भारत में ‘टेरर फंडिंग’ करने के लिए ‘आयएस’ कर रही है ‘बिटकॉईन’ का इस्तेमाल – ‘एनआयए’ का हलफनामा

नई दिल्ली – भारत में ‘टेरर फंडिंग’ के लिए ‘वर्चुअल करन्सी’ ‘बिटकॉईन’ क इस्तेमाल हो रहा है। ‘एनआयए’ ने दाखिल किए एक हलफनामे में यह दावा किया गया है। ‘आयएस’ से संबंधित एक कश्‍मीरी दंपति को इस वर्ष मार्च में दिल्ली के जामिया नगर इलाके से गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में ‘एनआयए’ ने यह हलफनामा दायर किया है और देश में ‘टेरर फंडिंग’ के लिए ‘क्रिप्टोकरन्सी’ का इस्तेमाल होने का यह पहला मामला सामने आया है। इस मामले में गिरफ्तार हुए आतंकी ने भारत में बड़ी संख्या में आतंकी हमले करने की साज़िश की थी, यह भी ‘एनआयए’ ने अदालत में दायर किए हलफनामे से स्पष्ट हो रहा है।

bitcoin-terror-fundingइस मामले में जहानज़ैब सामी वानी और उसकी पत्नी हीना बशीर बेग को मार्च में गिरफ्तार किया गया था। इन दोनों के विरोध में देश में आतंकी हमले की साज़िश रचने का आरोप रखा गया है। सामी को भारत में एक दिन में १०० विस्फोट करने थे। इस साज़िश को अंज़ाम देने के लिए आवश्‍यक ‘फंडिंग’ के लिए ‘बिटकॉईन’ का इस्तेमाल करने की कोशिश की गई थी।

सामी लीबिया स्थित ‘आयएस’ के एजंट के एक ‘मैसेंजर ऐप’ के माध्यम से संपर्क बनाए हुए थी। इस ‘आयएस’ के एजंट के साथ ‘ब्लॉकचैन टेक्नॉलॉजी’ के माध्यम से फंड़िंग की व्यवस्था करने को लेकर चर्चा होने की बात वानी की पुछताछ से सामने आयी। इसके अलावा विस्फोटकों की आपूर्ति करने को लेकर भी वानी ने ‘आयएस’ के एजंट से चर्चा की थी, यह बात भी ‘एनआयए’ ने दायर किए हलफनामे में दर्ज़ है। इसके अलावा यह दंपति एक ब्रिटीश महीला के संपर्क में भी थी। इस महीला ने जहानज़ैब सामी वानी को अपना ‘बिटकॉईन ऐड्रेस’ प्रदान करने की बात भी सामने आयी है।

bitcoin-terror-fundingबिटकॉईन’ जैसी ‘क्रिप्टोकरन्सी’ के लिए ‘ब्लॉकचेन टेक्नॉलॉजी’ का इस्तेमाल किया जाता है। साथ ही ऐसे ‘वर्चुअल करन्सी’ के व्यवहार का पता लगाना भी कठिन होता है। भारत में कुछ मामलों में नशीले पदार्थों की तस्करी में ‘क्रिप्टोकरन्सी’ का इस्तेमाल होने की बात स्पष्ट हुई है। लेकिन, भारत में ‘टेरर फंडिंग’ के लिए ‘क्रिप्टोकरन्सी’ का इस्तेमाल होने का यह पहला मामला है।

आतंकी और अपराधिक गिरोह कर रहे ‘वर्चुअल करन्सी’ के इस्तेमाल में हो रही बढ़ोतरी विश्‍वभर की सुरक्षा यंत्रणाओं की चिंता बढ़ानेवाली साबित हो रही है। अमरीका के न्याय विभाग ने १३ अगस्त के दिन घोषित किए आँकड़ों के अनुसार इस वर्ष करोड़ों डॉलर्स मूल्य की ‘किप्टोकरन्सी’ जब्त की थी। इनमें से ३०० खाते आतंकी ‘आयएस’, ‘अल कायदा’ और ‘हमास जैसी संगठनों के थे। तीन सप्ताह पहले अल कायदा और आतंकी गुटों को ‘क्रिप्टोकरन्सी’ के माध्यम से ‘फंडिंग’ कर रहे २९ लोगों को गिरफ्तार किया गया था।

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