महाराष्ट्र के साथ पश्चिम बंगाल और कर्नाटक सरकार की लॉकडाऊन बढ़ाने की घोषणा

नयी दिल्ली/मुंबई,  (वृत्तसंस्था) – शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से व्हिडीओ कॉन्फरसिंग क ज़रिये संवाद किया। १४ अप्रैल को लॉकडाऊन की २१ दिन की कालावधि ख़त्म हो रही है, लेकिन कोरोनावायरस के मरीज़ों की बढ़ती संख्या को मद्देनज़र रखते हुए सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने लॉकडाऊन की कालावधि बढ़ाने की सिफ़ारिश प्रधानमंत्री से की। इस कारण, देशभर के लॉकडाऊन की कालावधि कम से कम दो हफ़्तों से बढ़ायी जाना निश्चित माना जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी इस बारे में जल्द ही घोषणा करेंगे, ऐसी ख़बर है। प्रधानमंत्री से चर्चा करने के बाद महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और कर्नाटक इन राज्यों ने अपने राज्य में ३० अप्रैल तक लॉकडाऊन बढ़ाया जा रहा है, ऐसा घोषित किया।

          देश में कोरोनावायरस के मृतकों की संख्या २४२ तक पहुँच चुकी है। एक ही दिन में ४० लोगों की मृत्यु हुई। वैसे ही, मरीज़ों की संख्या १०३५ से बढ़कर ७,५२९ तक पहुँच चुकी है। पिछले तीन दिनों में देश में कोरोनावायरस के २५०० नये मरीज़ पाये गए हैं। फिलहाल देश में इस महामारी के ६ हज़ार ५६५ मरीज़ों पर ईलाज हो रहा है; वहीं, २४३ लोग पूरी तरह स्वस्थ हो चुके हैं, ऐसी जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग ने दी। देश में यदि लॉकडाऊन ना किया होता, तो १५ अप्रैल तक देश में कोरोना मरीज़ों की संख्या ८.२ लाख तक पहुँच चुकी होती, ऐसा दावा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने किया। इससे लॉकडाऊन की आवश्यकता और उसके पालन का महत्त्व अग्रवाल ने व्यक्त किया।

      पिछले हफ़्तेभर में देश में इस महामारी के मरीज़ों की संख्या जिस रफ़्तार से बढ़ी है, उसे देखते हुए, १४ अप्रैल तक लॉकडाऊन ख़त्म नहीं होगा ऐसी संभावना व्यक्त की जा रही थी। कोरोनावायरस का फैलाव रोकने के लिए, लॉकडाऊन बढ़ाने के अलावा और कोई चारा ही नहीं है, ऐसी विशेषज्ञों की राय थी। प्रधानमंत्री मोदी इस मामले में सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ चर्चा करने के बाद निर्णय ले सकते हैं, ऐसा कहा जा रहा था। इस कारण इस चर्चा की ओर सबका ध्यान लगा था।

            शनिवार को प्रधानमंत्री मोदी ने सब राज्यों के मुख्यमंत्रियों से संवाद किया। उस समय अधिकांश मुख्यमंत्रियों ने लॉकडाऊन बढ़ाने का समर्थन किया। विद्यमान परिस्थिति को देखते हुए, लॉकडाऊन को बढ़ाने के अलावा और कोई चारा ही नहीं है. ऐसा सभी राज्यों ने स्पष्ट किया। इस समय, मरीज़ पाये जानेवाले शहरों अथवा ज़िलों में ही लॉकडाऊन बढ़ाया जायें, ऐसा विकल्प भी सामने आया था।

       इस बैठक के बाद महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और कर्नाटक के मुख्यमंत्रियों ने ३० अप्रैल तक लॉकडाऊन बढ़ाने की घोषणा की। इससे पहले ही ओडिशा, पंजाब और राजस्थान सरकार ने भी लॉकडाऊन बढ़ाने का निर्णय लिया है। यानी अब तक ६ राज्यों ने लॉकडाऊन बढ़ाने की घोषणा की है। वहीं, कुछ राज्यों ने, प्रधानमंत्री ही इसकी घोषणा करेंगे, ऐसी भूमिका अपनायी है।

         इसी बीच, महाराष्ट्र के स्वास्थ्यमंत्री राजेश टोपे ने, यदि नागरिकों ने अनुशासन का पालन नहीं किया और मरीज़संख्या बढ़ती रही, तो ३० अप्रैल के बाद भी लॉकडाऊन शुरू रहेगा, ऐसे संकेत दिए हैं। विभागों में मरीज़ों की संख्या कितनी है और यह संक्रमण फ़ैलने का ख़तरा कितना है, इसके आधार पर रेड, ऑरेंज और ग्रीन झोन तैयार करके उपाय हाथ में लिये जानेवाले हैं। साथ ही, कोरोना, कोरोनासदृश्य और इस संक्रमण के लक्षण ना होनेवाले मरीज़ों पर ईलाज़ करने के लिए अस्पतालों का भी विभाजन किया जानेवाला है, ऐसी जानकारी स्वास्थ्यमंत्री टोपे ने दी।

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