भारत और रशिया के बीच ४३ हजार करोड़ रुपये के रक्षा समझौते

बाणावली, दि. १५ (पीटीआय) – ‘एक पुराना मित्र दो नए मित्रों से बेहतर होता है’ इस रशियन कहावत का संदर्भ देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत और रशिया की पारंपरिक दोस्ती की अहमियत को अधोरेखित किया| ब्रिक्स परिषद के लिए भारत में आए रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन और प्रधानमंत्री मोदी के बीच हुई द्विपक्षीय चर्चा के बाद उभय देशों में १६ समझौते संपन्न हुए| इनमें अणुऊर्जा, इंधन, अंतरिक्ष, स्मार्ट सिटी, उच्च टैक्नॉलॉजी सहित अन्य क्षेत्रों से संबंधित सामंजस्य समझौतों समेत, ४३ हज़ार करोड़ रुपयों के रक्षासंबंधी सहयोग का समावेश है| इन समझौतों के तहत, रशिया भारत को हवाई सुरक्षा यंत्रणा मुहैय्या करेगा और आधुनिक विनाशिकाओं समेत लडाकू हेलिकॉप्टर का निर्माण करेगा|

भारत और रशियाप्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने संयुक्त पत्रकार परिषद को संबोधित किया| इससे पहले दोनों नेताओं ने तमिलनाडू की ‘कुडनकुलम्-२’ परियोजना देश को सौंपी। साथ ही, ‘कुडनकुलम्-३’ और ‘कुडनकुलम्-४’ परमाणुऊर्जा परियोजनाओं की आधारशिला रखी| इसीके साथ, दोनों देशों में १६ सामंजस्य समझौते संपन्न हुए हैं| इनमें ‘एस-४०० ट्रायम्फ’ यह अभेद्य मानी जानेवाली रशियन हवाई सुरक्षायंत्रणा को खरीदने के लिए किये गए समझौते का भी समावेश है| चीन और पाकिस्तान जैसे पड़ोसी देश भारत को मिले हैं| इसको देखते हुए भारत को इस प्रक्षेपास्त्र को भेदनेवाली यंत्रणा की बेहद ज़रूरत है|

तक़रीबन ४०० किलोमीटर की पहुँचवाले के प्रक्षेपास्त्र, लड़ाक़ू विमान और ड्रोन को हवा में ही निशाना बनाने की क्षमता इस आधुनिक यंत्रणा में है| एक ही साथ कई जगहों के लक्ष्यों को भेदने की क्षमता प्राप्त इस यंत्रणा की वजह से भारत की हवाई सुरक्षा कई गुना बढनेवाली है| तक़रीबन पाच अरब डॉलर्स के इस खरीदारी व्यवहार की वजह से भारत और रशिया के बीच रक्षासंबंधी सहकार्य और भी दृढ़ हुआ है|

इसीके साथ, रशिया भारत की नौसेना को ‘ऍडमिरल ग्रिगोर्विच श्रेणी’ की चार स्टेल्थ विनाशिकाएँ देगा| इनमें से दो विनाशिकाओं का निर्माण रशिया में किया जायेगा और दो विनाशिकाओं का निर्माण भारत में किया जायेगा| दुश्मन की रडारयंत्रणा को चकमा देनेवाली ये विनाशिकाएँ भारतीय नौसेना में शामील होने की वजह से नौसेना की ताकद और भी बढ़ेगी| साथ ही, भारत और रशिया संयुक्त रूप से ‘कुमाऊ २२६ टी’ लड़ाक़ू हेलिकॉप्टर्स का निर्माण करनेवाले हैं और यह परियोजना भारत में क्रियाशील होगी| इस परियोजना के माध्यम से तक़रीबन २०० लड़ाक़ू हेलिकॉप्टर्स का निर्माण किया जायेगा| अभी तक भारत के रक्षादलों को हेलिकॉप्टरर्स के लिए अन्य देशों पर निर्भर रहना पड़ता था| इस पृष्ठभूमि पर, रशिया के साथ हुआ यह समझौता काफ़ी अहम माना जा रहा है|

दोनों देशों के बीच इंधनविषयक सहयोग के सिलसिले में समझौता संपन्न हुआ है और भारत के ‘ओएनजीसी विदेश’ ने रशियन ईंधन कंपनी में हिस्सा खरीदा है| अब तक रशिया के इंधन क्षेत्र में, भारतीय कंपनियों ने तक़रीबन ५.५ अबर डॉलर्स का निवेश किया है| आनेवाले समय में यह निवेश बढ़ाने के लिए भारत उत्सुक है, ऐसा प्रधानमंत्री मोदी ने इस समय कहा| साथ ही, रशिया भारत को और आठ रिऍक्टरों का निर्माण कराके देनेवाला है|

भारत की बुनियादी सुविधाओं के विकास क्षेत्र में रशिया निवेश करनेवाला है और स्मार्ट सिटी के सिलसिले में दोनों देशों में समझौते हुए हैं| बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए रशिया ने तक़रीबन ५० करोड डॉलर्स का निवेश करने की घोषणा की है और दोनों देश मिलकर इसके लिए तक़रीबन १०० करोड़ डॉलर्स की निधि उपलब्ध करा देनेवाले हैं|

आतंकवाद के खिलाफ़ भारत-रशिया की समान भूमिका

उरी में हुए आतंकी हमले का रशिया ने निषेध किया था| साथ ही, भारत ने ‘पीओके’ में किए ‘सर्जिकल स्ट्राईक’ का भी रशिया ने समर्थन किया था| इसीलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रशिया का शुक्रिया अदा किया| आतंकवाद किसी भी क़ीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जायेगा, यह भारत का धोरण और रशिया का धोरण इनमें कोई भी फ़र्क़ नहीं है, ऐसा कहते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने संतोष जताया| दोनों नेताओं ने, संयुक्त पत्रकार परिषद को संबोधित करते समय आतंकवाद का कडे शब्दों में निषेध किया|

साथ ही, आतंकवाद के खिलाफ़ भारत और रशिया एक दूसरे के साथ सहयोग कर रहे हैं, यह बात भी इस समय दोनों नेताओं ने कही| ब्रिक्स परिषद के सभी देश आतंकवाद के खिलाफ़ ठोंस भूमिका अपनाकर, पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दें, इसके लिए भारत आक्रामक मुहिम छेड़ रहा है। चीन को छोड़कर अन्य देश भारत के इन प्रयासों को प्रतिसाद देंगे, ऐसी अपेक्षा जताई जा रही है| रशिया ने भारत की आतंकवादविरोधी भूमिका को समर्थन दिया है और ब्राझिल, दक्षिण आफ्रिका भी रशिया का अनुकरण करेंगे, ऐसा दावा किया जा रहा है| लेकिन भारत की आतंकवादविरोधी भूमिका को चीन का समर्थन नहीं मिला है| चीन आतंकवाद का निषेध करें और ‘अझहर’ जैसे आतंकवादी को समर्थन ना दें इसके लिए भारत ख़ास प्रयास कर रहा है, ऐसा सामने आ रहा है|

 

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