‘ईरान को नज़रअंदाज़ किया, तो उत्तर कोरिया के समान ही आफतें मँड़राने लगेंगी’ : अमरीका के विदेशमंत्री रेक्स टिलरसन

वॉशिंग्टन, दि. २१: ‘पश्‍चिमी देशों ने ईरान के साथ किया हुआ परमाणु समझौता विफल हो चुका है| इसी कारण, यदि इस परमाणु समझौते पर निर्भर रहकर ईरान के परमाणु कार्यक्रम को अनदेखा किया, तो आनेवाले समय में उत्तर कोरिया के समान ईरान भी विश्‍व की सुरक्षा के लिए खतरा बनेगा’ ऐसी चेतावनी अमरीका के विदेशमंत्री रेक्स टिलरसन ने दी| वहीं, परमाणु कार्यक्रम के साथ साथ, खाड़ी प्रदेश में भी ईरान की गतिविधियाँ उकसानेवालीं हैं, ऐसा इल्ज़ाम अमरीका के विदेशमंत्री ने लगाया|

विश्‍व की सुरक्षा के लिए खतरा

प्रिन्स ‘सौद अल-फैझल’ की अगुआई में सौदी अरब का एक प्रतिनिधिमंडल अमरीका की यात्रा पर है| इनमें सौदी के उद्योजक और बड़े व्यापारी शामिल हैं| पिछले कई सालों से अमरीका और सौदी में निर्माण हुए तनाव को कम करने के लिए और व्यापारी सहयोग बढ़ाने के लिए सौदी का प्रतिनिधिमंडल अमरीका की यात्रा पर है, ऐसा कहा जाता है| इस मौके पर आयोजित किए गए ‘यूएस-सौदी सीईओ समीट’ को संबोधित करते हुए विदेशमंत्री टिलरसन ने ईरान की आलोचना की|

दो साल पहले अमरीका के भूतपूर्व राष्ट्राध्यक्ष बराक ओबामा ने ईरान के साथ परमाणु समझौता किया था| इस समझौते के अनुसार, आनेवाले दो दशकों तक ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर पाबंदियाँ लगायी गईं, जिसमें संवर्धित युरेनिअम की तादाद भी निश्‍चित की गई थी| इसके बदले में ईरान पर थोंपे हुए प्रतिबंध ढ़ीले करने पर पश्‍चिमी देश कबूल हुए थे|

लेकिन ओबामा प्रशासन द्वारा किए गए इस परमाणु समझौते का पुनरावलोकन कर उसपर पुनर्विचार करने के आदेश राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने दिये हैं, ऐसी जानकारी टिलरसन ने दी| उसके साथ ही, भूतपूर्व राष्ट्राध्यक्ष ओबामा ने ईरान पर लगाये प्रतिबंध ढ़ीले करते हुए कहीं अमरीका की सुरक्षा से समझौता तो नहीं किया, इसकी जाँच करने के आदेश भी राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने कुछ घंटो पहले ही दिए हैं|

इस परमाणु समझौते से ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर कुछ असर नहीं होगा, सिर्फ ईरान को परमाणुअस्त्रों से लैस होने में विलंब होगा, ऐसा दावा टिलरसन ने किया| ‘ईरान के साथ हुआ परमाणु समझौता यानी भूतकाल में अमरीका ने उत्तर कोरिया के प्रति स्वीकार किये हुए असफल नजरिए की पुनरावृत्ति है| ऐसा नजरिया रखने से आज अमरीका की सुरक्षा को उत्तर कोरिया से ख़तरा पैदा हुआ है| भविष्य में ईरान से अमरीका को ऐसा खतरा पैदा ना हों, ऐसा ट्रम्प प्रशासन को लग रहा है| इसीलिए अमरीका ईरान के परमाणु कार्यक्रम को अनदेखा करने की और ईरान के बारे में संयम बरतने की भूल नहीं करेगी’, ऐसी फ़टकार विदेशमंत्री टिलरसन ने लगायी|

इसके अलावा उपसागर में मची अस्थिरता के लिए ईरान जिम्मेदार है, ऐसी आलोचना करते हुए, ‘ईरान यह आतंकवाद का प्रायोजक देश है’ ऐसा इल्ज़ाम अमरीका के विदेशमंत्री ने रखा| आतंकवादी संगठनों की सहायता से ईरान यह सीरिया तथा उपसागर के अन्य देशों में संघर्ष भड़काते हुए, इस क्षेत्र में होनेवाले अमरीका के हितसंबंधों को प्रभावित कर रहा है, ऐसा विदेशमंत्री टिलरसन ने कहा| साथ ही, इस्रायल पर हमलों के लिए और दुनियाभर में हो रहे सायबर हमलों के लिए भी ईरान जिम्मेदार होने का आरोप टिलरसन ने किया|

अमरीका के पूर्व प्रशासन ने उत्तर कोरिया के बारे में संयम बरतते हुए समझौते की नीति अपनाई थी| इससे उत्तर कोरिया ने चोरीछिपे अपना परमाणु कार्यक्रम शुरू रखा, जिससे उत्तर कोरिया फिलहाल छठा परमाणु परीक्षण करने की तैयारी में होने का दावा किया जाता है| साथ ही, अमरीका तक हमला कर सकें ऐसे प्रक्षेपास्त्रों को, परमाणु विस्फोटकों से लैस कर प्रक्षेपित करने की धमकी उत्तर कोरिया दे रहा है| उत्तर कोरिया से इस बढ़ते खतरे की पृष्ठभूमि पर, अमरीका ने अपने विमानवाहक युद्धपोत का काफिला कोरियन क्षेत्र में भेजने से इस क्षेत्र का तनाव बढ़ रहा है| इस पृष्ठभूमि पर, अमरीका के विदेशमंत्री ने उत्तर कोरिया का उदाहरण देते हुए, ईरान की खैर नहीं है, ऐसे संकेत दिए हैं| लेकिन ट्रम्प प्रशासन की ईरान नीति को लेकर अमरीका से ही आलोचना शुरू हुई है|

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