जापान स्थित नाटो कार्यालय से पूर्व एशियाई देशों में संघर्ष होगा – चीन के विदेश मंत्रालय की चेतावनी

बीजिंग – ‘एशिया पैसिफिक क्षेत्र में संघर्ष प्रज्वलित करने के लिए नाटो लगातार कोशिश कर रही हैं। इस क्षेत्र के कारोबार में नाटो की बढ़ती दखलअंदाजी यहां की शांति और स्तिरता के लिए खतरा साबित होगी और इससे संघर्ष भी छिड़ेगा’, ऐसी चेतावनी चीन के विदेश मंत्रालय ने दी है। जापान में कार्यालय शुरू करने की सोच में नाटो होने की खबर कुछ दिन पहले प्रसिद्ध हुई थी। इसपर चीन की प्रतिक्रिया प्राप्त हुई है।  

एशियाईयूक्रेन में शुरू रशिया विरोधी युद्ध में अमरीका और नाटो को इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के मित्र देशों ने भारी मात्रा में सहायता प्रदान करना जारी रखा हैं। यूक्रेन को सैन्य एवं आर्थिक सहायता प्रदान करने के साथ ही रशिया पर प्रतिबंध लगाने में भी इन देशों ने सहयोग किया है। इनमें जापान, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड का समावेश हैं। इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के इन मित्र देशों के सहयोग के लिए नाटो जल्द ही जापान में अपना कार्यालय शुरू कर सकती हैं, ऐसा दावा जापान के अखबार किया था।

कुछ दिन पहले नाटो प्रमुख जेन्स स्टोल्टनबर्ग और जापान के प्रधानमंत्री फुमिओ किशिदा की मुलाकात होने की याद इस अखबार ने ताज़ा की। साथ ही चीन की इसपर आक्रामक प्रतिक्रिया सामने आयी है। ‘एशिया शांति और स्थिरता का लंगर हैं। सहयोग और विकास की गारंटी देनेवाली भूमि हैं। एशिया यानी भू-राजनीतिक स्पर्धा के लिए कुश्ती का मैदान नहीं हैं’, ऐसी तीखीं आलोचना चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने की। साथ ही नाटो एशिया-पैसिफिक क्षेत्र में संघर्ष भड़काने की कोशिश में होने का आरोप भी निंग ने लगाया।  

एशियाईइस क्षेत्र की गतिविधियों में हस्तक्षेप करने के लिए नाटो की जारी कोशिशों के कारण यहां की शांति और स्थिरता के लिए खतरा होगा और संघर्ष छिड़ जाएगा, ऐसी चेतावनी चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने दी। नाटो की गतिविधियों पर क्षेत्रीय देश नज़र बनाए रखे, ऐसी गुहार निंग ने लगाई। इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में हस्तक्षेप बढ़ाकर नाटो एवं अमरीका इस क्षेत्र में अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं, ऐसा आरोप चीन ने पहले ही लगाया था।

जापान में कार्यालय शुरू करने पर नाटो ने अभी अधिकृत ऐलान नहीं किया है। लेकिन, भविष्य में इस संभावना को नकारा भी नहीं जा सकता, ऐसा विश्लेषकों का कहना है। जापान, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड यह अमरीका-नाटो के सहयोगी देश हैं। इन देशों की सुरक्षा को चीन से खतरा होने का दावा अमरीका और नाटो ने पहले ही कर रखा है। साथ ही इन देशों के और इस क्षेत्र में अपने हितसंबंधों की सुरक्षा के लिए अमरीका ने जापान-दक्षिण कोरिया एवं ऑस्ट्रेलिया के साथ सैन्य सहयोग बढ़ाया हैं। इससे आनेवाले समय में नाटो इस क्षेत्र में अपना कार्यालय शुरू करने की संभावना होने का दावा विश्लेषक कर रहे हैं।
इसी बीच, अगले कुछ दिनों में जापान में ‘जी ७’ बैठक का आयोजन होगा। इसमें जापान यकिनन चीन से होने वाले खतरे का ज़िक्र कर सकता हैं। 

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