तैवान के मुद्दे पर विदेशी हस्तक्षेप कभी भी बर्दाश्‍त नहीं करेंगे – चीन के वरिष्ठ अधिकारी का इशारा

विदेशी हस्तक्षेपबीजिंग – ‘जी ७’ और ‘नाटो’ की बैठकों में लोकतांत्रिक देशों ने चीन की एकाधिकारशाही की आलोचना करके तैवान का खुला समर्थन किया। इस वजह से बौखलाए हुए चीन ने तैवान की सीमा में परमाणु बम वाहक ‘बॉम्बर’ विमानों को रवाना करके तैवान समेत पश्‍चिमी देशों को इशारा दिया है। तैवान की संप्रभुता का उल्लंघन करनेवाली चीन की इस कार्रवाई पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिक्रिया प्राप्त होने के बाद चीन ने अपनी इस कार्रवाई का समर्थन भी किया। तैवान के मुद्दे पर जानबूझकर हो रहा विदेशी हस्तक्षेप कभी भी बर्दाश्‍त नहीं करेंगे, यह धमकी भी चीन ने दी है। साथ ही लड़ाकू और बॉम्बर विमानों की घुसपैठ के बाद चीन ने अपने ‘ड्रेजर’ जहाज़ों को भी तैवान की समुद्री सीमा की ओर रवाना किया।

ब्रिटेन के कॉर्नवॉल में बीते रविवार के दिन हुई ‘जी ७’ की बैठक में लोकतांत्रिक देशों ने चीन पर जोरदार हमला किया था। ‘तैवान की हवाई एवं समुद्री संप्रभुता का चीन अनादर कर रहा विदेशी हस्तक्षेपहै। चीन की ऐसी हरकतों की वजह से इस क्षेत्र की शांति और स्थिरता के लिए खतरा बना है’, ऐसी आलोचना ‘जी ७’ देशों ने संयुक्त निवेदन जारी करके की थी। ‘जी ७’ की बैठक के बाद ब्रुसेल्स में आयोजित नाटो की बैठक में भी तैवान का मुद्दा उठाना तय हुआ था। नाटो के अफसरों ने माध्यमों से बातचीत करते समय, चीन की वजह से इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में निर्माण हुए तनाव का मुद्दा उठाया था।

‘जी ७’ और ‘नाटो’ की इस भूमिका पर तमतमाए हुए चीन ने मंगलवार की सुबह तैवान की हवाई सीमा में २८ विमानों की घुसपैठ करवाई। इन विमानों में लड़ाकू विमानों के साथ ही परमाणु बम बाहक बॉम्बर विमानों का भी समावेश था। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसको लेकर तीव्र प्रतिक्रिया दर्ज़ हुई। पश्‍चिमी माध्यमों ने चीन की इस घुसपैठ की जोरदार आलोचना की। लेकिन, यह एक अभ्यास का हिस्सा होने का बयान करके चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्र ने चीनी विमानों की इस घुसपैठ का समर्थन किया था।

विदेशी हस्तक्षेपऐसे में बुधवार के दिन चीन के तैवान संबंधित विभाग के प्रवक्ता मा शिओगुआंग ने माध्यमों के सामने जाकर इस कार्रवाई के लिए ‘जी ७’ ने तैवान के मुद्दे पर दर्ज़ की हुई प्रतिक्रिया ज़िम्मेदार होने के संकेत दिए। ‘स्वतंत्र तैवान की माँग या इस मामले में विदेशी हस्तक्षेप चीन कभी भी बर्दाश्‍त नहीं करेगा। चीन का यह इशारा सभी ध्यान में रखें, इसी उद्देश्‍य से इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया’, ऐसा कहकर शिओगुआंग ने तैवान की त्साई र्इंग-वेन की लोकनियुक्त सरकार एवं तैवान का समर्थन कर रहे लोकतांत्रिक देशों को धमकाया।

इसी बीच, लड़ाकू एवं बॉम्बर विमानों की तरह चीन के ‘ड्रेजर’ यानी रेत निकालनेवाले जहाज़ों ने तैवान की सीमा में घुसपैठ करने की खबरें सामने आ रही हैं। तैवान की राजधानी तैपेई से कुछ ही दूरी पर स्थित द्विप की सीमा में चीनी जहाज़ रेत निकालने का काम कर रहे हैं, ऐसा जापानी वृत्तसंस्था ने कहा है। तैवान की समुद्री सीमा में चीन के जहाज़ों की इस हरकत को लेकर भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिक्रिया प्राप्त हो सकती है।

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