कोरोना रोकने के लिए लगाये गये निर्बंधों के कारण युरोप को दोहरी मंदी का झटका लगेगा – युरोपियन सेंट्रल बँक समेत अर्थविशेषज्ञों की चेतावनी

ब्रुसेल्स – युरोपिय महासंघ की अर्थव्यवस्था सन २०२० की आख़िरी तिमाही में धीमी होने की संभावना होकर, आनेवाले दौर में भी यह नकारात्मक रूझान कायम रहने का डर है, ऐसी चेतावनी युरोपियन सेंट्रल बँक की प्रमुख ख्रिस्तिन लॅगार्ड ने दी। ‘आयएचएस मार्किट’ इस वित्तसंस्था के प्रमुख अर्थविशेषज्ञ ख्रिस विल्यमसन ने भी, युरोझोन को दोहरी मंदी का झटका लग सकता है, ऐसा जताया है। युरोप में फिलहाल कोरोना महामारी की दूसरी लहर चल रही है और प्रमुख देशों में ‘लॉकडाऊन’ और अन्य सख़्त निर्बंधों पर अमल जारी है। इस पृष्ठभूमि पर आयीं ये चेतावनियाँ ग़ौरतलब साबित हो रहीं हैं।

corona-europe-sanctionsयुरोप में कोरोनावायरस के नये ‘स्ट्रेन्स’ ने हाहाकार मचाया होकर, इटली, पोर्तुगाल, फ्रान्स, स्पेन, जर्मनी जैसे प्रमुख देशों में मरीज़ों की संख्या फिर से बढ़ना शुरू हुआ है। यह बढ़ोतरी रोकने के लिए इन देशों ने फ़रवरी महीने के अन्त तक लॉकडाऊन तथा अन्य निर्बंध घोषित किये हैं। उसका ज़बरदस्त झटका इन देशों के उत्पादन, रिटेल और पर्यटन क्षेत्र को लगा है। इन क्षेत्रों के कई छोटे और मध्यम उद्योग बंद पड़े हैं और बैंकों में बुरे ऋणों की मात्रा भी बढ़ने लगी है।

पिछले साल, कोरोना के कारण निर्माण हुए आर्थिक संकट से युरोप को बाहर निकालने के लिए ७५० अरब युरो के ‘रिकव्हरी प्लॅन’ की घोषणा की गयी थी। युरोपियन कमिशन द्वारा की गयी यह घोषणा युरोप के इतिहास में सबसे बड़ा आर्थिक पैकेज माना जाता है। ‘नेक्स्ट जनरेशन ईयु’ ऐसा युरोपीय कमिशन ने घोषित की योजना का नाम होकर, ५०० अरब युरो अनुदान के रूप में और २५० अरब युरो कर्ज़े के तौर पर दिये जानेवाले थे। उसके अलावा विभिन्न देशों ने स्थानीय स्तर पर अलग अलग सहूलियतें तथा अनुदान योजनाओं का भी ऐलान किया था। लेकिन उन्हें अपेक्षित गति ना मिली होने के कारण, आर्थिक संकट की व्याप्ति बढ़ने के आसार दिखायी देने लगे हैं।

corona-europe-sanctionsयुरोपियन सेंट्रल बँक की प्रमुख ख्रिस्तिन लॅगार्ड का बयान इसकी पुष्टि करनेवाला है। ‘कोरोना की महामारी युरोझोन समेत जागतिक अर्थव्यवस्था के लिए गंभीर ख़तरा बन रही है। महामारी का प्रभाव अगले कुछ समय तक क़ायम रहेगा, इसका हमें पूरी तरह एहसास है। कई देशों में अभी भी लॉकडाऊन जारी है। इस कारण, आनेवाले समय में अर्थव्यवस्था का रूझान नकारात्मक रहने की संभावना है’, ऐसा लॅगार्ड ने जताया। इस समय उन्होंने सन २०२० की आख़िरी तिमाही में युरोप की अर्थव्यवस्था में मंदी आयी होने के संकेत भी दिये।

corona-europe-sanctionsआन्तर्राष्ट्रीय वित्तसंस्था ‘आयएचएस मार्किट’ के प्रमुख अर्थविशेषज्ञ ख्रिस विल्यमसन ने भी कहा है कि युरोपिय अर्थव्यवस्था को होनेवाला मंदी का ख़तरा टालना असंभव है। ‘कोरोना के कारण कई देशों में अभी भी बड़े पैमाने पर निर्बंध हैं। इन निर्बंधों का बड़ा झटका युरोपियन व्यवसायिकों को लगा है। इस कारण आनेवाले दौर में दोहरी मंदी को टालना नामुमक़िन है’, ऐसा विल्यमसन ने जताया। ‘आयएचएस मार्किट’ द्वारा औद्योगिक क्षेत्र के संदर्भ मेंजारी होनेवाली रिपोर्ट में भी मंदी के निर्देश दिये गये हैं। युरोपिय देशों के उत्पादनक्षेत्र की गतिविधियों के संकेत देनेवाला निर्देशांक ४७.५ तक फिसला है। पिछले महीने में वह निर्देशांक ४९.१ दर्ज़ हुआ था।

पिछले साल ‘जी-२०’ की बैठक के दौरान रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन ने, कोरोना के कारण उद्भवित आर्थिक संकट की तुलना जागतिक महामंदी के साथ की थी। वहीं, ब्रिटन के वित्तमंत्री ने अनुमान जताया था कि देश को ३०० सालों में सबसे बड़ी गिरावट का झटका लगेगा।

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