ईशान कोण भारत में मौजूद आतंकी सुरक्षा बलों पर हमले करने की तैयारी में – सुरक्षा यंत्रणाओं का इशारा

नई दिल्ली – नैशनल सोशलिस्ट काउन्सिल ऑफ नागालैण्ड-खापलांग ‘एनएससीएन-के’ इस संगठन समेत हिंसा की राह छोड़ने के लिए तैयार ना होनेवाले ईशान कोण भारत के कुछ अतिरेकी गुट म्यानमार में एकजुट हुए हैं। यह आतंकी भारतीय सुरक्षाबलों पर बड़ा हमला करने की तैयारी में हैं, यह इशारा सुरक्षा यंत्रणाओं ने दिया है। बीते सप्ताह में सेनाप्रमुख जनरल मनोज मुकूंद नरवणे और विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने म्यानमार की यात्रा की थी। इस दौरान दोनों देशों ने भारत और म्यानमार में स्थित आतंकी संगठनों के विरोध में संयुक्त कार्रवाई करने का निर्णय करने के समाचार हैं।

northeast-terroristईशान कोण भारत और म्यानमार की सीमा पर मौजूद आतंकी संगठनों के सुरक्षा बलों पर हो रहे हमलों में बढ़ोतरी हुई हैं। जून महीने में मणिपुर की पिपल्स लिब्रेशन फ्रंट (पीएलएफ) नामक आतंकी संगठना ने असम राइफल्स के सैनिकों पर हमला किया था। इस हमले में तीन सैनिक शहीद हुए थे। मई में म्यानमार की सेना ने ईशान कोण राज्य में आतंकी गतिविधियों में जुटे २२ आतंकियों को भारत के हवाले किया था। इनमें से काफ़ी आतंकी ‘वॉन्टेड’ घोषित थे। अब यही आतंकी संगठना ईशान कोण भारत में और भारत-म्यानमार सीमा पर फिरसे सक्रिय हुई है। कोरोना वायरस के संकट काल में रोजगार की समस्या निर्माण हुई है। इस अवसर का लाभ उठाकर आतंकी संगठन युवकों को भर्ती करवा रहे हैं।

सुरक्षा बलों को प्राप्त जानकारी के अनुसार भारत-म्यानमार की सीमा पर ‘एनएससीएन-के’ के आतंकी एकजुट हुए हैं और वे सुरक्षा बलों पर हमले करने की साज़िश कर रहे हैं। इससे पहले इन आतंकियों ने भारत-म्यानमार के कलादान प्रोजेक्ट को लक्ष्य करने की कोशिश की थी। लेकिन, अब भारत-म्यानमार की सेना ने संयुक्त ‘ऑपरेशन सनराईज’ शुरू करके आतंकियों की कमर तोड़ दी थी। अब भारत और म्यानमार ने यह प्रकल्प जल्द से जल्द शुरू करने की गतिविधियां बढ़ाई हैं। ऐसे में ईशान कोण भारत में कार्यरत अलग अलग आतंकी संगठनों के दहशतगर्द म्यानमार में एक होने का समाचार प्राप्त हुआ है।

इसी बीच, इन आतंकी संगठनों को चीन सहायता और ताकत प्रदान करने में जुटा होने की बात लगातार सामने आ रही है। लद्दाख में जारी भारत-चीन तनाव की पृष्ठभूमि पर इन आतंकी संगठनों के हमलों में बढ़ोतरी हो रही है। बीते वर्ष नवंबर में म्यानमार की सेना ने बड़ी मात्रा में चीनी हथियार भी बरामद किए थे। जाँच के बाद चीन ने ही यह हथियार तस्करी करके भारत में आतंकी गतिविधियां करने के लिए आतंकियों के लिए भेजे थे, यह स्पष्ट हुआ था। साथ ही ईशान कोण भारत की बागी संगठनों के लिए चीनी हथियार उपलब्ध होते हैं। इसी बीच कुछ दिन पहले उल्फा का भारत विरोधी केंद्र अब चीन में स्थापित होने की बात भी सामने आयी थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published.