‘अम्फान’ चक्रवात की तीव्रता बढ़ी – पश्चिम बंगाल और ओडिशा को ख़तरा

नई दिल्ली,  ( वृत्तसंस्था) – बंगाल की खाड़ी में निर्माण हो चुके कम दबाव के पट्टे के कारण तैयार हुए ‘अम्फान’ चक्रवात की भीषणता और भी बढ़ी है। लगभग २०० किलोमीटर के गति से यह तूफ़ान पश्चिम बंगाल के तटवर्ती क्षेत्र की ओर आगे बढ़ रहा है। प्रचंड ताकत के इस तूफ़ान के कारण ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटवर्ती इलाक़े में बड़ा नुकसान हो सकता है, ऐसी चेतावनी मौसम विभाग ने दी है। २१ साल बाद बंगाल की खाड़ी में इतना बड़ा चक्रवात निर्माण हुआ है। चक्रवात के कारण तक़रीबन ११ लाख नागरिकों को झटका लगने का ख़तरा होकर, उन्हें सुरक्षित जगह स्थलांतरित किया जा रहा है। सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस चक्रीवात की पृष्ठभूमि पर, तैयारी का गहराई से जायज़ा लिया।

पश्चिम बंगाल में ‘अम्फान’ तूफ़ान के बारे में अलर्ट दिया गया होकर, बुधवार दोपहर तक यह तूफ़ान पश्चिम बंगाल के तट पर पहुँचेगा, ऐसी चेतावनी जारी की गयी है। चक्रीवात उत्तर-पूर्वी दिशा में आगे बढ़ते हुए २० मई की दोपहर तक यह तूफ़ान दिघाहटिया बेट को पार करेगा। इस चक्रवात की रफ़्तार १८५ किमी प्रति घंटे तक हो सकती है, ऐसा अनुमान जताया जा रहा है।

‘अम्फान’ चक्रीवात जैसे ही भारतीय तटवर्ती इलाक़े की तरफ़ बढ़ रहा है, पश्चिम बंगाल के कई ज़िलों में तूफ़ानी हवा के साथ मूसलाधार बारिश की संभावना है। चक्रीवात भीषण बनने के कारण, ओडिशा के भी तटवर्ती इलाक़े में ज़ोरदार हवा के साथ बारिश गिरेगी, ऐसा अनुमान जताया गया है। इस चेतावनी के बाद राज्य सरकार ने इस इलाक़े से ११ लाख नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर स्थलांतरित करने की तैयारी शुरू है। ओडिशा सरकार ने १२ ज़िलों में अलर्ट घोषित किया होकर बालासोर, भद्रक, जाजपूर, मयूरभंज ज़िले बड़े पैमाने पर प्रभावित हो सकते हैं।

इसी बीच, प्रधान मोदी ने सारे हालातों का गहराई से जायज़ा लिया। साथ ही, राष्ट्रीय आपत्ती निवारण दल ने (एनडीआरएफ) नागरिकों को सुरक्षित स्थान पर स्थलांतरित करने के लिए तैयार की हुई योजना का जायज़ा लिया। पश्चिम बंगाल और ओडिशा में ‘एनडीआरएफ’ के २५ पथकों को तैनात किया गया है; वहीं, अन्य १२ पथक रिज़र्व्ड् रखे गये हैं। देश के अलग अलग भागों एनडीआरएफ के २४ पथके आपत्कालीन परिस्थितो का सामना करने के लिए तैयार हैं, ऐसा एनडीआरएफ के महानिदेशक ने कहा। चक्रीवात के कारण बिजली की सप्लाई पर असर होने की संभावना है। उसीके साथ रेल्वे को भी झटका लगने की संभावना होकर, फ़सलों का भी नुकसान होने का डर जताया जा रहा है।

इसी बीच, सन १९९९ में बंगाल की खाड़ी में निर्माण हुए चक्रीवात ने प्रचंड नुकसान किया था। ओडिशा, पश्चिम बंगाल में क़रीबन नौं हज़ार लोगों की जानें गयीं थीं। ऐसी जीवित हानि पुन: ना हों, इसलिए प्रशासन ने कसकर तैयारी की है।

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