‘आतंकवादी संगठन द्वारा ‘लैपटॉप बम्स’ विकसित करने की कोशिश’ : अमरीका की खुफिया एजन्सी की चेतावनी

वॉशिंग्टन, दि. २: हवाईअड्डे पर सुरक्षायंत्रणा को भी चकमा देनेवाले ऐसे ‘लैपटॉप बम्स’ विकसित करने की कोशिश आतंकवादी संगठनों द्वारा शुरू हैं, ऐसी चेतावनी अमरीका की खुफिया एजन्सी ने दी है| ‘आयएस’ और ‘अल कायदा’ जैसे आतंकी संगठनों ने ऐसे बम्स तैयार करने का काम बडी मात्रा में हाथ में लिया है, ऐसी जानकारी मिलने के बाद अमरीका और ब्रिटन जैसे देशों ने, अरब समेत खाडी देशों से लॅपटॉप और बाकी इलेक्ट्रॉनिक चीजों पर पाबंदी लगा दी है, ऐसा कहा जाता है| अमरीका के ‘सीएनएन’, ‘सीबीएस’ और ‘फॉक्स न्यूज’ जैसी प्रमुख मीडिया ने खुफिया एजन्सी के हवाले इस संदर्भ की खबर प्रकाशित की|

‘आयएस’ और ‘अलकायदा’ जैसे आतंकी संगठनों के हाथ ‘एअरपोर्ट स्कॅनर्स’ समेत ऍड्वान्स्ड् ‘एअरपोर्ट सिक्युरिटी इक्विपमेंट’ लगे हैं| इस यंत्रणा का इस्तेमाल कर नये प्रकार के विस्फोटक और बम्स का परीक्षण शुरू किया गया है| अमरीका के हवाईअड्डों पर अब बैग्ज चेक करने के लिए करीबन दस साल पुरानी यंत्रणा का इस्तेमाल किया जा रहा है, जो कि ‘एक्स रे मशीन’ पर आधारित है|

अमरीका के अंतर्गत रक्षा विभाग समेत व्हाईट हाऊस ने भी इस संदर्भ की जानकारी की पुष्टि की है| ‘हाथ में लगी गोपनीय जानकारी के अनुसार आतंकी गुट हवाईक्षेत्र को निशाना बनाने की कोशिश कर रहे हैं, ऐसे संकेत मिल रहे हैं| इसके लिए इलेक्ट्रॉनिक उत्पादनों का बड़ी मात्रा में इस्तेमाल किया जा सकता है’, ऐसे अंतर्गत रक्षा विभाग के निवेदन में स्पष्ट किया गया है| व्हाईट हाऊस के माध्यम सचिव सीन स्पायसर ने, आतंकी संगठन हवाईक्षेत्र पर हमला करने के लिए नये नये प्रकारों का इस्तेमाल करेंगे, ऐसी जानकारी मिली है, यह बताया|

इससे पहले मार्च २०१६ में सोमलिया के एक हवाईअड्डे पर एक यात्री ने विमान में लैपटॉप बम का इस्तेमाल किया था| इसमे विमान का नुकसान हुआ था और छह यात्री घायल हुए थे| ‘अलकायदा’ इस आतंकी संगठना ने इसकी जिम्मेदारी का स्वीकार किया था| इसमें इस्तेमाल किये गये लैपटॉप के फोटोग्राफ्स भी बाद में प्रकाशित किए गए थे| इसी कारण इस प्रकार के बम विकसित करने में आतंकी संगठन सफल हुए है, इस दावे को पुष्टि मिली है|

अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने दस दिन पहले एक आदेश जारी कर, अरब और खाड़ी देशों में से विमान से आनेवाले यात्रियों को इलेक्ट्रॉनिक चीजें लाने पर पाबंदी लगाने का फैसला किया था| इस आदेश में, सौदी अरेबिया और संयुक्त अरब अमिरात के चार शहरों समेत, जॉर्डन, कुवैत, ईजिप्त, तुर्की, कतार और मोरोक्को इन देशों के मुख्य शहर शामिल थे| इस फैसले के पीछे, खुफिया एजन्सी से मिली जानकारी यही मुख्य कारण था, ऐसा कहा जाता है|

अमरीका के अंतर्गत की हुई विमान यात्रा तथा अमरीका से बाहर जानेवालीं आंतर्राष्ट्रीय हवाईसेवाओं का इस निर्बंध में फिलहाल समावेश नहीं है| लेकिन भविष्य में इनमें बदलाव हो सकता है, ऐसे संकेत सूत्रों ने दिये हैं|

अमरीका के बाद ब्रिटन ने भी अरब और खाडी देशों के यात्रियों पर, इलेक्ट्रॉनिक चीज़े लाने के लिए निर्बंध लगाये हैं| इन चीज़ो में लैपटॉप, केमेरा, आयपॉड और आम स्मार्टफोन से बड़ी चीज़ो का समावेश है| अमरीका और ब्रिटन के बाद ऑस्ट्रेलिया ने भी, खाड़ी देशों में से आनेवाले यात्रियों पर अतिरिक्त पाबंदियाँ लगायी हैं, ऐसी ख़बर सामने आयी है|

ब्रिटन के परमाणु प्रकल्प और हवाईअड्डों पर ‘टेरर अलर्ट’

ब्रिटन के सभी परमाणु प्रकल्प और हवाईअड्डों पर ‘टेरर अलर्ट’ जारी करते हुए सुरक्षाव्यवस्था कड़ी करने के आदेश दिये गये हैं| ‘आयएस’ जैसे आतंकी संगठनों ने हवाईअड्डों की सुरक्षाव्यवस्था को चकमा देते हुए बम लाने का तंत्र ढूँढ़ा होने का दावा खुफिया एजन्सियो ने किया है| इस दौरान, देश के परमाणु प्रकल्पों पर सायबर हमले चढाये जायेंगे, ऐसी चेतावनी दी गयी है| कुछ दिन पहले ब्रिटन के संसद पर हुए आतंकी हमले की पृष्ठभूमि पर, यह नया अलर्ट ग़ौरतलब साबित होता है|

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