जम्मू-कश्‍मीर के सामरिक नज़रिये से अहम राजौरी-कोटरंका मार्ग का निर्माण कार्य पूरा हुआ

jk-bridgeश्रीनगर – ‘बॉर्डर रोड ऑर्गनायझेशन’ (बीआरओ) ने जम्मू-कश्‍मीर के राजौरी-कोटरंका इस ६० किलोमीटर राजमार्ग का निर्माण कार्य पूरा किया है। यह राजमार्ग दुर्गम पीरपंजाल की पहाड़ियों से गुज़रता है।

पीरपंजाल की पहाड़ियां कश्‍मीर घाटी को राजौरी और पुंछ से जोड़ती हैं। साथ ही राजौरी क्षेत्र नियंत्रण रेखा से जुड़ा हुआ ज़िला है और यहां की दुर्गम पीरपंजाल पहाड़ियों में आतंकवाद का फैलाव करने के लिए पाकिस्तानी आतंकी संगठनाएं लगातार साज़िश करती रहती हैं। इस पृष्ठभूमि पर यह नया राजमार्ग सामरिकी अहमियत भी रखता है।

‘बीआरओ’ की ‘बॉर्डर रोड टास्क फोर्स’ (बीआरटीएफ) की ‘११० आरसीसी’ कंपनी ने राजौरी-कोटरंका तक के ६० किलोमीटर राजमार्ग का निर्माण कार्य पूरा किया। इस राजमार्ग की वजह से पीरपंजाल क्षेत्र के धार, साकरी, पंजनदा, रेहन, स्वाडी, कंदी जैसे कुल १०० गांव जुड़ेंगे। इस राजमार्ग का काम पूरा होने पर स्थानीय और छोटे-बड़े कारोबारियों ने इस मार्ग से सफर भी करने लगे हैं।

jk-bridgeइस राजमार्ग की वजह से कई कठिनाईयों से भरी गतिविधियां करना आसान होगा। राजौरी के कारोबारियों को कारोबार करने में भी आसानी होगी। साथ ही वैद्यकीय सुविधा भी समय पर प्राप्त हो सकेगी, यह कहकर एक स्थानिक ने प्रशासन के प्रति आभार व्यक्त किया। राजौरी का इलाका काफी दुर्गम होने से इस ज़िले में कोई बीमार हो जाए तो उसे इलाज़ के लिए तेज़ी से अस्पताल पहुँचने के लिए आवश्‍यक सुविधाएं एवं प्रावधान उपलब्ध नहीं थे। ऐसे में यह राजमार्ग तैयार होने से चिंता मिट गई है यह कहकर ग्राम वासियों ने इस पर संतोष व्यक्त किया। रोजमर्रा के जीवन में यह राजमार्ग बड़ा उपयोगी साबित होगा, यह विश्‍वास भी स्थानीय लोगों ने व्यक्त किया।

इसी बीच पीरपंजाल क्षेत्र में मौजूद आतकियों की गतिविधियां अभी कम नहीं हुई हैं। कुछ ही दिन पहले इसी क्षेत्र में पाकिस्तान ने ड्रोन्स के ज़रिये हथियार उतारे थे। इसके बाद सुरक्षा बल चौकन्ना हुए और इस इलाके में सुरक्षा अधिक सख्त की गई। इसके अलावा जम्मू-कश्‍मीर के राजौरी की नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तानी सेना लगातार गोलीबारी करती रहती है। ऐसी स्थिति में पीरपंजाल की पहाड़ियों से राजौरी तक जाने के लिए राजमार्ग उपलब्ध होना बड़ी अहमियत रखता है।

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