स्वतंत्र कुर्दिस्तान की मांग की वजह से इराक मे गृहयुद्ध भडकेगा – इराकी उपराष्ट्राध्यक्ष का इशारा

बगदाद/इरबिल: इराक मे स्थित कुर्द इसके आगे भी स्वतंत्र कुर्दिस्तान की मांग पर कायम रहे, तो इराक मे गृहयुद्ध भडकेगा, ऐसा इशारा इराक के उपराष्ट्राध्यक्ष ‘अयाद अलावी’ ने दिया है। साथ ही इराक सरकार और कुर्द इस विवाद को चर्चा से सुलझाए ऐसा आवाहन भी अलावी ने किया है। लेकिन अलावी के आवाहन को कुछ घंटे बीतने से पहले ही इराक सरकार ने जनमत लेने वाले कुर्द नेता और अधिकारीयों की गिरफ़्तारी के आदेश दिए है। इसीके साथ ही इराक सरकार ने कुर्दों के कब्जे वाले ‘किरकूक’ शहर पर हमला करने की योजना बनाने का आरोप कुर्द लगा रहे है।

दो हफ़्तों पहले इराक के उत्तरी इलाके मे कुर्दों ने जनमत लिया। स्वतंत्र कुर्दिस्तान के लिए, लिए इस जनमत की वजह से एक ही समय पर इराक, ईरान और तुर्की को बड़ा झटका लगा है। कुर्द जनमत के परिणाम को वापस ले इसके लिए पिछले कुछ दिनों से इन तीनों देशों की ओरसे कुर्दों पर दबाव डाला है और कुर्दों पर व्यापारी साथ ही आर्थिक प्रतिबन्ध लगाए जा रहे है। इसीके साथ ही इराक, ईरान और तुर्की ने कुर्दों की सीमारेखा को भी बंद किया है। इराक मे स्थित स्वायत्त कुर्दिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष मसूद बरझानी ने चर्चा की तैयारी दर्शाई थी। लेकिन हम चर्चा के लिए तैयार हुए है इसका मतलब जनमत से पीछे हटेंगे ऐसा नहीं है, ऐसा बरझानी ने स्पष्ट किया था।

स्वतंत्र कुर्दिस्तानइस पृष्ठभूमि पर इराक के उपराष्ट्राध्यक्ष अलावी ने इराक और कुर्दों को सावधान किया है। इराक सरकार और कुर्दों ने कुर्दिस्तान की समस्या पर चर्चा नहीं की तो इराक मे तनाव बढ़कर गृहयुद्ध भडकेगा, ऐसा इशारा अलावी ने दिया है। कुर्दिस्तान के साथ ही ‘किरकूक’ के मुद्दे पर भी दोनों समूहों मे चर्चा होना आवश्यक है ऐसा अलावी ने कहा है।

साथ ही ‘किरकूक’ प्रकरण मे इराक के ईरान समर्थक ‘पॉप्युलर मोबिलायझेशन यूनिट’ (पीएमयू) ने दूर रहना चाहिए, ऐसी सलाह इराक के उपराष्ट्राध्यक्ष ने दी है। ईरान समर्थक ‘पीएमयू’ के सशस्त्र सदस्यों का किरकूक मे हस्तक्षेप इराक की एकासंघता को धक्का पहुंचा सकता है, ऐसा दावा भी ने अलावी ने किया है। उसीके साथ ही ‘किरकूक’ मामले मे कुर्दों ने भी संयम रखना चाहिए, ऐसा आवाहन अलावी ने किया है।

इराक के उपराष्ट्राध्यक्ष कुर्दों को चर्चा के लिए आवाहन कर रहे है, ऐसे मे इराक सरकार अधिक आक्रामक भूमिका अपना रही है। कुर्द जनमत के परिणाम को रद्द करे इसके लिए इराकी सरकार ने दबाव डालना शुरू किया है। इराक के न्यायालय ने २५ सितम्बर को जनमत लेने वाले कुर्द नेता और अधिकारीयों की गिरफ्तारी के आदेश जारी किये है। यह जनमत इराक की घटना के खिलाफ है ऐसा साबित करके इराक के न्यायालय ने कुर्द नेताओं के गिरफ़्तारी का आदेश दिया है।

उसी समय इराक सरकार अपने खिलाफ लष्करी कार्रवाई करने की तैयारी मे है, ऐसा आरोप कुर्दों की ओरसे किया जाता है। ‘आयएस’ के खिलाफ संघर्ष मे कुर्दों ने जीता किरकूक शहर और मोसूल के पास का भूभाग कब्जे मे लेने के लिए इराकी सरकार ने लष्कर की गतिविधियाँ बढाई है, ऐसा आरोप कुर्द लगा रहे है। लेकिन इराक सरकार ने इस आरोप को अस्वीकार करके इराक लष्कर ने किरकूक के लिए कोई भी योजना बनाई नहीं है, ऐसा कहा है। इराक की सीमारेखा के पास छिपकर बैठे ‘आयएस’ के आतंकवादियों पर कार्रवाई करने के लिए यह लष्करी गतिविधियाँ शुरू है, ऐसा इराक सरकार ने स्पष्ट किया है।

दौरान, इराक के जनमत को ईरान ने विरोध किया है फिर भी ईरान मे स्थित कुर्दों ने इस जनमत का स्वागत किया है और स्वतंत्र कुर्दिस्तान की मांग को समर्थन दिया है।

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