‘नैव्हॅल्नी’ ज़हर मामले पर जर्मनी की रशिया को चेतावनी – ‘नॉर्ड स्ट्रीम २’ प्रकल्प के पुनर्विचार के संकेत

Navalny-poisoningबर्लिन/मॉस्को – अलेक्सी नैव्हॅल्नी को ज़हर देने के मामले में रशिया उचित सहयोग नहीं कर रही है और ज़िम्मेदारी ठुकराने की कोशिश करती है तो जर्मनी को ‘नॉर्ड स्ट्रीम २’ इंधन प्रकल्प पर पुनर्विचार करना पड़ेगा, ऐसा कड़ा इशारा जर्मन विदेशमंत्री ने दिया है। जर्मन चान्सेलर एंजेला मर्केल के प्रवक्ता ने भी इस भूमिका की पुष्टी की है और नैव्हॅल्नी मामले में कोई भी अन्य विकल्प की संभावना ठुकराई नहीं जा सकती, यह इशारा भी दिया है। ब्रिटेन ने इस मुद्दे पर रशियन राजदूत को समन्स थमाए हैं और यूरोपिय महासंघ ने रशिया पर नए प्रतिबंध लगाने की तैयारी जारी होने का समाचार सामने आया है। इसी बीच बेलारूस के तानाशाह अलेक्झांडर लुकशेन्को ने नैव्हॅल्नी के मामले पर किए बयान से इस मामले का रहस्य बढ़ता दिखाई दे रहा है।

Navalny-poisoningरशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन के कड़े विरोधक और ’रशिया ऑफ द फ्युचर’ दल के नेता के तौर पर अलेक्सी नैव्हॅल्नी की पहचान बनी थी। बीते दशक से नैव्हॅलानी ने राष्ट्राध्यक्ष पुतिन की नीति के खिलाफ कई प्रदर्शन किए हैं और इसे रशिया में अच्छा समर्थन प्राप्त होने की बात कही जा रही है। वर्ष २०१८ के राष्ट्राध्यक्ष पद के चुनाव में उन्होंने पुतिन के खिलाफ़ चुनाव लड़ने की कोशिश भी की थी। बीते महीने में सैबेरिया से मास्को जाने की हवाई यात्रा के दौरान उनका स्वास्थ्य खराब हुआ था। शुरू में स्थानीय अस्पतालों में इलाज करने के बाद २२ अगस्त को उन्हें जर्मनी लाया गया था।

जर्मनी में की गई मेडिकल जाँ के दौरान अलेक्सी नैव्हॅल्नी को ‘नोविचोक नर्व एजंट’ के माध्यम से ज़हर दिया जाने की बात स्पष्ट हुई थी। इसके बाद जर्मनी एवं यूरोपिय देश आक्रामक हुए और रशिया के राष्ट्राध्यक्ष पुतिन इस मामलें की ज़िम्मेदारी स्वीकार करके पूरी जानकारी सार्वजनिक करें, ऐसी आक्रामक माँग भी की। लेकिन, रशिया ने इस मामले में हो रहे सभी आरोप ठुकराए और साथ ही जर्मनी को इस मामले की जानकारी रशिया के साथ साझा करे, ऐसा प्रत्युत्तर भी दिया है। पुतिन का विरोध कर रहे रशियन व्यक्ति पर विषय प्रयोग होने की बीते तीन वर्षों में यह तीसरी संदिग्ध घटना है।

Navalny-poisoningमार्च २०१८ में रशिया के पूर्व लष्करी अधिकारी और गुप्तचर सर्जेई स्क्रिपल के साथ उनकी लड़की युलिया पर ब्रिटेन में ‘नोविचोक नर्व एजंट’ के माध्यम से विष प्रयोग किए जाने की बात स्पष्ट हुई थी। इसके बाद यूरोपिय देशों समेत अमरीका ने रशिया पर प्रतिबंध लगाकर राजनयिक सहयोग कम करने का निर्णय लिया था। यह प्रतिबंध जारी होते हुए पुतिन के कड़े विरोध यह पहचान प्राप्त करनेवाले नैव्हॅल्नी पर विष प्रयोग होना ध्यान आकर्षित करनेवाली घटना साबित होती है। इस मुद्द पर ब्रिटेन और जर्मनी के साथ सभी यूरोपिय देश रशिया के खिलाफ़ दुबारा आक्रामक हुए हैं।

यूरोपिय महासंघ ने इस मुद्दे पर रशिया के खिलाफ़ नए प्रतिबंध लगाने की तैयारी शुरू की है। नाटो ने भी इस मामले में रशिया से स्पष्टीकरण की मांग की है। जर्मनी ने इस मामले में रशिया से लगातार संपर्क करने के बावजूद अभी उचित जवाब प्राप्त नहीं हुआ है। इसके कारण जर्मनी के सियासी दायरे में कड़ी नाराज़गी बनी है और जर्मन चान्सेलर मर्केल पर आक्रामक भूमिका अपनाने के लिए दबाव बनाना शुरू हुआ है। विदेशमंत्री हैको मास ने नॉर्ड स्ट्रीम २ को लेकर दी चेतावनियां भी इसी का हिस्सा समझा जाता है। नॉर्ड स्ट्रीम २ रशिया और जर्मनी का महत्वाकांक्षी इंधन प्रकल्प है और इसमें दोनों ओर से अरबों डॉलर्स का निवेश किया गया है। अमरीका और कुछ यूरोपिय देशों के विरोध के बावजूद जर्मनी यह प्रकल्प पूरा करने में जुटा है और फिलहाल यह प्रकल्प अंतिम चरण में होने की बात समझी जा रही है।

ऐसी स्थिति में जर्मन विदेशमंत्री ने इस प्रकल्प का पुनर्विचार करने का इशारा देना सनसनीखेज साबित होता है। प्रकल्प स्थगित होने पर दोनों देशों का बड़ा आर्थिक नुकसान हो सकता है। चान्सेलर मर्केल और जर्मन उद्यमीयों के गुट ने इस ओर ध्यान आकर्षित करके मौजूदा स्थिति में यह निर्णय करना उचित नहीं होगा, यह बात स्पष्ट की है। लेकिन, विदेशमंत्री मास की चेतावनी के बाद जर्मनी में कुछ सियासी नेताओं ने अपना समर्थन घोषित किया है और यह बात मर्केल के लिए मुश्‍किल साबित हो सकती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.