तुर्की-पाकिस्तान की बढ़ती नज़दीकियों की पृष्ठभूमि पर ग्रीस बढ़ा रहा है भारत से सहयोग

turkey-pak-greeceअथेन्स/नई दिल्ली – बीते कुछ वर्षों में मज़बूत हो रहे तुर्की-पाकिस्तान के गुट को चुनौती देने के लिए ग्रीस ने भारत के साथ सहयोग अधिक बढ़ाने के संकेत दिए हैं। बीते महीने में ही ग्रीस के रक्षामंत्री ने भारतीय राजदूत से भेंट करके रक्षा क्षेत्र में संभावित भागीदार को लेकर चर्चा की। इसके साथ ही भारत और ग्रीस के विदेशमंत्री की वर्चुअल बैठक भी हुई है और इस दौरान द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने पर बातचीत होने की जानकारी सूत्रों ने साझा की है। मौजूदा स्थिति में भूमध्य समुद्री क्षेत्र में तुर्की और ग्रीस के बीच बना तनाव काफी हद तक बढ़ा है और वहां पर संघर्ष की चिंगारी गिरने की संभावना भी जताई जा रही है। इस पृष्ठभूमि पर ग्रीस ने भारत के साथ बने संबंध मज़बूत करने के लिए कदम उठाना अहमियत रखता है।

बीते कुछ वर्षों में तुर्की और पाकिस्तान का सामरिक सहयोग बड़ी मात्रा में बढ़ता हुआ दिख रहा है। तुर्की और पाकिस्तान ने विध्वंसकों से संबंधित समझौता भी किया है और संयुक्त कोशिश से ड्रोन्स और लड़ाकू विमान का निर्माण करने के लिए सहमति भी हुई है। कुछ वर्ष पहले तुर्की ने पाकिस्तान को ‘एफ-१६’ लड़ाकू विमानों का आधुनिकीकरण करने के लिए सहायता भी प्रदान की थी। बीते वर्ष ही भूमध्य समुद्र एवं अरब सागर में दोनों देशों की नौसेना ने संयुक्त युद्धाभ्यास भी किया था। तुर्की में हुए नाकाम विद्रोह के बाद पाकिस्तान के कई पायलट तुर्की की वायुसेना में काम कर रहे हैं और पाकिस्तान ने तुर्की को ‘ट्रेनिंग जेट्स’ प्रदान किए हैं। आर्मेनिया-अज़रबैजान की लड़ाई में पाकिस्तान ने तुर्की के आवाहन करने पर अपना लष्करी दल उतारने की बात भी सामने आयी है।

turkey-pak-greeceतुर्की और पाकिस्तान में बढ़ रही यह नज़दिकीयां ग्रीस की चिंता का कारण बनी हैं। इसी कारण इन नज़दीकियों को चुनौती देने के लिए ग्रीस ने भारत के साथ संबंध मज़बूत करने की दिशा में कदम उठाना शुरू किया है। भारत और ग्रीस के बीच राजनीतिक स्तर पर अच्छा सहयोग है, लेकिन यह सहयोग बढ़ाने के लिए पहले विशेष कोशिश नहीं हुई थी। इस वजह से अब ग्रीस ने की हुई पहल ध्यान आकर्षित कर रही है। मात्र १० दिनों के समय में ग्रीस के रक्षा और विदेशमंत्री ने भारत से चर्चा की है। इस दौरान ग्रीक रक्षामंत्री ने भारत के साथ रक्षा तकनीक के क्षेत्र में सहयोग विकसित हो सकता है, यह संकेत भी दिए हैं। ग्रीस में स्थित विश्‍लेषकों ने तुर्की के साथ जारी तनाव की पृष्ठभूमि पर भूमध्य समुद्री क्षेत्र में नौसेना का संयुक्त युद्धाभ्यास के लिए भारत को आमंत्रित करने की माँग भी की है। भारत के विदेशमंत्री एस.जयशंकर ने ग्रीस के साथ हुई बैठक पर प्रतिक्रिया दर्ज़ करते समय यह कहा है कि, भारत भी ग्रीस के साथ व्यापार, तकनीक एवं सांस्कृतिक क्षेत्र में सहयोग बढ़ाकर संबंध मज़बूत करने के लिए उत्सुक है।

इसी बीच ग्रीस के साथ हुई बैठक के बाद एक कार्यक्रम के दौरान विदेशमंत्री एस.जयशंकर ने यह बयान किया है कि, यूरोप भारत के लिए नैसर्गिक भागीदार है। यूरोप के बड़े एवं प्रमुख देशों के अलावा अन्य देशों के साथ भी भारत दृढ़ संबंध विकसित करेगा, यह बयान भी भारतीय विदेशमंत्री ने किया। भारत के विदेश सचिव हषवर्धन श्रृंगला फिलहाल यूरोप की यात्रा पर हैं और इस पृष्ठभूमि पर विदेशमंत्री एस.जयशंकर ने किया बयान अहम साबित होता है।

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