भारतीय उलेमों की बैठक में हफिज सईद के साथ पाकिस्तान का निषेध

मुंबई: मुंबई पर हुए २६/११ हमले का सूत्रधार हफिज सईद का कड़े शब्दों में निषेध करके हजारों से अधिक इस्लामी धर्मगुरुओं ने सईद पर संयुक्त राष्ट्रसंघ कार्रवाई करे, ऐसी माँग की है। उसी समय भारत के खिलाफ कार्रवाई करने वाले ६० आतंकवादी संगठन पाकिस्तान में होने की बात कहकर, इन धर्मगुरुओं ने पाकिस्तान का निषेध किया है। कश्मीर समस्या भारत की अंतर्गत समस्या है, ऐसा कहकर, इन धर्मगुरुओं ने पाकिस्तान इसमें हस्तक्षेप न करे, ऐसी भूमिका अपनाई है।

‘मदरसा दारुल उलूम अली हसन अहले सुन्नत’ ने मुंबई में आयोजित की हुई उलेमों की बैठक में हफिज सईद आतंकवादी होने का दाग लगाया है। सईद आतंकवादी है और उससे वैश्विक शांति और सुरक्षा को खतरा है। सईद अपने आपको भारत का पहले नंबर का दुश्मन मानता है। लेकिन वो इस्लाम और मानवता का दुश्मन है’, ऐसा इस बैठक में मंजूर किए गए प्रस्ताव में स्पष्ट रूप से कहा गया है। करीब १३ पन्नों के इस प्रस्ताव में संयुक्त राष्ट्रसंघ की सुरक्षा परिषद ने हफिज सईद साथ ही उसका आतंकवादी संगठन ‘जमात-उल-दवा’ पर कड़ी कार्रवाई करे, ऐसी माँग की गई है।

पाकिस्तान का निषेधइसके साथ ही पाकिस्तान में करीब ६० आतंकवादी संगठन कार्यरत होने की बात कहकर, इस प्रस्ताव में आतंकवादियों का पुरस्कार करने वाले पाकिस्तान का भी कड़े शब्दों में निषेध किया गया है। कश्मीर प्रश्न में हस्तक्षेप करने वाले पाकिस्तान ने कश्मीर यह भारत की अंतर्गत समस्या है और उसमे हस्तक्षेप न करे, ऐसा इशारा इस प्रस्ताव के द्वारा उलेमों ने दिया है। दौरान, पाकिस्तान में नजरबंदी में रह रहे हफिज सईद ने कुछ दिन पहले ही एक राजनितिक पार्टी की स्थापना की है। ‘मिल्ली मुस्लिम लीग’ ऐसा सईद के पार्टी का नाम है और जल्द ही उसकी यह पार्टी पाकिस्तान की राजनीती में उतरेगी।

अमरीका ने करीब एक करोड़ डॉलर्स का इनाम जिसके सर पर रखा है, ऐसा आतंकवादी पाकिस्तान में राजनितिक पार्टी स्थापन करके चुनाव लड़ सकता है, यह बात पाकिस्तान के लिए लांछनजनक है, ऐसी टीका इस देश के जानकार कर रहे हैं। उसी दौरान कट्टरपंथियों ने राजनितिक पार्टी स्थापन करने का अधिकार हफिज सईद को भी है, ऐसा कहकर उसका समर्थन किया है। ऐसी स्थिति में पाकिस्तान की आतंकवादी नीति पर भारतीय उलेमों ने इस बारे में कड़ी भूमिका लेकर पाकिस्तान को झटका दिया है। उन्होंने अपनाई इस भूमिका का देश में स्वागत हो रहा है।

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