भारत की ‘अझहर’ पर कार्रवाई करने की कोशिश राजनीतिक हेतु से प्रेरित होने का पाकिस्तानी विदेशमंत्रालय का आरोप

इस्लामाबाद, दि. १ : ‘जैश-ए-मोहम्मद’ का सरगना ‘मसूद अझहर’ पर सुरक्षापरिषद द्वारा कार्रवाई की जाये, यह भारत द्वारा की जा रही कोशिश राजनीतिक हेतु से प्रेरित थी, ऐसा इल्ज़ाम पाकिस्तान ने लगाया| साथ ही, ‘भारत ही पाकिस्तान में आतंकी कार्रवाई कर रहा है’ यह इल्ज़ाम भी पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने लगाया| अपने इन कारनामों से दुनिया का ध्यान दूसरी ओर खींचने के लिए भारत ‘अझहर’ पर कार्रवाई के लिए कोशिश कर रहा है, ऐसे पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नफीस झकारिया ने कहा है|

pg01_सन २०१६ के जनवरी महीने में पठानकोट के भारतीय हवाईसेना के अड्डे पर हुए हमले की साज़िश ‘जैश-ए-मोहम्मद’ ने रची थी, यह स्पष्ट हो चुका था| इस हमले के सबूत भारतीय जाँच एजन्सियों के हाथ आये होकर, उन्हे पाकिस्तान के हवाले कर दिया गया था| इस मामले में भारत ने ‘मसूद अझहर’ और उसका भाई ‘रौफ’ पर चार्जशीट लगाई है| उसी वक्त भारत ने ‘अझहर’ के खिलाफ कार्रवाई का प्रस्ताव सुरक्षा परिषद में पेश किया था| इस प्रस्ताव को चीन के अलावा सभी देशों ने समर्थन दिया था|

लेकिन चीन अपने विशेष नकाराधिकार (वेटो) का इस्तेमाल करते हुए ‘अझहर’ पर की कार्रवाई प्रलंबित कर रहा है| इस पृष्ठभूमि पर, पाकिस्तान ने अझहर पर की जा रही कार्रवाई के पीछे भारत का राजनीतिक हेतू है, ऐसा इल्ज़ाम लगाया है| नफीस झकारिया ने, भारत ही पाकिस्तान में आतंकी कारनामें कर रहा है, यह इल्ज़ाम लगाया| भारतीय नौसेना के जवान कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान में ही गिरफ्तार किया था, इस बात पर झकारिया ने, ‘भारत पुरस्कृत आतंकवाद का पाकिस्तान शिकार हुआ’ ऐसी आलोचना की| अपने इस आतंकी कारनामे को छिपाने के लिए भारत ‘अझहर’ पर कार्रवाई की माँग कर रहा है, ऐसे भी झकारिया ने कहा| उसी वक्त, सुरक्षापरिषद में भारत का प्रस्ताव पारित नहीं हो रहा है, ऐसा कहते हुए झकारिया ने उसपर संतोष जताया|

pg01_Azharचीन ने कुछ ही दिन पहले, अझहर पर की जानेवाली कार्रवाई के प्रस्ताव पर तकनिकी कारण देते हुए रोक लगाई थी| ‘अझहर’ जैसे आतंकवादी पर होनेवाली कार्रवाई को रोकने के लिए चीन ने तीसरी बार ऐसी भूमिका अपनायी, इसपर भारत ने नाराज़गी जतायी| साथ ही, चीन की इस नीति के कारण दोनो देशों के बीच के संबंध बिगड जायेंगे, ऐसी भारत ने चेतावनी दी थी| लेकिन चीन भारत की इस चेतावनी को नज़रअंदाज़ कर रहा है| मसूद अझहर पाकिस्तान में खुलेआम घुमते हुए सार्वजनिक रैली में भाषण दे रहा है| इतने खुलेआम पाकिस्तान में घुम रहे ‘अझहर’ को सुरक्षापरिषद ने यदि ‘आतंकवादी’ घोषित किया, तो ‘पाकिस्तान आतंकवाद को अभय देनेवाला देश है’ यह साबित होगा| इससे पाकिस्तान को ‘आतंकवादी देश’ घोषित करने की माँग को ताकत मिल सकती है|

साथ ही, भारत के साथ रहनेवाले संबंधों को दाँव पर लगाते हुए चीन ‘अझहर’ को बचा रहा है| सिर्फ मसूद अझहर ही नहीं, बल्कि सय्यद सलाहउद्दीन और हफीज सईद जैसे आतंकवादियों पर होनेवाली सुरक्षा परिषद की कार्रवाई भी इससे पहले चीन ने नकाराधिकार का इस्तेमाल करते हुए रोकी थी| ये आतंकवादी पाकिस्तान से भारत के खिलाफ कारनामें करते हुए भारतद्वेष से भरे हुए भाषण कर रहे हैं| कुछ दिन पहले हफीज सईद ने कराची में किये एक भाषण में, भारत में आतंकवाद मचाने की योजना प्रस्तुत की थी| उसके लिए म्यानमार के रोहिंग्या की मदद ली जा सकती, ऐसे सईद ने कहा था|

मुंबई पर हुए आतंकी हमले का साज़िशकर्ता हफीज सईद हर समय भारत के खिलाफ जहर उगल रहा है| लेकिन पाकिस्तानी एजन्सियों ने सईद पर किसी भी प्रकार की कार्रवाई नही की| बल्कि ‘सईद यह समाजसेवक है’ ऐसी पुष्टि पाकिस्तान की एजन्सियों ने की थी| साथ ही, ‘उसपर भारत ने लगाए इल्ज़ाम बेबुनियाद हैं, जो राजनीतिक हेतु से प्रेरित हैं’ ऐसी आलोचना पाकिस्तान द्वारा की जा रही है|

‘जैश’ का सरगना मसूद अझहर के बारे में भी पाकिस्तान ने यही भूमिका अपनाई है और उसपर भारत ने लगाये इल्जाम राजनीतिक हेतु से प्रेरित हैं, ऐसा बचाव किया है|

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