पाकिस्तान के रक्षण में ‘आयएस’ दक्षिणी एशिया में विस्तार कर रही है – यूरोपिय अभ्यासगुट का दावा

जेनीवा – इराक और सीरिया में ‘आयएस’ का प्रभाव खत्म हुआ है और ऐसे में अब इस आतंकी संगठन ने दक्षिणी एशिया में अपना प्रभाव तेज़ गति से बढ़ाया है। ‘आयएस’ के बढ़ते प्रभाव के लिए पाकिस्तान की कुख्यात गुप्तचर संगठना ‘आयएसआय’ सहायता कर रही है, यह इशारा यूरोप के नामांकित अभ्यासगुट ने दिया है। ‘आयएस’ के ७० प्रतिशत आतंकी पाकिस्तान में मौजूद हैं और इनमें ‘हक्कानी नेटवर्क’, ‘जमात उल दवा’ और ‘लश्‍कर ए तोयबा’ इन आतंकी संगठनों से भर्ती हुए दहशतगर्दों का समावेश हैं। पाकिस्तानी गुप्तचर संगठन ‘आयएसआय’ ने ‘आयएस’ पर अपनी पकड़ मज़बूत की है, यह दावा भी इस अभ्यासगुट ने किया है। भारत के जम्मू-कश्‍मीर और अफ़गानिस्तान में आतंकी हमले करने के लिए पाकिस्तान की गुप्तचर संगठना ‘आयएस’ का इस्तेमाल कर रही है, यह आरोप भी यूरोपिय अभ्यासगुट ने किया है।

efsasसंयुक्त राष्ट्रसंघ की ४५ वीं मानव अधिकार संगठन की बैठक के अवसर पर यूरोपियन अभ्यासगुट ‘यूरोपियन फाउंडेशन फॉर साउथ एशिया स्टडिज्‌’ (यूएफएसएएस) ने एक वेबिनार का आयोजन किया था। इस दौरान यूरोपियन अभ्यासगुट के निरिक्षकों ने दक्षिण एशिया में ‘आयएस’ के बढ़ रहे प्रभाव के खतरे के विषय पर चर्चा की। अमरीका की लष्करी कार्रवाई की वजह से ‘आयएस’ का इराक और सीरिया में प्रभाव कम हुआ है। इसके बाद यह आतंकी संगठन ‘इस्लामिक स्टेट-खोरासन प्रोविन्स’ (आयएसकेपी) के नाम से दक्षिण एशिया में सक्रिय हुई है। अफ़गानिस्तान और पाकिस्तान इस आतंकी संगठन का प्रभाव क्षेत्र बना है। अमरीका की तालिबान के साथ जारी शांतिवार्ता और साथ ही अफ़गानिस्तान से सेना की वापसी करने के मुद्दे की पृष्ठभूमि पर ‘आयएस’ का बढ़ता प्रभाव चिंताजनक होने का दावा यूरोपिय अभ्यासगुट के वरिष्ठ निरिक्षक टिमोथी फॉक्सले ने किया।

मौजूदा स्थिति में दो से तीन हज़ार आतंकी ‘आयएसकेपी’ के सदस्य बने होने का दावा किया जा रहा है। इनमें से ७० प्रतिशत आतंकी पाकिस्तान में होने की जानकारी अमरीकी सेना ने पहले ही सार्वजनिक की थी, इस बात की याद भी फॉक्सले ने ताज़ा की। इसमें भी हक्कानी नेटवर्क के अधिकांश आतंकियों को ‘आयएस’ का हिस्सा बनाने के लिए पाकिस्तान की गुप्तचर यंत्रणा कोशिश कर रही है, यह दावा भी यूरोपिय अभ्यासगुट ने किया। फिलहाल हक्कनी नेटवर्क के अलावा ‘जमात’ और ‘लश्‍कर’ के आतंकी भी ‘आयएस’ में शामिल हो रहे हैं और पाकिस्तानी गुप्तचर यंत्रणा इस आतंकी संगठन के माध्यम से अपना अजेंड़ा चला रही है, यह आरोप भी यूरोपिय अभ्यासगुट ने किया है।

isis-isiबीते कुछ वर्षों में अफ़गानिस्तान और भारत में ‘आयएस’ ने किए आतंकी हमलों के पीछे पाकिस्तान स्थित हक्कानी नेटवर्क और लश्‍कर ए तोयब होने का आरोप इस अभ्यासगुट ने किया। इन हमलों के दौरान ‘आयएस’, ‘हक्कानी’ या ‘लश्‍कर’ की कार्यपद्धती समान होने की बात पर भी इस अभ्यासगुट ने ध्यान आकर्षित किया है। साथ ही पाकिस्तानी गुप्तचर संगठन ने ही ‘आयएस’ और पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों के लिए हथियारों की आपूर्ति की है, यह आरोप भी पहले किए गए थे। इस बात पर भी यूरोपिय अभ्यासगुट ने ध्यान केंद्रीत किया। अफ़गानिस्तान की सुरक्षा यंत्रणा ने पहले ही ‘आयएस’ और ‘आयएसआय’ में जारी सहयोग के बारे में किए आरोपों का दाखिला भी इस अभ्यासगुट ने दिया है।

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