‘डिसीज एक्स’ की महामारी की चपेट में आने से पांच करोड़ लोग मारे जाएंगे – ब्रिटिश स्वास्थ्य विशेषज्ञ केट बिंगहैम की चेतावनी

लंदन – वर्ष १९१८-१९ में फैले ‘फ्ल्यू’ के कारण कम से कम पांच करोड़ लोगों के मारे जाने की बात कही जाती है। इससे पहले हुए विश्वयुद्ध में मारे गए लोगों की तुलना में इस महामारी का शिकार हुए लोगों की संख्या दोगुनी से अधिक थी। ऐसे में संभावित ‘डिसीज एक्स’ की महामारी के कारण भी पूरे विश्व में लगभग पांच करोड़ से अधिक लोगों की मौत हो सकती हैं, ऐसी चेतावनी ब्रिटेन के शीर्ष स्वास्थ्य विशेषज्ञ केट बिंगहैम ने दी। कुछ दिन पहले ही चीन के वुहान इन्स्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के वैज्ञानिकों ने यह इशारा दिया था कि, जल्द ही पुरी दुनिया में कोरोना के नए विषाणु का फैलाव हो सकता है। इसके बाद ब्रिटेन के विशेषज्ञ ने ‘डिसीज एक्स’ की चेतावनी देना चिंता बढ़ाता है।

वर्ष २०१९ के आखिरी दिनों में चीन के वुहान शहर से फैली कोरोना की महामारी ने पुरी दुनिया में कोहराम मचाया था। इस महामारी में लगभग ७० लाख से अधिक की मौत हुई हैं और कुछ देशों में अभी भी कोरोना संक्रमित पाए जा रहे हैं। कोरोना के फैलाव के दौरान ही ‘वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन’ ने वैश्विक स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए घातक साबित होने वाली बीमारियों की सूची जारी की थी।

‘प्रायोरिटी लिस्ट’ नाम से जारी की गई इस सुचि में नौ विषाणुओं का समावेश हैं। इनमें ‘कोविड-१९’, ‘क्रिमियन-कांगो हैमोरेजिक फिवर’, ‘एबोला ॲण्ड मारबर्ग वायरस’, ‘लासा फिवर’, ‘मर्स-सीओव्ही ॲण्ड सार्स’, ‘निपाह ॲण्ड हेनिपाव्हायरल डिसीज’, ‘रिफ्ट वैली रिव्हर’, ‘झिका’ के साथ ‘डिसीज एक्स’ का ज़िक्र हैं। इनमें से डिसीज एक्स के अलावा अन्य सभी बिमारियों का विश्व के विभिन्न हिस्सों में फैलाव हो चुका हैं। लेकिन, ‘डिसीज एक्स’ का फैलाव पुख्ता कौन से विषाणु के कारण होगा, इसकी जानकारी अभी सामने नहीं आयी है।

इस पृष्ठभूमि पर ब्रिटेन के विशेषज्ञों ने आगे की जानलेवा महामारी ‘डिसीज एक्स’ की होने का अनुमान व्यक्त करना ध्यान आकर्षित कर रहा है। केट बिंगहैम ने कोरोना के दौरान ब्रिटेन के ‘वैक्सीन टास्कफोर्स’ का नेतृत्व किया था। विश्व में कोरोना प्रतिबंधक टीकाकरण शुरू करने वाला ब्रिटेन पहला देश बना था। कोरोना की खतरनाक स्थिति का ज़िक्र करके बिंगहैम ने यह अहसास कराया है कि, अभी भी विश्व नई महामारी का सामना करने के लिए तैयार नही हैं। साथ ही यह नई महामारी कोरोना की तुलना में अधिक जानलेवा साबित होगी, यह इशारा भी उन्होंने दिया है।

दुनियाभर के वैज्ञानिकों को फिलहाल विषाणुओं के २५ ‘फैमिलिज्‌’ की जानकारी है। इन हर एक में सैकड़ों या हजारों विषाणुओं का समावेश हैं। इनमें से कौई भी विषाणु ‘डिसीज एक्स’ की महामारी फैला सकता है। लेकिन, सबसे बुरी बात यह है कि, दुनिया में अभी १० लाख से भी अधिक विषाणु ऐसे हैं जिनकी जानकारी नहीं हैं। यह विषाणु अन्य प्रजाती में तब्दील होकर जानलेवा साबित होने की क्षमता रखते हैं, इन शब्दों में बिंगहैम ने संभावित महामारी के विषाणु को लेकर बनी अनिश्चितता की ओर ध्यान आकर्षित किया।

इससे पहले, ‘डब्ल्यूएचओ’ ने ‘डिसीज एक्स’ के कारण होने वाले जानलेवा नुकसान को लेकर चेतावनी देते हुए १४ वीं सदी के ‘ब्लैक डेथ’ यानी ‘प्लेग’ का दाखिला दिया था। यूरोप और उत्तर अफ्रीका में फैली इस महामारी ने कुल ७.५ करोड़ लोग मारे गए थे। वह महामारी विश्व की सबसे घातक बताई जाती है।

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