ईराकी नेता ‘मुक्तदा अल-सद्र’ को व्हाईट हाउस में आमंत्रित करके – अमरिका इराक के लोकतंत्र को ईरान के खतरे से बचाए

बगदाद/वॉशिंग्टन: इराक में ईरान को समर्थन देने वाली सरकार ही सत्ता पर आए इसलिए ईरान के वरिष्ठ लष्करी अधिकारी जनरल कासेम सुलेमानी इराक में दाखिल हुए हैं। सुलेमानी ने इराक के ईरान समर्थक नेताओं और संगठनों के साथ चर्चा शुरू की है और इसमें ‘मुक्तदा अल-सद्र’ इस प्रभावशाली नेता का समावेश होने की जानकारी सामने आ रही है। दौरान, ईरान से अलग हुए मुक्तदा अल-सद्र को व्हाईट हाउस में आमंत्रित कीजिये और ईरान के खतरे से इराक के लोकतंत्र को बचाएं, ऐसी माँग अमरिकी विश्लेषक कर रहे हैं। पिछले शनिवार को इराक में हुए सार्वत्रिक चुनाव में ‘मुक्तदा अल-सद्र’ इस शिया पंथी नेता के ‘सैरून’ इस राजनीतिक पार्टी को सर्वाधिक ५५ प्रतिशत वोट मिले हैं। सद्र के सैरून पार्टी ने इराक के कम्युनिस्ट पार्टी के साथ हाथ मिलाया है और उनके ‘अलायंस ऑफ़ रिवोल्यूशनरीज ऑफ़ रिफॉर्म’ इस मोर्चे की तरफ से सरकार स्थापित करने के लिए कोशिशें शुरू हैं।

मुक्तदा अल-सद्र, आमंत्रित, ईराकी नेता, व्हाईट हाउस, इराक के लोकतंत्र, खतरे से बचाए, अमरिका, ईरान उधर ईरान ने भी इराक पर अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए गतिविधियाँ शुरू की हैं। ईरान के ‘कुद्स फ़ोर्स’ के नेता जनरल कासेमी सुलेमानी दो दिनों पहले इराक में दाखिल हुए हैं और उन्होंने अबादी और भूतपूर्व प्रधानमंत्री नूरी अल मलिकी, के नस्र, हादि अल-अमिरी के फताह इस पार्टी के साथ चर्चा शुरू की है। मलिकी को वापस सत्ता पर लाने के लिए सुलेमानी जोरदार कोशिश कर रहे हैं, यह जानकारी इस चर्चा से संबंधित सूत्रों ने दी है।

लेकिन ईरान की तरफ से चल रही इन गतिविधियों पर अमरिका के विश्लेषकों ने चिंता जताई है। इराक के लोकतंत्र को बचाना है, तो अमरिका ‘सद्र’ को व्हाईट हाउस में आमंत्रित करे और इराक में सत्ता स्थापन करने के लिए समझौता करे, ऐसा आवाहन इन विश्लेषकों ने ट्रम्प प्रशासन को किया है।

पिछले कुछ सालों तक सद्र कड़वे अमरिका विरोधी और ईरान समर्थक नेता के तौर पर पहचाने जाते थे। उन्होंने इराक में अमरिकी सैनिकों की हत्याएं की हैं। अमरिका ने भी सद्र के ‘माहदी आर्मी’ इस सशस्त्र संगठन को आतंकवादी घोषित किया था।

लेकिन पिछले दो सालों से सद्र ईरान से अलग हुए हैं। साथ ही सन २०१६ से सद्र की पार्टी ने इराक में ईरान समर्थक मानी जाने वाली अबादी सरकार के खिलाफ व्यापक प्रदर्शन किए थे दो महीनों पहले सद्र ने सऊदी अरेबिया का दौरा करके क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान और लेबेनॉन के प्रधानमंत्री साद हरिरी से मुलाकात भी की थी। सद्र की यह गतिविधियां ईरान विरोधी होने का दावा अमरिका के विश्लेषक कर रहे है। इस वजह से इराक में ईरान के प्रभाव को रोकना है तो अमरिका ने सद्र को समर्थन देकर इराक में सत्ता स्थापना के लिए मदद करनी चाहिए, ऐसी माँग अमरिकी विश्लेषक कर रहे हैं।

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