‘एनआयए’ की अदालत ने ‘आयएस’ के १५ आतंकियों को सुनाई सज़ा

नई दिल्ली – भारत में ‘आयएस’ का नेटवर्क स्थापित करने की साज़िश में जुटे १५ आतंकियों को ‘एनआयए’ की अदालत ने शनिवार के दिन सज़ा सुनाई। वर्ष २०१५ में इस मामले में १९ लोगों को गिरफ्तार किया गया था। भारत में ‘आयएस’ से जुड़ी संगठन इन सभी लोगों ने मिलकर गठित की थी और इसके लिए युवकों की भर्ती भी की जा रही थी। भारत में इस तरह से ‘आयएस’ से संबंधित संगठन गठित करने का यह पहला मामला था।

१५ आतंकियों

इराक और सीरिया में आयएस का प्रभाव बढ़ा है और तभी भारत में इसी तरह का आतंकी संगठन गठित करने की कोशिश वर्ष २०१५ में सामने आयी थी। इस मामले में १९ दिसंबर २०१५ के दिन इनकी गिरफ्तारी हुई थी। भारत में आतंकी हमले करने के लिए और ‘आयएस’ में युवकों को भर्ती करने के लिए सोशल मीडिया के माध्यम से गतिविधियां हो रही थीं। इसके लिए जुनेद अल खलिफा नामक संगठन गठित की गई थी।

इस मामले में पकड़े गए आतंकी ने ‘आयएस’ के मीडिया प्रमुख अरमान उर्फ अल हिंद उर्फ अंजान भाई के साथ सोशल मीडिया के माध्यम से संपर्क बनाए थे और उसीके इशारे पर काम करे थे, यह बात भी जाँच के दौरान स्पष्ट हुई थी। साथ ही इन आतंकियों की गिरफ्तारी से बड़े आतंकी हमले रोकना संभव होने का दावा भी किया जा रहा है। भारत में ‘आयएस’ का नेटवर्क स्थापित करने के लिए कुछ लोग खाड़ी देशों में गए थे। लेकिन, इस साज़िश का खुलासा होते ही इन सभी लोगों को अलग अलग मार्ग से गिरफ्तार किया गया था।

इस मामले में नफीस खान, मुदब्बीर शेख, अबू अनस, मुफ्ती सामी, अझर खान, अमजद खान, मोहम्मद मोईउद्दीन, असिफ अली, मोहम्मद हुसेन, सईद मुजाहिद, नजमुल हुडा, मोहम्मद ओबेदुल्लाह, मोहम्मद अलीम, मोहम्मद अफज़ल और सोहिल अहमद को ‘एनआयए’ की अदालत ने सज़ा सुनाई है। इनमें से नफीस खान को सबसे अधिक १० वर्ष की सज़ा सुनाई गई है।

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