते के तहत अरब सागर में तैनात भारतीय नौसेना की ‘आयएनएस तलवार’ युद्धपोत में अमरीका के ‘यूएसएनएस युकून टैंकर’ ने इंधन भरा था। अमरीका के अलावा भारत ने जापान, ऑस्ट्रेलिया और फ्रान्स के साथ भी ‘लॉजिस्टिक्स’ समझौते किए हैं। लेकिन, अंड़मान निकोबार में उतारा गया अमरिकी लष्करी गश्‍त विमान चीन के लिए इशारा बनता है, ऐसा दावा सामरिक विश्‍लेषक कर रहे हैं। जुलाई महीने में अमरीका की यूएसएस निमित्ज़ युद्धपोत ने इसी क्षेत्र में भारतीय नौसेना के साथ युद्धाभ्यास किया था। इसके ज़रिये भी चीन को सामरिक संदेश दिया गया था, ऐसा विश्‍लेषकों का कहना है।

भारतीय रक्षा बलों के बेड़े में भी ‘पी-८’ विमान मौजूद हैं। भारत इन विमानों का इस्तेमाल लद्दाख की ‘एलएसी’ पर जारी चीन की गतिविधियों पर नज़र रखने के लिए कर रहा है। साथ ही वर्ष २०१७ में ७३ दिन चले डोकलाम विवाद के दौरान भी भारत ने चीन की गतिविधियों पर नज़र रखने के लिए ‘पी-८’ विमानों का प्रभावी इस्तेमाल किया था।

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