देशभर में कोरोना टीकाकरण की शुरुआत

नई दिल्ली – कोरोना टीकाकरण मुहिम शुरू होने के बाद, पहले ही दिन १.९१ लाख लोगों को यह टीका लगवाया गया। यह टीकाकरण शुरू हुआ है कि तभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना के विरोध में छेड़े इस युद्ध में देश ने खोये हुए वैद्यकीय कर्मचारियों का भावपूर्ण स्मरण किया। संकट के दौर में वैद्यकीय क्षेत्र के बहुत सारे लोग घर न जाते हुए सेवा कर रहे थे। इनमें से कुछ लोग तो अपने घर पहुँच भी ना सके। उनका कृतज्ञतापूर्ण स्मरण करके, वैद्यकीय क्षेत्र में सेवा करनेवाले हर एक तक यह टीका पहुँचाया जा रहा है, ऐसा प्रधानमंत्री ने आगे कहा।

Corona-vaccinationसारी दुनिया कीं नज़रें टिके हुए भारत के इस कोरोना टीकाकरण अभियान की शनिवार से शुरुआत हुई। पहले ही दिन १,९१,१८१ लोगों को यह टीका लगवाया गया होने की जानकारी स्वास्थ्य मंत्रालय ने साझा की है। यह टीका सुरक्षित होने का यक़ीन भी स्वास्थ्य मंत्रालय ने दिलाया है। वहीं, प्रधानमंत्री मोदी ने, यह टीका यानी कोरोनाविरोधी लड़ाई में देश ने प्राप्त की विजय है, ऐसी घोषणा की। यह टीका लगवाने के बाद भी देशबांधव मास्क पहनें और सोशल डिस्टंसिंग के नियमों का पालन करें, ऐसा आवाहन प्रधानमंत्री ने किया है।

कोरोना की महामारी आने से पहले ही भारत ने सावधानता दिखायी थी। यह महामारी आ धमकने के बाद भी डॉक्टर्स, नर्सेस, पॅरामेडिकल कर्मचारी, सफाई कर्मचारी, पुलीस इन्होंने अपना कर्तव्य निभाया। इसके लिए वे कई दिनों तक अपने घर भी नहीं गये थे। इनमें से कुछ लोगों ने हमसे सदाअ के लिए विदा ली, ऐसा खेद प्रधानमंत्री ने ज़ाहिर किया। दूसरों की जान बचाने के लिए उन्होंने अपने प्राणों का बलिदान दिया। वैद्यकीय क्षेत्र में काम करनेवालों को सबसे पहले यह टीका लगवाकर हम उनका ऋण चुकता करने की कोशिश कर रहे हैं, ऐसा बयान प्रधानमंत्री ने किया।

भारत ने जिस प्रकार इस महामारी का मुक़ाबला किया, उसकी दाद सारी दुनिया दे रही है। केंद्र एवं राज्य सरकारों ने, स्थानिक प्रशासनों ने, सरकारी तथा सामाजिक संस्थाएँ इन्होंने इसकी मिसाल सबके सामने रखी कि एकजूट से कैसे काम किया जा सकता है, यह बताकर प्रधानमंत्री ने उसपर सन्तोष ज़ाहिर किया। चीन में जब कोरोना तेज़ी से फैल रहा था, तब पाकिस्तान ने अपने नागरिकों को उनके हाल पर छोड़ दिया था। लेकिन भारत चीन में फँसे अपने सभी नागरिकों को वापस अपने देश में ले आया, इसकी याद प्रधानमंत्री ने करायी।

ईरान में फँसे भारतीयों को वापस लाने के लिए टेस्टिंग लैब उपलब्ध नहीं थी। ऐसे समय, भारत ने इस देश को टेस्टिंग लैब उपहारस्वरूप दे दी और उस देश में फँसे भारतीयों को स्वदेश वापस लाया गया, इसका भी उल्लेख प्रधानमंत्री ने किया।

प्रचंड आबादी यह कोरोनाविरोधी युद्ध में भारत का कमज़ोर पहलू साबित होगा, ऐसे दावें दुनियाभर से किये जा रहे थे। लेकिन भारत ने इसे ही अपनी ताक़त बनाया है। देश में कोरोना के दो टीके तैयार हुए हैं। इससे दुनियाभर में भारत के वैज्ञानिक, भारत की वैद्यकीय व्यवस्था इनकी विश्‍वासार्हता दुनियाभर में बढ़ी है। यह भरोसा भारत ने संपादन किया है, ऐसा प्रधानमंत्री ने कहा। वैज्ञानिक और विशेषज्ञ कोरोना के टीके के प्रभाव एवं सुरक्षा को लेकर आश्‍वस्त हुए, उसके बाद ही इस टीके के इर्मजन्सी इस्तेमाल के लिए मंज़ुरी दी गयी। अत: जनता अफवाहों और अपप्रचार पर विश्‍वास न रखें, ऐसा संदेश प्रधानमंत्री ने दिया है।

Corona-vaccinationविदेशी टीके की तुलना में भारतीय टीके सस्ते हैं और आसानी से इस्तेमाल किये जा सकते हैं। कुछ विदेशी टीकों का इस्तेमाल इतनी आसाने से नहीं किया जा सकता। साथ ही, उनकी क़ीमत लगभग पाँच हज़ार रुपये इतनी है। साथ ही उन टीकों को माइनस ७० डिग्री इतने तपमान में रखना पड़ता है। लेकिन भारत में तैयार हुए टीके ऐसे नहीं हैं। देश के वातावरण में इन टीकों की यातायात करना आसानी से संभव है, ऐसा बताकर प्रधानमंत्री ने यह टीका बनानेवाले संशोधकों की प्रशंसा की। साथ ही, उसकी क़ीमत कम होने की बात पर उन्होंने ग़ौर फ़रमाया।

कोरोना की महामारी के दौर में देश की जनता ने बरते हुए संयम की भी प्रधानमंत्री ने विशेष तारीफ़ की। अब जब कोरोना का टीका आया है, तब भी जनता इसी प्रकार के संयम का प्रदर्शन करेगी, ऐसा विश्‍वास प्रधानमंत्री ने व्यक्त किया है। किसी बीमारी का टीका तैयार करने के लिए कितने सारे साल लग जाते हैं। लेकिन भारत में अल्पावधि में ही कोरोना के एक नहीं, बल्कि दो टीके विकसित किये गये। साथ ही, तीसरे टीके का परीक्षण जारी है, यह बताकर प्रधानमंत्री ने उसपर गर्व व्यक्त किया।

जिन्हें कोरोना का सर्वाधिक ख़तरा संभव है, उन्हें इस टीके के लिए शुरुआती दौर में प्राथमिकता दी जायेगी, ऐसा प्रधानमंत्री ने आगे कहा। भारत में विकसित हुए टीके सुरक्षित होने का यक़ीन दिलाकर, दुनियाभर के विकसनशील देश भारत के पास इस टीके की माँग कर रहे हैं, ऐसा प्रधानमंत्री ने बताया।

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