महिलाओं के हो रहे उत्पीड़न पर अंकुश लगाने में नाकाम पाकिस्तान को दिया यूरोपिय महासंघ ने इशारा

ब्रुसेल्स – ऑनर किलिंग, महिलाओं का अपहरण और उत्पीड़न एवं महिलाओं पर होनेवाले ऐसिड़ हमलों के मामलों के लिए विश्‍वभर में बदनाम पाकिस्तान को यूरोपिय महासंघ की संसद ने कड़ी चेतावनी दी है। पाकिस्तान में महिलाओं के खिलाफ़ हो रही हिंसा और उन्हें प्रदान हो रहे गौण बर्ताव से महिलाओं की रक्षा करने के लिए पाकिस्तान की सरकार तेज़ी से कदम उठाए, ऐसी सूचना यूरोपिय महासंघ की संसद ने की है। इस पर अमल करने में पाकिस्तान की सरकार नाकाम हुई तो यूरोपिय महासंघ से पाकिस्तान को प्राप्त हो रही सहुलियत रद की जाएगी, ऐसी चेतावनी महासंघ और महासंघ की संसद ने दी है।

Pakistan-honour-killingपाकिस्तान में हज़ारों महिलाएं ऑनर किलिंग और हिंसा का शिकार हो रही हैं। पाकिस्तानी मानव अधिकार आयोग ने साझा की हुई जानकारी के अनुसार बीते वर्ष पाकिस्तान में कम से कम हज़ार महिलाएं ऑनर किलिंग का शिकार हुईं। बीते कुछ महीनों में पाकिस्तान ने इसके खिलाफ़ कुछ कदम उठाए हैं। लेकिन, लड़कियों और महिलाओं के साथ हो रहे भेद और उत्पीड़न के खिलाफ़ पाकिस्तान ने कड़े कदम उठाना आवश्‍यक होने की बात पर यूरोपिय महासंघ की संसद ने ध्यान आकर्षित किया है। इम्रान खान की सरकार के पूर्व मंत्री इशाक खाकवानी ने इसी मुद्दे पर अपनी ही सरकार के खिलाफ आलोचना की थी, इस ओर भी महासंघ की संसद ने ध्यान आकर्षित किया।

साथ ही पाकिस्तान में बाल विवाह की समस्या काफी बड़ी है। पाकिस्तान ने अब तक इसके खिलाफ़ कानून पारित नहीं किया है। इन सभी मामलों में वर्ष २०१९ में यूरोपिय महासंघ और पाकिस्तान के बीच हुई बैठक में चर्चा हुई थी। लेकिन, पाकिस्तान का इस मुद्दे पर अब तक बयान प्राप्त नहीं हुआ है। ऐसे में इम्रान खान की सरकार अब सितंबर महीने तक इस मुद्दे पर खुलासा करे, ऐसी फटकार महासंघ की संसद ने पाकिस्तान को लगाई है।

इसी बीच, पाकिस्तान में मई महीने में आठ वर्ष की बच्ची की हत्या की गई। वह बच्ची बाल मज़दूर थी। काम की जगह पर उत्पीड़न करके उसकी निर्दयतापूर्वक हत्या की गई थी। इसके बाद पाकिस्तान में बाल मज़दूरों के हो रहे शोषण के खिलाफ़ गुस्से की लहर उठी है। यूरोपिय महासंघ के मानव अधिकार आयोग ने भी यह मुद्दा उठा रखा था। इसके बाद पाकिस्तान के मानव अधिकार विभाग के मंत्री शिरीन मजारी ने पाकिस्तान में बाल मज़दूरी के खिलाफ़ कड़ा कानून पारित करने का आश्‍वासन दिया था। लेकिन, अभी तक इस दिशा में कुछ करने में पाकिस्तान नाकाम रहा है। इस पृष्ठभूमि पर यूरोपिय महासंघ की संसद ने पाकिस्तान में देखी जा रही बाल मज़दूरी पर कड़ी चिंता व्यक्त की है। कंगाली और बेरोजगारी से बेहाल पाकिस्तान में लगभग १.९० करोड़ बाल मज़दूर होने की बात कहकर उनके शोषण पर महासंघ की संसद ने पाकिस्तान को कड़े बोल सुनाए हैं।

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