इस्रायल, सऊदी, युएई और बाहरिन संयुक्त लष्करी मोरचा बनाने की तैयारी में – इस्रायली न्यूज़ चैनल का दावा

जेरूसलेम – ईरान से बढ़ रहे खतरे की पृष्ठभूमि पर, इस्रायल, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमिरात (युएई) और बाहरिन एक साथ आ रहे हैं। ईरान से होनेवाले इस खतरे का सामना करने के लिए इस्रायल और सऊदी तथा अरब मित्र देशों में संयुक्त लष्करी मूर्त मोरचा बनाने के लिए चर्चा शुरू है। इस्रायल के अग्रसर न्यूज़ चैनल ने यह खबर जारी की।

saudi-israel-bahrainअमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ईरान के साथ परमाणु समझौते में फिर से शामिल होने की तैयारी में है। लेकिन ईरान के साथ होने वाली परमाणु समझौते की चर्चा में क्या इस क्षेत्र के देशों को स्थान होगा, यह बायडेन प्रशासन ने अभी तक स्पष्ट नहीं किया है। इस्रायल, सऊदी तथा अरब देशों के ‘गल्फ कोऑपरेशन काऊन्सिल’ ने आवाहन करने के बावजूद भी अमरीका ने उसपर प्रतिक्रिया देना डाला है। इस पृष्ठभूमि पर, ईरान के खतरे का सामना करने के लिए इस्रायल, सऊदी अरब, युएई और बाहरिन ने एक साथ आने का फैसला किया है, ऐसा दावा इस्रायली न्यूज़ चैनल ने किया।

छः महीने पहले इस्रायल ने युएई और बाहरिन के साथ ‘अब्राहम समझौते’ के तहत ऐतिहासिक सहयोग स्थापित किया है। लेकिन इस्रायल और सऊदी अरब के बीच अधिकृत स्तर पर राजनीतिक संबंध स्थापित नहीं हुए हैं। इससे पहले इन दोनों देशों के नेता और अधिकारियों में गोपनीय बैठकें हुईं होने की खबरें पश्चिमी माध्यमों ने जारी कीं थीं।

पिछले साल, अमरीका के पूर्व विदेश मंत्री माईक पॉम्पिओ ने इस्रायल के प्रधानमंत्री नेतान्याहू और सऊदी के क्राउन प्रिन्स मोहम्मद बिन सलमान के बीच गोपनीय बैठक कराने का दावा अमरीका के अखबार ने किया था। पश्चिमी माध्यमों ने किए इन दावों की सऊदी ने पुष्टि नहीं की है। लेकिन इस्रायल के नेताओं ने, अपना देश सऊदी के साथ सहयोग स्थापित करने के लिए उत्सुक है, ऐसा समय-समय पर घोषित किया था।

saudi-israel-bahrainकुछ ही घंटे पहले इस्रायल के रक्षा मंत्री बेनी गांत्झ ने, ईरान को रोकने के लिए इस क्षेत्र के अरब देश एक साथ आए, ऐसा आवाहन किया था। ऐसी स्थिति में, इस्रायली न्यूज़ चैनल ने इस्रायल, सऊदी, युएई और बाहरिन के बीच हुई बैठक के बारे में प्रकाशित की खबर की ओर गंभीरता से देखा जा रहा है।

चार दिन पहले इस्रायल के एक और न्यूज़ चैनल ने, सिर्फ इस्रायल और सऊदी के अधिकारियों में फोन पर चर्चा हुई, ऐसा कहा था। बायडेन प्रशासन ने ईरान की संदर्भ में अपनाई भूमिका के कारण नाराज़ हुए इस्रायल और अरब देश अपना स्वतंत्र मोरचा बनाने के संकेत मिल रहे हैं।

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