ईरान के रिव्होल्युशनरी गार्ड्स के चार जवान पाकिस्तान सीमा के पास मारे गए

झाहेदान – ईरान के सिस्तान-बलोचिस्तान प्रांत में रिव्होल्युशनरी गार्ड्स के चार जवान मारे गए। पाकिस्तान की सीमा के पास हुई इस घटना के लिए लुटेरों की टोली जिम्मेदार होने का आरोप ईरानी न्यूज़ एजेंसी ने किया। रिव्होल्युशनरी गार्ड्स ने हालांकि ठेंठ रूप में उल्लेख टाला है, फिर भी इस हमले के पीछे बलोच बागियों का समावेश होने का दावा किया जाता है। पिछले कई दशकों से ईरान, पाकिस्तान और अफगानिस्तान की सीमा पर होनेवाली बलोच जनता स्वतंत्र बलोचिस्तान की मांग कर रही है।

iran-revolutionary-guards-killed-pak-border-1पाकिस्तान की सीमा से सटे ईरान के सिस्तान-बलोचिस्तान प्रांत स्थित गौनिक जिले के खाश शहर में रिव्होल्युशनरी गार्ड्स की गाड़ी पर हमला हुआ। यहां के कारावांदेर मार्ग पर इस टोली ने किए हमले में लष्करी गाड़ी में प्रवास कर रहे रिव्होल्युशनरी गार्ड्स के चार जवान जगह पर ही मारे गए। इनमें से तीन जवान बलोच वंश के थे। इस मामले में अधिक जानकारी बाद में जारी की जाएगी, ऐसा ईरान के माध्यमों ने कहा है।

अपने जवानों पर हुए हमले के पीछे बलोच बागी होने का आरोप करना रिव्होल्युशनरी गार्ड्स अथवा ईरान के माध्यमों ने डाला। लेकिन पिछले कुछ दशकों से स्वतंत्र बलोचिस्तान की माँग के लिए ईरान की हुकूमत के खिलाफ लड़ाई करनेवाले बलोच बागी ईरानी जवानों पर हुए इस हमले के लिए जिम्मेदार होने का दावा किया जाता है। ईरान की सुरक्षा यंत्रणा और बलोच बागियों के बीच संघर्ष बीच-बीच में जारी रहता है।

नशीले पदार्थ तथा ईंधन की तस्करी में बलोच बागियों का सहभाग होने का आरोप ईरान कर रहा है। इस कारण ईरानी लष्कर और बलोच बागियों के बीच संघर्ष जारी होने का दावा किया जाता है। लेकिन स्वतंत्र बलोचिस्तान की माँग दबाने के लिए ईरान के लष्कर द्वारा बलोच लोगों पर कार्रवाई की जा रही होने का दोषारोपण स्थानिक बलोच नेता कर रहे हैं।

पिछले कुछ सालों से ईरान की हुकूमत ने, बलोच लोगों की पहचान मिटाने के लिए बाकायदा कार्रवाई शुरू करने की बात कही जाती है। बलोचिस्तान प्रांत का छोटे भागों में विभाजन करना, स्कूली पाठ्यक्रम से बलोची भाषा को निकाल देना, बच्चों के बलोची नाम ना रखे जायें इसके लिए दबाव डालना, यहाँ के ऐतिहासिक शहरों के बलोच नाम बदलना और सरकारी दस्तावेज तथा पाठ्यक्रम से बलोचिस्तान का संदर्भ हटाना, ऐसी बातें शुरू की हैं।

इसलिए यहाँ की बलोच जनता में ईरान की हुकूमत के खिलाफ असंतोष बढ़ रहा होने का दावा किया जाता है। इसके परिणामस्वरूप खुझेस्तान के सुन्नीपंथिय अरब, कुर्दिस्तान के कुर्द इन्होंने ईरान की हुकूमत के विरोध में पुकारे प्रदर्शनों को बलोच गुटों का भी समर्थन मिल रहा है।

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