ईरान जल्द ही छाबहार बंदरगाह भारत को सौंपेगा – ईरान के मंत्री की घोषणा

नई दिल्ली: अफगानिस्तान के साथ मध्य एशियाई देश एवं यूरोप के साथ भारत के व्यापार का मार्ग खुला करने वाले इराक के छाबहार बंदरगाह का कब्जा भारत को मिलने वाला है। महीने भर में इस बंदरगाह को उपयोग के लिए तथा देखभाल के लिए भारत के हवाले करने की तैयारी ईरानने की है। ईरान के रास्ते एवं शहर विकास मंत्री अब्बास अखुंदी ने इसके लिए घोषणा की है। एक तरफ भारत ईरान से ईंधन की खरीदारी पूर्ण रोके इसके लिए अमरिका दबाव डाल रहा है। उसी समय व्यापारी एवं रचनात्मक रुप से अत्यंत महत्वपूर्ण होनेवाले छाबहार बंदरगाह भारत को सौंप कर ईरान भारत के सामने सहयोग के लिए हाथ आगे कर रहा है। इन दोनों का संतुलन रखने के लिए भारत को कसरत करनी पडेगी, यह बात स्पष्ट तौर पर दिखने लगी है।

नई दिल्ली में नीति आयोग ने २ दिनों के ‘मोबिलिटी शिखर सम्मेलन’ का आयोजन किया है। जिसमें भाग लेने के लिए ईरान के रास्ते एवं शहर विकास मंत्री अखुंदी भी फिलहाल भारत के दौरे पर हैं। केंद्रीय रास्ते परिवहन मंत्री नितिन गडकरी इनके साथ हुई चर्चा के बाद उन्होंने माध्यमों से संवाद करते हुए यह घोषणा की है। डेढ़ वर्ष पहले भारत और ईरान में हुए अंतरिम करार के तहेत उपयोग और देखभाल के लिए यह बंदरगाह भारतीय कंपनी को सुपुर्द किया जाएगा। आने वाले महीने में यह कब्जा भारत की कंपनी को मिलेगा, ऐसा अखुंदी ने घोषित किया है। पर उस समय उन्होंने ईरान से ईंधन खरीदारी न करने की मांग भारत के पास करनेवाले अमरिका पर आलोचना की है। अमरिका इस क्षेत्र में गैर होने की बात कहकर ईरान के मंत्री ने इस क्षेत्र में देशों ने साथ आना चाहिए एवं अपनी दोस्ती अटूट रखनी चाहिए ऐसा कहा है। तथा प्रतिबंधों की वजह से ईरान से भारत को होने वाली ईंधन बिक्री नहीं रुकेगी, ऐसा विश्वास भी व्यक्त किया है।

ईरान, छाबहार बंदरगाह, भारत, सौंपेगा, मंत्री, घोषणा, नई दिल्ली, अफगानिस्तानपर्शियन खाड़ी क्षेत्र में फर्झाद-बी भी इस गैस उत्खनन क्षेत्र में भारतीय कंपनी का स्वागत होगा। भारत से अभी भी वैसा प्रस्ताव नहीं आया है फिर भी भारत ने इस बारे में उत्सुकता दिखाई है, ऐसी जानकारी अखुंदी ने दी है।

ईरान के विवादास्पद परमाणु कार्यक्रम को लेकर अमरिका ने ईरान पर प्रतिबंध जारी किए हैं। तथा ईरान से ईंधन खरीदारी करनेवाले सभी देशों को नवंबर तक ईरान से होने वाले ईंधन खरीदारी शून्य पर लानी होगी अन्यथा भारत को भी प्रतिबंध का सामना करना होगा, ऐसा अमरिका ने सूचित किया है। भारत और अमरिका में हालही में हुए ‘टू प्लस टू’ चर्चा में यह मुद्दा अमरिका ने उपस्थित किया था। भारत ईरान के साथ सहयोग रोके ऐसी मांग अमरिका ने करने का वृत्त है। इस पृष्ठभूमि पर रास्ते एवं शहर विकास मंत्री ने भारतीय कंपनी को छाबहार का कब्जा देने की घोषणा करके अमरिका के प्रतिबंधों के बाद भी भारत के साथ सहयोग कायम रहेंगे, यह व्यक्त किया विश्वास महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

पिछले वर्ष ईरान के राष्ट्राध्यक्ष हसन रोहानी ने छाबहार बंदरगाह के पहले स्तर का उद्घाटन किया था। यह बंदरगाह व्यूहरचनात्मक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण होकर चीन विकसित कर रहे पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह से छाबहार बंदरगाह केवल ८० किलोमीटर दूरी पर है। ग्वादर पहले भारत ने छाबहार विकसित करके ग्वादर का महत्व कम करने की आलोचना पाकिस्तान से हो रही है।

भारत और अफगानिस्तान में व्यापार के लिए मार्ग रोकने वाले पाकिस्तान को दूर करते हुए भारत ने इस बंदरगाह द्वारा अफगानिस्तान के साथ व्यापार शुरू किया है।

इतना ही नहीं बल्कि मध्य एशियाई देश, रशिया और यूरोप तक पहुंचने के सुलभ मार्ग भी भारत को इसकी वजह से उपलब्ध हुआ है। इसकी वजह से इस बंदरगाह का बहुत बड़ा राजनीतिक लाभ भी भारत को मिल रहा है। संचालन के लिए यह बंदरगाह भारतीय कंपनी के कब्जे में आना, यह बात भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण हो सकती है।

अमरिकी प्रतिबंधों के पृष्ठभूमि पर भारत ईरान से तेल की खरीदारी शुरु रखें इसके लिए इरान भारत को विनती कर रहा है और इस पृष्ठभूमि पर छाबहार बंदरगाह का संचालन एवं देखभाल के लिए जल्द ही भारतीय कंपनी के कब्जे में देने की तैयारी ईरान ने की है तथा फरजाद-बी क्षेत्र में गैस उत्खनन के लिए ईरान भारत को आमंत्रित कर रहा है।

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