अगली सुनवाई तक रोहिंग्याओं के निष्कासन की योजना स्थगित की जाए – सुप्रीम कोर्ट का आदेश

नई दिल्ली: रोहिंग्याओं शरणार्थियों का भारत से निष्कासन करने के निर्णय के खिलाफ दाखिल की गई याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार से सुनवाई शुरू हुई है। देश की सुरक्षा और हित सबसे महत्वपूर्ण है। लेकिन हिंसा की वजह से शरणार्थी बन गई महिलाएं और बच्चों की समस्या को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। इसलिए राष्ट्रीय सुरक्षा और मानवी मूल्यों के बिच सरकार को संतुलन रखना पड़ेगा, ऐसा सुप्रीम कोर्ट ने कहा है। साथ ही अगली सुनवाई तक रोहिंग्याओं शरणार्थियों को वापस भेजने की योजना को स्थगित करें, ऐसा आदेश सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को दिया है।

सुप्रीम कोर्टसुप्रीम कोर्टने १३ अक्टूबर से रोहिंग्याओं शरणार्थियों के मामले में मुक़दमे की सुनवाई शुरू करेंगे ऐसा घोषित किया था। उसके अनुसार शुक्रवार को सुनवाई शुरू हुई। मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता के नीचे तीन सदस्यों के न्यायपीठ के सामने शुरू हुई इस सुनवाई में मानवी मूल्य घटना का आधार हैं, इसे स्पष्ट किया गया है। इसलिए उन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता, ऐसा कहते हुए सुरक्षा और देश हितभी महत्वपूर्ण है ऐसा कहा है। इसमें संतुलन बनाकर निर्णय लेना पड़ेगा ऐसा स्पष्ट करके सुप्रीम कोर्ट ने सरकार और याचिका कर्ताओं को अपना पक्ष रखने को कहा। इन सवालों के विविध पहलुओं पर कोर्ट विचार करेगा, ऐसा कोर्ट ने शुक्रवार को स्पष्ट किया। साथ ही २१ नवम्बर को अगली सुनवाई की जाएगी, ऐसा सुप्रीम कोर्ट के न्यायपीठने घोषित किया है।

दौरान, रोहिंग्याओं शरणार्थियों से देश की सुरक्षा को खतरा संभव है, ऐसी सुस्पष्ट भूमिका सरकार ने ली थी। इसको देश से समर्थन मिल रहा है और रोहिंग्याओं शरणार्थियों से सुरक्षा को होने वाला खतरा नए सिरे से अधोरेखित हुआ है। रोहिंग्याओं शरणार्थियों से हाथ मिलाकर ‘आयएस’ यह खतरनाक आतंकवादी संगठन हमला करने की तैयारी में है, ऐसा नागालैंड राज्य के पुलिस दल ने कहा है। ‘इसके लिए लगभग दो हजार रोहिंग्याओं को ‘आयएस’ की ओरसे आतंकवादी कार्रवाइयों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जवान नागा समुदाय पर हमला करके नागालैंड पर कब्जा करने का षडयंत्र इसके पीछे है। इस षडयंत्र को अंजाम देने के लिए ‘आयएस’ के २० आतंकवादी नागालैंड में घुस गए हैं’, ऐसा दावा इस राज्य के पुलिस दल ने किया है।

इसके लिए बांग्लादेश की सीमा पर बड़े पैमाने पर हथियार लाने की खबरें भी प्रसिद्ध हुई थी। इस पृष्ठभूमि पर भारत ने म्यांमार और बांग्लादेश के पास की सीमापर तैनात सुरक्षा दलों को सतर्क रहने का इशारा दिया है। त्रिपुरा के राज्यपाल तथागत रॉय ने रोहिंग्याओं से देश की सुरक्षा को बहुत  बड़ा खतरा पैदा हो सकता है, ऐसा इशारा एक परिसंवाद में दिया है।