कोरोना का टीका विकसित करने के लिए भारत और अमरिकी कंपनियों में सहयोग – अमरीका में भारत के राजदूत

वॉशिंग्टन,  (वृत्तसंस्था) – कोरोनावायरस का संक्रमण रोकने के लिए टीका विकसित करने के लिए भारत और अमरिकी कंपनियों में सहयोग जारी होकर, यह प्रक्रिया अंतिम चरण में आयी है, ऐसी जानकारी अमरीका में भारत के राजदूत ने दी है।  दोनों देशों की कंपनियाँ मिलकर कोरोना के विरोध में तीन टीके विकसित कर रही हैं, ऐसा राजदूत तरणजीत सिंग संधु ने बताया है।

भारतीय कंपनियाँ – ‘इंटरनॅशनल सेंटर फॉर मेडिकल रिसर्च अँड एज्युकेशन’ (आयसीएमईआर) तथा ‘सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल अँड प्रिवेंशन’ और अमरिकी कंपनी ‘नॅशनल इन्स्टिट्यूट फॉर हेल्थ’ इनके बीच गत कुछ सालों से जारी वैद्यकीय क्षेत्र का सहयोग कोरोनाविरोधी जंग के लिए सहायकारी साबित हो रहा है। इन तीन कंपनियों ने इससे पहले रोटा वायरस के विरोध में एकत्रित रूप में काम किया था। उस समय दोनों देशों में जानकारी का आदानप्रदान हुआ था। लेकिन कोरोनाविरोधी लड़ाई में भारत और अमरिकी कंपनियों का सहयोग अधिक ऊँच्स् स्तर पर गया है, ऐसा संधु ने कहा।

इस महामारी के को ख़त्म करने के लिए दोनों देशों की कंपनियाँ एकत्रित आयीं होकर, कम से कम तीन टीकें तैयार करने के लिए ये कंपनियाँ संयुक्त रूप में काम कर रहीं हैं, ऐसी जानकारी संधु ने साझा की। इसमें कब सफलता प्राप्त होगी, यह बताना अभी मुमक़िन नहीं है। लेकिन दोनों देशों के नेता इस संकट के दौर में हमेशा संपर्क में होने के सूचक उद्गार भारतीय राजदूत ने कहे हैं।  उसी समय, ‘भारत दवाइयों की भारी मात्रा में निर्यात कर सकता है और अन्य देश भारत पर भरोसा कर सकते हैं, यह इस संकट के दौर में पिछले कुछ महीनों में स्पष्ट हुआ है। अमरीका ने भी भारत के इस सहयोग का अनुभव किया होकर, अमरिकी जनता भी भारत पर भरोसा करती है’, ऐसा संधु ने कहा।

कोरोनावायरस की महामारी के लिए ज़िम्मेदार होनेवाला चीन दुनियाभर में अप्रिय देश बना है; लेकिन अबतक के संक्रमण पर असरदार साबित हुई दवाई हायड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन की सप्लाई करनेवाला भारत दुनियाभर में लोकप्रिय देश बना है। इस कारण भारत की दवाईनिर्माण क्षेत्र की कंपनियों का और वैद्यकीय क्षेत्र में भारत ने की प्रगति का दुनियाभर में दबदबा बढ़ा है। कोरोना के विरोध में यदि टीका विकसित हुआ, तो उसमें भारत का योगदान बहुत बड़ा होगा, क्योंकि दुनियाभर में निर्माण होनेवाले टीकों में से ८० प्रतिशत टीकों का निर्माण भारत में ही होता है, ऐसा दक्षिण कोरिया के एक वैद्यकीय संशोधक ने कहा था। इसका बहुत बड़ा फ़ायदा भारत को मिल रहा होकर, इससे भारत की छवि दुनियाभर में अधिक ही निखरी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.